जोड़ों के दर्द से मिलेगी राहत, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल गुरुग्राम में रोबोटिक तकनीक से का जा रही हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी
गुरुग्राम, 1 जून 2023: मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल गुरुग्राम, दिल्ली-एनसीआर का एकमात्र ऐसा अस्पताल है जहां रोबोट की मदद से टोटल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की जाती है। रोबोटिक हिप, हिप रिप्लेसमेंट की पारंपरिक प्रक्रिया से काफी मिलती-जुलती है। इसमें डॉक्टर मरीज के कूल्हे में एक कृत्रिम जोड़ के साथ इसे बदलने के लिए क्षतिग्रस्त टिशू को हटा देते हैं।
इसमें फर्क यही है कि रोबोटिक प्रक्रिया रोबोटिक आर्म की सहायता से की जाती है। जो मरीज इंफ्लेमेटरी या नॉन इंफ्लेमेटरी डिजनरेटिव जोड़ों की समस्या से पीड़ित होते हैं उनके लिए रोबोटिक आर्म-असिस्टेड टोटल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की जाती है। ऑस्टियोआर्थराइटिस, रुमेटॉइड आर्थराइटिस, एवैस्कुलर नेक्रोसिस, पोस्ट-ट्रॉमेटिक अर्थराइटिस और हिप डिस्प्लेसिया के मामले में ये किया जाता है। मैरिंगो एशिया अस्पताल गुरुग्राम में ऑर्थोपेडिक के डायरेक्टर व एचओडी डॉक्टर हेमंत शर्मा के नेतृत्व में टीम इस तरह की सर्जरी को अंजाम दे रही है।
हाल के दिनों में ये देखा गया है कि काफी लोगों ने जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी का विकल्प चुना है। इसका कारण ये है कि पीठ या कूल्हे या घुटनों में अनचाहे दर्द के चलते लोगों को काफी परेशानियां हो रही हैं। आमतौर पर पीठ में दर्द के कारण ठीक से नींद नहीं आ पाती है, रोजमर्रा के काम करने में कठिनाई, या शारीरिक दर्द होता है। सीढ़ियां चढ़ना या ऐसी ही सामान्य गतिविधियां करना जिनमें झुकने की जरूरत पड़ती है वो मुश्किल हो जाता है। इस तरह के दर्द को ठीक करने के लिए शुरुआत में दर्द निवारक दवा या फिजियोथेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन अगर इन विकल्पों से भी काम नहीं चलता है तो फिर हिप रिप्लेसमेंट एकमात्र रास्ता बचता है जिससे मरीज को राहत मिलती है।
दुनिया के दूसरे हिस्सों भी हिप रिप्लेसमेंट के लिए मरीज भारत आ रहे हैं। यहां सर्जरी कराना बहुत ही आसान व लाभदायक साबित हो रहा है। सर्जरी के अभूतपूर्व रिजल्ट आते हैं और पश्चिमी देशों में सर्जरी महंगी भी होती है, जिसके चलते मरीज भारत का रुख करते हैं। साथ ही, ये एक बहुत ही जटिल सर्जरी है और इसे बहुत ही स्किल्ड व विशेषज्ञ आर्थोपेडिक सर्जन ही कर सकते हैं।
मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल गुरुग्राम में ऑर्थोपेडिक के डायरेक्टर व एचओडी डॉक्टर हेमंत शर्मा ने कहा, ‘’रोबोटिक हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण 3डी इमेजिंग रहती है जिससे मरीज के जोड़ों का एक पूरा खाका सामने नजर आता है। इससे सर्जरी के रिजल्ट अच्छे आते हैं और 95 फीसदी तक सटीक रहते हैं। मरीज की रिकवरी बहुत जल्द होती है। इसके अलावा ये भी बहुत मायने रखता है कि मरीज को किस तरह और किस क्वालिटी का इंप्लांट किया गया है। हम अपने मरीजों के लिए बेस्ट क्वालिटी का इस्तेमाल करते हैं ताकि वो सर्जरी के बाद उनकी अच्छे से रिकवरी हो सके।’’
डॉक्टर अजय डोगरा, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल में रीजनल डायरेक्टर हैं, उन्होंने कहा, ‘’मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल अपने यहां ग्लोबल स्टैंडर्ड के हिसाब से मरीजों को बेहतर सुविधाएं दे रहा है। रोबोटिक आर्म की मदद से की जाने वाली सर्जरी से मरीज की तुरंत रिकवरी होती है, परंपरागत सर्जरी की तुलना में मरीज के जॉइंट बहुत तेजी से रिस्टोर होते हैं, कम वक्त में ही मरीज अपने रोजमर्रा के काम करने लगते हैं और उन्हें बहुत ही कम परेशानी होती है। हमारा उद्देश्य अपने मरीजों को लेटेस्ट टेक्नोलॉजी की मदद से हाई क्वालिटी इलाज मुहैया कराना है।’’
भारत में हर साल हिप रिप्लेसमेंट काफी संख्या में किए जा रहे हैं। टोटल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी हर उम्र के मरीजों में सफलतापूर्वक की जा रही है। जुवेनाइल अर्थराइटिस से ग्रसित नौजवान लोग हों या डिजनरेटिव डिजीज से पीड़ित बुजुर्ग लोग हों, ये सर्जरी कभी लोगों के लिए की जा रही है। इन सर्जरी का 90-95 फीसदी सक्सेस रेट है। रिप्लेसमेंट को जो चीज सबसे ज्यादा प्रभावित करती है वो ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी और अधिक वजन है।
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