भाजपा के 2019 विधानसभा चुनाव के घोषणापत्र में प्रदेश के 14 लाख किसानों को 3000 रुपये मासिक मानधन/ पेंशन देने का वादा किया था, 3.5 साल होने के बावजूद इस दिशा में प्रदेश सरकार ने कोई कदम नही उठाया बल्कि अनेकों बार किसानों पर लाठीचार्ज किया गया और उनको जेल भेजा गया। आम आदमी पार्टी के गुरुग्राम लोकसभा अध्यक्ष मुकेश डागर और कार्यकर्ता धनराज बंसल ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर प्रदेश सरकार से इसको तुरंत प्रभाव से लागू करने की मांग की है। अगर ये वायदा निभाते तो प्रदेश के किसानों को हर महीने (14 लाख * 3000= 420 करोड़) 420 करोड़ रूपये मिलते यानी हर साल 5040 करोड़ रुपये। 5 साल में प्रदेश के किसानों को 25200 करोड़ रुपये का फायदा होना था।
एक वायदाखिलाफी से प्रदेश के किसानो के 25 हज़ार करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है।
आम आदमी पार्टी की मांग है कि सरकार अपने घोषणापत्र के इस वायदे के अनुसार 2019 से अब तक का लगभग 20000 करोड़ बकाया रुपये भी प्रदेश के किसानों को दे।
एक बार ये लागू हो जाता तो आने वाले वर्षों में भी इसमें बढ़ोतरी होती रहते, जैसे बुजुर्गों की पेंशन 100 रुपये महीने से शुरू हुई थी, आज 2750 रुपये महीना है।
हर किसान परिवार (5 एकड़ से कम जमीन वाले) को 2019-24 5 सालों में 1 लाख 80 हजार रुपये मिलते।
ये तो संकल्प पत्र में लिखा हुआ वायदा है, 15 लाख रुपये देने जैसा जुबानी जमा खर्च नही।
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