गुरुग्राम : मानसून सीजन के निकट आने से एक बार फिर से साइबर सिटी के उद्योग जगत में चिंता का वातावरण बनता दिख रहा है। गुरुग्राम के आईएमटी मानेसर खासकर मानेसर चौक, सेक्टर 37 औद्योगिक क्षेत्र, उद्योग विहार आईडीसी औद्योगिक क्षेत्र, बहरामपुर, बेगमपुर खटोला, बसई कादीपुर और दौलताबाद औद्योगिक क्षेत्र को पिछले डेढ़ दशक से बरसाती पानी के निकास की ठोस व्यवस्था का इंतजार है। हर साल नगर निगम और जिला प्रशासन की ओर से यह आश्वासन दिया जाता है और दावा किया जाता है कि अगले सीजन में औद्योगिक क्षेत्रों में जलभराव नहीं होने दिया जाएगा। सरकारी स्तर पर बरसाती जल निकासी को लेकर औद्योगिक क्षेत्रों में वर्षा जल निकासी को लेकर कितने प्रबंध किए गए हैं इसकी पोल पिछले 2 दिनों की बारिश में खुल गई है। यदि सेक्टर 37 औद्योगिक क्षेत्र की बात की जाए तो यहां किस सड़कों से वर्षा का पानी अभी तक पूरी तरह से नहीं निकला है। यहां सीवर ओवरफ्लो और वर्षा जल की निकासी के उचित प्रबंध का व्यापक अभाव है। देखने में आ रहा है कि तमाम प्रयास के बाद भी हीरो हौंडा चौक के आसपास के क्षेत्रों में जलभराव की समस्या किसी न किसी प्रकार से बनी हुई है। यह उद्योग जगत से लेकर आम शहरवासियों तक के लिए बड़ी समस्या है। इसके समाधान को लेकर जब तक जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री हरियाणा के महासचिव दीपक मैनी का कहना है कि जिले के हर औद्योगिक क्षेत्र में बरसाती जल निकासी और सीवर से जुड़ी समस्या लगातार बनी हुई है। बार-बार शिकायत और मांग के बाद भी कई साल से इन समस्याओं के समाधान के प्रति नगर निगम की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इनका कहना है कि सेक्टर 37 में ड्रेनेज सिस्टम में सुधार के लिए टेंडर निकाला गया। मगर इस पर अभी तक जमीनी स्तर पर काम पूरा नहीं हुआ है। दीपक मैनी ने टेंडर पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा टेंडर जो बरसात के बाद पूरा होगा क्यों निकाला जाता है। इसका सीधा अर्थ यह है कि नगर निगम गुरुग्राम की इस कार्यप्रणाली से इस बार के मानसून सीजन में भी यह औद्योगिक क्षेत्र डूबेगा।
दीपक मैनी ने कहा कि पिछले 1 माह की बात की जाए तो विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में 100 से अधिक विदेशी प्रतिनिधि कारोबारी बातचीत के लिए कंपनियों में आए। जिस प्रकार से औद्योगिक क्षेत्रों में जलभराव और सीवर ओवरफ्लो सहित अन्य समस्याओं को देखा तो उसे भारत की औद्योगिक छवि कहीं न कहीं प्रभावित हुई है। इनका कहना है कि कई प्रतिनिधियों ने तो बुनियादी सुविधाओं के अभाव के बारे में विभिन्न कंपनियों के मालिकों से बात भी की। मैनी का कहना है कि नगर निगम को अपनी कार्य प्रणाली मैं सुधार लाने की जरूरत है।
आईडीसी और उद्योग विहार औद्योगिक क्षेत्र में जलभराव के साथ-साथ जलभराव के साथ-साथ सीवर ओवरफ्लो एक बड़ी समस्या बनी हुई है। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार कारोबारी सहूलियत को बढ़ावा देने का काम कर रही है मगर सरकारी विभाग अपनी लचर और लापरवाह भरी कार्यप्रणाली से प्रदेश सरकार की मंशा पर पानी फेरने का काम कर रहे हैं। पिछले कुछ सालों से मानसून सीजन में जलभराव पर नजर डाली जाए तो नरसिंहपुर सेक्टर 37 औद्योगिक क्षेत्र आईडीसी औद्योगिक क्षेत्र बसई कादीपुर और दौलताबाद औद्योगिक क्षेत्र स्थित विभिन्न औद्योगिक इकाइयों के अंदर भी बरसाती पानी पहुंच जाता है। इससे फैक्ट्रियों में रखें कच्चे माल तैयार उत्पाद और मशीनें खराब होती हैं। मानसून सीजन में हर साल उद्योग जगत को करोड़ों रुपए की आर्थिक हानि होती है। इन समस्याओं के जल्द से जल्द समाधान के लिए ठोस एक्शन प्लान तैयार कर काम करना होगा।
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