जीएमडीए मे भरे हुए हैं अयोग्य और सिफारिशी लाल अधिकारी - माईकल सैनी

सिफारिशों के दम पर चिपके पड़े हैं जीएमडीए में रिटायर्ड अधिकारी : माईकल सैनी (आप)

सरकार की मनाही के बावजूद रिटायर्ड अधिकारियों को एक्सटेंशन क्यों ? माईकल सैनी (आप)



गुरुग्राम 30/6/2023 जनता के टैक्स रूपी धन में सेंध लगाने एवं उसे दीमक की तरह चट करने का कार्य निरंतर गत वर्षों से जारी है  गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) को हरियाणा सरकार ने शहर को स्मार्ट  आधुनिक, विकसित, सुविधायुक्त तथा भृस्टाचारमुक्त करने की मंशा से बनाया था  परन्तु यही प्राधिकरण आमजन के लिए सफेद हाथी साबित हो रहा है  दूसरी ओर यही भृस्ट और रिटायर्ड अधिकारियों की पसंदीदा शरणस्थली बना हुआ है  जब्कि जनता को निचोडकर विभिन्न प्रकार के करों की उगाही के बावजूद खजाना खाली रहता है  जिसकी प्रमुख वजह मौजूदा सरकार की अनदेखी हो सकती है !

तरविंदर सैनी (माईकल) द्वारा एक आरटीआई में मांगी गई जानकारी के जवाब में रिटायर्ड कर्मचारियों व अधिकारियों की संख्या लगभग 50 बताई गई और उनकी सैलरीयां सवा लाख से पौने दो लाख बताई गई और तमाम खर्चो के बारे में जो आंकड़े प्राप्त हुए वह बेहद चोंकाने वाले हैं जो प्रत्येक अधिकारी पर करीबन 15 लाख वार्षिक खर्च होता है  और प्रतिवर्ष 10 करोड़ 50 लाख है जो पिछले छ वर्षो से खर्च किया जाता रहा है और जिसका कोई भी लाभ स्थानीय जनता को नहीं मिला है !

माईकल सैनी के अनुसार अधिकांश रिटायर्ड अधिकारी बायोमेट्रिक हाजरियां भी नहीं लगाते हैं और पूरी सेलरियाँ पाते हैं , इनमें से कुछ तो अति वृद्धावस्था में भी किन्हीं सिफारिशों के कारण आज भी यहाँ टिके हुए हैं और कुछ काबलियत कम होने उपरांत भी उच्चपदस्थ हैं और जिन्हें बार-बार एक्सटेंशन मिल जाती है जब्कि अनेकों शिकायतों उपरांत जारी सरकारी आदेशों में इनपर रोक लगाने बारे निर्णय लिया गया है मगर कुछ अधिकारी योग्यता कम होने पर भी उच्च पदों पर बैठे हैं  निम्नलिखित - एस,के चहल (जॉइंट सीईओ)जो रिटायरमेंट के बाद भी ऑन ड्यूटी एचसीएस अधिकारी की पोस्ट पर नियुक्त है जब्कि इनके समानांतर रेगुलर पोस्ट पर अधिकारी मौजूद है जिन्हें दरकिनार कर अतिरिक्त वित्तीय एवं निर्णायक शक्तियां इस अधिकारी को प्राप्त है जो सरासर नियमों के विरुद्ध प्रतीत होता है ।

इसी प्रकार एमआर शर्मा जो बर्खास्तगी के बावजूद (चीफ इंजीनियर) जैसे महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त हैं जो कि तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी विवेक जोशी द्वारा निष्कासित कर दिए जाने के बाद भी नियुक्त हैं मगर किसने किया यह जांच का विषय है  मगर सवाल फिर वही है कि जांच कराए कौंन ?

ठीक ऐसा ही एक और मामला पीडी शर्मा जिनके लिए अतिरिक्त पद निर्माण कर उन्हें (डिप्टी सेक्रेटरी) लगा रखा है जिन्हें सरकार ने रिटायर किया मगर अधिकारी बन सारी सुख सुविधाओं का मज़ा लेते रहने की चाह इन्हें हटने ही नहीं देती है !

एक और ऐसे ही अधिकारी माँगे राम जिनपर एक वरिष्ठ अधिकारी के लिए उगाही करने के आरोप लगे मगर लायक नहीं होने पर भी (एटीपी) जैसे महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त है   अश्वनी शर्मा भी (क़ानूनगो)पद पर नियुक्त हैं जिन्हें अपनी सुध है ना कानून की परन्तु जीएमडीए में जमे बैठे हैं !

नेहा शर्मा जो (पीसीओ) पद पर नियुक्त हैं जो एक रिटायर्ड (एचसीएस) अधिकारी अरुण शर्मा की पुत्रवधू बताई जाती हैं जो योग्यता न होते हुए भी सरकार से मोटी सैलरी और गाड़ी आदि की सुविधा ले रही तथा गाड़ी लायक पद नहीं होते हुए भी गाड़ी ड्राइवर मिला हुआ है मगर जीएमडीए में सब चलता है कि तर्ज पर चल रही है गाड़ी भी और नोकरी भी  !

माईकल सैनी कहते हैं कि ऐसे और भी ना जाने कितने एक्सईएन, एसडीओ, जेई हैं जिनके नाम लिखना संभव नहीं हैं  मगर गुरुग्राम की जनता के टैक्स रूपी धन को इन रिटायर्ड अधिकारियों की सुख सुविधाओं पर लुटाया जा रहा है जो सरासर जनता के साथ धोखा देने जैसा है !

आवश्यकता नव युवकों को रोजगार का अवसर देने की है और जो समय की सबसे बड़ी माँग भी है मगर सरकार का इन रिटायर्ड अधिकारियों से मोहभंग हो तब तो वह बेरोजगार युवाओं के बारे में सोचे  ?

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