विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस२०२३ पर दिया पर्यावरण रक्षक बनने का जन संदेश शाश्वतम्, प्रकृति-मानव-सङ्गतम्,
सङ्गतं खलु शाश्वतम्।
तत्त्व-सर्वं धारकं
सत्त्व-पालन-कारकं
वारि-वायु-व्योम-वह्नि-ज्या-गतम्।
शाश्वतम्, प्रकृति-मानव-सङ्गतम्।।(ध्रुवम्)भावार्थ: प्रकृति और मनुष्य के बीच का संबंध शाश्वत है।
रिश्ता शाश्वत है।
जल, वायु, आकाश के सभी तत्व,
अग्नि और पृथ्वी वास्तव में धारक हैं
और जीवों के पालनहार।
यधुवंधी शिक्षा निकेतन सेक्टर 82 गुरुग्राम हरियाणा में विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस२०२३ पर दिया पर्यावरण रक्षक बनने का जन संदेश दिया गया , मिट्टी की खुशबू राष्ट्र मुहिम द्वारा पर्यावरण संरक्षण और कुम्हार परिवारों और मिट्टी से बने सामान को घर घर तक जन जन लेकर जा रही है और इसी बीच यशुवशी शिक्षा निकेतन के चेयरमैन श्री रमेश गोयल और प्रिसीपल संदीप चौहान एवं अध्यापक रोहित सैनी एवम् सभी टीचर्स और बच्चो के साथ मनाया गया और राष्ट्र पेड़ बरगद के पेड़ और बहुत सारे ऑक्सीजन प्लांट्स और पेड़ पौधे को भी स्कूल प्रांगण में लगाया गया! हरियाणा सरकार प्रदेश पर्यावरण संरक्षण प्रमुख आदरणीय नवीन गोयल जी का भी स्कूल मैनेजमेंट ने पेड़ पौधे भिजवाने पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई एवम साधुवाद प्रकट किया ,
दश कूप समा वापी, दशवापी समोह्नद्रः।
दशह्नद समः पुत्रों, दशपुत्रो समो द्रमुः।।
भावार्थ:
एक पेड़ दस कुओं के बराबर,एक तालाब दस सीढ़ी के कुएं के बराबर, एक बेटा दस तालाब के बराबर, एक पेड़ दस बेटों के बराबर। प्रकृति है तो हम है प्रकृति देती जीवन दान, हम भी इसका करें सम्मान ,जहां है जीवन और मरण, आओ स्वच्छ करें वो पर्यावरण।
मिट्टी की खुशबू राष्ट्र मुहिम के फाउंडर हीरा अमित रोहिल्ला और उनकी टीम ए फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा जन संदेश दिया *पर्यावरण के रक्षक बने* अभी भी मानव अब तक न समझ पाया है कि हमने प्रकृति को नहीं प्रकृति ने हमे बनाया है।
वृक्ष, हवा, धरती और जल, ये हैं हमारी जरुरतें हर पल। जय हिन्द जय भारत वंदेमातरम
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