रामनाथ कोविंद और भगत सिंह कोश्यारी ने साहित्यकारों को किया सम्मानित



पहले सत्र में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने संस्कृति के लिए कार्य करने वालों और साहित्यकारों को सम्मानित किया। जम्मू कश्मीर से आए संस्कृति प्रेमियों के प्रतिनिधि मंडल को संयुक्त रूप से संस्कृति संवर्धन सम्मान प्रदान किया गया। श्री भारत भूषण चड्ढा, जाह्नवी पत्रिका के लगातार 58 वर्ष तक प्रकाशक एवं संपादक रहे साहित्यकार संस्कृति संवर्धन सम्मान दिया गया। डा. विनोद कुमार यादव की पुस्तक भारतीय संसद का लोकार्पण मुख्य अतिथियों ने किया। दूसरे सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में भगत सिंह कोश्यारी ने सरस्वती नदी और भारतीय सभ्यता विषय पर अपनी बात रखी और सरस्वती नदी को मिथक से यथार्थ की ओर लाने वाले पद्मभूषण स्व. श्री दर्शन लाल जैन के परिवार को संस्कृति संवर्धन सम्मान दिया गया। भारतीय इतिहास की विविध कलाओं के संरक्षण में योगदान के लिए कैसी आर्यन म्यूजियम के संचालक बीएन आर्यन को सम्मानित किया गया। 



तीसरे सत्र में शाम को कलाकारों ने बांधा समां।

संस्कृति महोत्सव के दूसरे दिन तीसरे सत्र में शाम को कलाकारों ने भारतीय नृत्य, संगीत और लोकगीत एवं नाटक से समां बांध दिया। 



संघ संस्थापक डा. हेडगेवार के जीवन पर आधारित वरिष्ठ साहित्यकार श्री लक्ष्मीनारायण भाला द्वारा लिखित केशव कल्प पर नृत्य व संगीतमई प्रस्तुति हुई।  मुम्बई के संस्क्रीता फाऊंडेशन के कलाकारों ने अपनी कला का बेहतर प्रदर्शन किया। दक्षिण भारत की समृद्ध संस्कृति पर केंद्रित नित्य चैतन्य करारी और भरत नाट्यम तथा तेलगु में कुचीपुड़ी नृत्य का अद्भुत आयोजन भारत भारती दिल्ली के कलाकारों द्वारा किया गया 



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