प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सरकारी संस्थानों ने क्या किए ठोसउपाय इन्हें किया जाए सार्वजनिक : प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री
-सीएनजी-पीएनजी को लेकर बुधवार को जिला प्रशासन द्वाराविभिन्न औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ की बैठक
-बैठक के दौरान पीएफटीआई के पदाधिकारियों ने औद्योगिक हित सेसंबंधित मुद्दों को पुरजोर ढंग से उठाया
गुरुग्राम 24 अगस्त :सीएनजी-पीएनजी पर शिफ्ट होने में उद्योगों को किन बिंदुओं पर परेशानी हो रही हैइसके बारे में उद्योग जगत की राय जानने के लिए बुधवार को जिला प्रशासन की ओर सेलघु सचिवालय स्थित उपायुक्त कार्यालय के कांफ्रेंस हाल में एक बैठक आयोजित हुई।इसमें विभिन्न औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस मौके परव्यापार और उद्योग जगत के हित में राष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत प्रोग्रेसिव फेडरेशनऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (पीएफटीआई), गुरुग्राम द्वाराऔद्योगिक हित से संबंधित विभिन्न मुद्दों को जिला प्रशासन के समक्ष बड़े ही मजबूतढंग से उठाया गया। इसके अलावा औद्योगिक हित से जुड़े कुछ विशेष सुझाव भी उपायुक्तश्री निशांत कुमार यादव के नाम लिखित रूप से दिया गया है। पीएफटीआई के वाइस चेयरमैन डॉ एसपी अग्रवाल ने बैठक के दौरानजिला प्रशासन के समक्ष यह मांग रखी कि वायु प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण को लेकरस्थानीय सरकारी अथॉरिटी ने पिछले पांच वर्ष में कौन.कौन से प्रभावी व ठोस उपाय किएइन्हें सार्वजनिक किया जाए। वहीं प्रदूषण पर अंकुश लगाने के मामले में स्थानीयअथॉरिटी की जवाबदेही तय करने की भी मांग उन्होंने मजबूती से उठाई।
इसके अलावा डॉअग्रवाल ने सफाई के मुद्दे को भी पुरजोर तरीके से उठाया। कहा कि शहर में जहां-तहांकूड़ा डंप किया जा रहा है। इससे शहर की सूरत बिगड़ रही है। वहीं देश-विदेश सेगुरुग्राम आने वालों के मन में इसके प्रति नकारात्मक छवि बनती है। उन्होंने जिलाप्रशासन से कहा कि कचरा निस्तारण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। पीएफटीआई केजिला अध्यक्ष पीके गुप्ता ने पीएनजी-सीएनजी गैस आपूर्ति करने वाली कंपनियों केएकाधिकार पर अंकुश लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में गैस कीआपूर्ति के लिए एक से अधिक प्लेयर होने चाहिएए जिससे उपभोक्ता अपने लिए उचितविकल्प को चुन सकने में सक्षम हो सके। देखने में यह आ रहा है कि जहां भी गैसआपूर्ति की एक ही कंपनी है वहां मनमाने ढंग से औद्योगिक उपभोक्ताओं से शुल्क वसूलाजाता है। बैठक में पीएफटीआई के जिला महासचिव राकेश बत्रा ने बैठक में सुझाव दियाकि वर्तमान में एसएमई बेहद चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा रही है। इस क्षेत्र कोआर्थिक मदद का अभाव लगातार अखर रहा है। ऐसे में पीएनजी का जनरेटर खरीदने तथा पीएनजीका कनेक्शन लेने के लिए विशेष आर्थिक सहायता यानि सब्सिडी या कम ब्याज वाले ऋणदेने की दिशा में ठोस कदम सरकार की ओर से उठाने की जरूरत है। इस बैठक में प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ ट्रेडएंड इंडस्ट्री के अलावा, चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज ऑफ उद्योग विहार, आइएमटी इंडस्ट्रियल एसोसिएशन मानेसर, मानेसर इंडस्ट्रीज वेलफेयर एसोसिएशन, आइडीए, दौलताबाद रोड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
---पीएफटीआई की ओर से जिला प्रशासन को निम्नलिखित सुझाव दिए गए :
1
निर्वाध रूप से बिजली की 24/7 बिजली की आपूर्ति होनी चाहिए जिससे जेनरेटर की आवश्यकता ही ना पड़े और सरकार को बार-बार विकल्प बदलने के बजाय एक स्थायी समाधान उपभोक्ताओं को देना चाहिए। इसके लिए बिजली ही सबसे उत्तम और सही विकल्प है पीएनजी का इंफ्रास्ट्रक्चर ठीक करने की बजाय बिजली का इंफ्रास्ट्रक्चर ठीक किया जाना चाहिएए यदि बिजली का इंफ्रास्ट्रक्चर ठीक हो जाताहै तो सारी समस्याओं का समाधान स्वतः ही हो जाएगा।
2
पीएनजी और सीएनजी गैस कंपनियों के एकाधिकार पर अंकुश लगानाःकंपनियों के एकाधिकार होने के कारण पिछले 3 साल में पीएनजीके रेट लगभग दोगुना हो गए हैं। पीएनजी और सीएनजी गैस कंपनियों के एकाधिकार कोसमाप्त करते हुए और विकल्प भी मार्केट में उपलब्ध होने चाहिएए जिससे कंपटीशन होनेकी स्थिति में बेहतर सुविधा और कंपीटीटिव रेट्स प्राप्त होने से उद्योगों को लाभमिल सकेगा।
3
मिनियम कंजेप्शन यूजेस चार्जेस को समाप्त किया जाए
4
लघु और मध्यम उद्यमों के लिए आर्थिक सहायता रू एसएमई के लिएयह समय बेहद चुनौतीपूर्ण है। इस क्षेत्र को आर्थिक मदद का अभाव काफी अखर रहा है।पीएनजी का जनरेटर खरीदने तथा पीएनजी का कनेक्शन लेने के लिए विशेष आर्थिक सहायतासब्सिडी या कम ब्याज वाले ऋण देने की दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
5
स्थानीयकृत सहायता केंद्र उद्योगों की सहायता के लिएस्थानीय स्तर पर एक सपोर्ट सेंटर स्थापित किया जाए। जो उद्योगों से जुड़े प्रश्नोंसमस्याओं के निवारण और मार्गदर्शन के लिए एक संपर्क बिंदु के रूप में कार्य कर सके।
6
आपूर्तिकर्ताओं के बीच आपसी तालमेलः आपूर्तिकर्ताओं के बीचनियमित रूप से तालमेल स्थापित किया जाएए जिसमें औद्योगिक प्रतिनिधियों सहित अन्यआपूर्तिकर्ता आपस में जुड़े और एक दूसरे को अपना फीडबैक दें जिससे उन चुनौतियों कोसमझने में मदद मिल सके जिसका सभी वर्तमान में सामना कर रहे हैं। 7 मूलभूत संरचना में सुधार होना चाहिएरू गैस से संबंधितइंफ्रास्ट्रक्चर बेहद जटिल है। ऐसे में इसकी विशेष प्रकृति को देखते हुए यहदुर्घटनाओं और किसी अन्य प्रकार की विपरीत या अप्रिय परिस्थिति से इस मूलभूतसंरचना को सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक मजबूत सुरक्षा तंत्र तैयार किया जानाचाहिए। 8 तकनीकी निगरानी गैस के उपयोग रिसाव की जांच और पाइपलाइन कीरियल टाइम निगरानी का उचित तकनीकी प्रबंध होना चाहिए। इससे किसी भी प्रकार केसंभावित खतरे के बारे में समय से जानकारी प्राप्त होगी और उस खतरे को प्रभावी तरीकेसे टाला जा सके।
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