यह एक सत्य है कि हमारा देश हिंदू बहुसंख्यक देश है और स्वर्ग के समान है क्योंकि यहां प्रकृति के द्वारा दी हुई हर एक चीज है यहां सभी रितु ओं का आगमन है और यह भी सत्य है की ब्रिटिश सरकार के खिलाफ सभी समुदाय के लोगों ने मिलकर संघर्ष किया आजादी की लड़ाई लड़ी नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा बनाई गई इंडियन नेशनल आर्मी आई एन ए मैं सभी तरह के लोग शामिल थे उन्होंने जयहिंद का नारा दिया सभी एक दूसरे का पूरा मान सम्मान करते थे उन सभी का मकसद एक ही था हिंदुस्तान आजाद करवाना चाहे नेता जी हो गांधीजी चंद्रशेखर आजाद भगत सिंह राम प्रसाद बिस्मिल हो अशफाक उल्ला खा राजगुरु सुखदेव आदि हो और और उन महापुरुषों की बदौलत देश आजाद हो गया लेकिन सत्ता के बंटवारे को लेकर नेताओं में झगड़ा हुआ मुस्लिम लीग ने भी अपना दावा ठोक दिया और दोनों समुदायों में इतना तनाव हुआ की नफरत की लड़ाई देश के कोने कोने में फैल गई और लाखों लाख बेकसूर लोगों का कत्लेआम हुआ हिंदू और मुस्लिम दोनों तरफ के लोग मारे गए लेकिन इतने बड़े संकट के बीच उन सामाजिक लोगों ने पूरी मजबूती के साथ अपनी इंसानियत का परिचय दिया और लाखों मुसलमान भाइयों को सुरक्षित बचाया अपने साथ रखा कुछ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होने दी खाना तक अपने घरों से खिलाया
इसी प्रकार पाकिस्तान से भी हमारे हिंदू भाई यहां तक पहुंचे जो आज हमारे बीच हैं लेकिन उपद्रवियों की वजह से बिना समझ के कारण दोनों तरफ कत्लेआम भी हुआ और गुंडा तत्वों का सामना करते हुए बहुत लोगों को बचाया भी गया अभी हाल नूह मेवात में जो दंगा हुआ जिसमें 6 लोगों की जान चली गई सैकड़ों घायल हुए और करोड़ों रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ जिसकी भरपाई कभी पूरी नहीं हो सकती और यह भी स्पष्ट हो गया कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने किया लेकिन यहां एक खास बात यह है कि आज भी सामाजिक लोग जिंदा है मेवात के अंदर इस दंगे में एक सरपंच मुस्लिम भाई अपनी टीम को लेकर गुरुकुल के गेट पर खड़ा रहा जिसमें 30 बच्चे पढ़ रहे थे और उपद्रवियों को दो बार यह कह कर भगाया कि गुरुकुल हमारे इलाके की शान है नहीं तो उन बच्चों की जान खतरे में थी इसी प्रकार दूसरे गांव में एक मुस्लिम सामाजिक कार्यकर्ता अपने साथियों को साथ लेकर हनुमान मंदिर पर खड़े हुए उन्होंने भी दंगा करने वालों को वहां से भगाया और जब यह खबर गुरुग्राम जैसे शहर में फैली तो हिंदू समाज के उन सामाजिक लोगों ने मुस्लिम समाज के लोगों को बचाया जो हमारे बीच में और साथ में रहते हैं काम करते हैं बहुत लोग दुकानों कारखानों मैं काम करते हैं
इसलिए इंसानियत आज भी है और ऐसे लोगों का सामाजिक तौर से सरकार व प्रशासन की तरफ से भी सम्मान होना चाहिए संकट की घड़ी में जिन लोगों ने अपनी इंसानियत का परिचय दिया हम उनकी सराहना व सम्मान करते हैं अब सवाल पैदा होता है कि इस आधुनिक युग में भी इस तरह के दंगे क्यों होते हैं देखिए सबसे पहली बात तो यह है की मजबूत पुलिस प्रशासन चाहिए इस दंगे में प्रशासन की बहुत बड़ी कमी रही है मेवात के माहौल का पता होते हुए भी पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए बिना पुलिस फोर्स के उपद्रवियों का हौसला सातवें आसमान पर था और दंगा होने के कई घंटों बाद अतिरिक्त पुलिस फोर्स पहुंची जब तक श्रद्धालु भगवान भरोसे थे जिसमें महिला और बच्चे भी शामिल थे और उस भयानक स्थिति को देखकर जो गोलियों की आवाज आ रही थी गाड़ियां फुकी जा रही थी सभी लोग भगवान से अपनी जिंदगी की भीख मांग रहे थे लाचार व बेबस थे दूसरा सवाल यह है कि शिक्षा और बेरोजगारी क्योंकि इस तरह के दंगों में ज्यादातर बेरोजगार और अनपढ़ लोग आगे रहते हैं इस दंगे में खास बात यह भी है कि अप्रैल महीने में पुलिस द्वारा उन लोगों को पकड़ा गया था जो लोगों के साथ ठगी करते हैं साइबर फ्रॉड करते हैं उनके पास से लगभग 2500 सिम पकड़ी गई गिरफ्तार भी किया गया और अब भी रोजाना किसी न किसी जानकार के साथ ठगी व फ्रॉड हो रहा है पुलिस ने लगातार अभियान जारी रखना चाहिए
तीसरा सवाल यह है कि कुछ लोग फ्री का पैसा कमाने के चक्कर में गाय चुराते हैं और उनको कसाई खाना ले जाकर कटवाते हैं जबकि गाय हिंदुओं की आस्था का विषय है धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई हैं गाय को गौ माता के रूप में पूजा जाता है और पहले हिंदू मुसलमान सभी घरों में गाय होती थी क्योंकि दूध भी देती और बछड़े देती थी जो बैल के रूप में खेती के काम आते थे सभी समुदाय के लोग घरों में गाय और बैल रखते थे लेकिन आज मशीन युग है ट्रैक्टर से खेती करते हैं इसलिए ज्यादातर लोगों ने गाय रखना छोड़ दिया और कुछ गाय खुली घूमती रहती हैं ज्यादातर गाय गौशालाओं में पहुंच गई हैं लेकिन कुछ लोग गायों को उठाते हैं हिंदू समाज के लोगों को पता लगने पर जो छुड़वाने की कोशिश करते हैं उनको वह लोग गोली तक मार देते हैं ऐसे भी पहले कई दंगे हुए हैं इसमें उन मुसलमान भाइयों को उन सामाजिक लोगों को अपने समुदाय में फैसला लेना होगा कि गौमाता से कोई छेड़छाड़ ना हो और हम सभी एक दूसरे की धार्मिक भावनाओं का ख्याल रखें चाहे कोई किसी भी धर्म को माने हमें एक दूसरे से नफरत नहीं होनी चाहिए और कोई भी धर्म यह इजाजत नहीं देता कि आप निर्दोष लोगों की हत्या करो कत्लेआम करो असल में जो ऐसा करता है वहअधर्मी लोग हैं वे कतई धार्मिक नहीं हो सकते ऐसे लोगों को सख्त से सख्त सजा मिले सामाजिक बहिष्कार हो चाहे किसी भी समुदाय से हो और आगे ऐसी घटनाएं ना हो इसलिए हम सरकार प्रशासन और उन सामाजिक लोगों से निवेदन करते हैं कि वह आगे आए और सही दिशा दे सही रास्ता दिखाएं ताकि आपस में सभी का भाईचारा बना रहे इंसान इंसान का दुश्मन ना बने निर्दोष लोगों को इसका खामियाजा ना भरना पड़े! (जयहिंद) लेखक सामाजिक प्राणी *श्रीपाल शर्मा गुरुग्राम*
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