श्रीपाल शर्मा ने कई कार्यक्रम में भाग लेकर मनाया स्वतंत्रता दिवस

 


श्रीपाल शर्मा ने बताया आज तमाम हिंदुस्तान व पूरे भारतवर्ष में 77 वां स्वतंत्रता दिवस तिरंगा फहराते हुए पूरे मान सम्मान के  साथ गली मोहल्लों में पार्कों में ग्रामीण क्षेत्रों में शहरों में स्कूलों में आम जनता व सामाजिक संगठनों के द्वारा राज्य सरकारों के द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाया गया दिल्ली के लाल किले पर प्रधानमंत्री ने झंडा फहराया और देश को संबोधित किया! इसी कड़ी में समाजसेवी श्रीपाल शर्मा अध्यक्ष कादीपुर इंडस्ट्रियल एसोसिएशन अध्यक्ष  अध्यक्ष शहीद यादगार मंच हरियाणा की तरफ से कई कार्यक्रमों में शामिल होने का अवसर मिला सबसे पहले श्रीराम पार्क सेक्टर 4 लक्ष्मण विहार कम्युनिटी सेंटर G.I.A हाउस सेक्टर 14 अशोक विहार भगत सिंह पार्क सूर्य विहार सलम स्कूल गुरुग्राम के कई कार्यक्रमों में सुबह 8 बजे से दोपहर 3 बजे तक आजादी दिवस मनाते हुए उन महापुरुषों को नमन करते हुए अपने विचार रखने का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ श्रीपाल शर्मा ने बताया कि 1857 की क्रांति से 15 अगस्त 1947 तक देश को आजाद होने में 90 वर्ष लगे जिसमें खुदीराम बोस राम प्रसाद बिस्मिल चंद्रशेखर आजाद भगत सिंह जैसे महान सपूत महान क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की बाजी लगाई और देश की जनता को आजादी के लिए जागृत किया इनके साथ लाखों लाख अनगिनत लोग जेलो में व अंग्रेज पुलिस की गोलियों से शहीद हो गए 



लेकिन नेताजी सुभाष चंद्र बोस मुंशी प्रेमचंद काजी नजरुल रविंद्र नाथ टैगोर जैसे महापुरुषों ने आजादी की लड़ाई को लगातार जारी रखा किसी की लेखनी ने काम किया तो किसी की फौज ने जैसे नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने इंडियन नेशनल आर्मी (INA)खड़ी कर दी और लड़ाई को कमजोर नहीं पड़ने दिया जिससे हमें आजादी मिली और दुनिया में आज हमारा मजबूत लोकतंत्र है लेकिन दुख की बात यह है कि आज भी कुछ लोग बिना समझ की वजह से रास्ता भटक जाते हैं जातीय व धार्मिक दंगे पैदा करते हैं जो देश की उन्नति में बाधक है सभी के काम धंधे चौपट हो जाते हैं सारी व्यवस्था चरमरा जाती है कुछ नौजवान अपने ही लोगों के साथ लूट खसोट मारपीट यहां तक कि अपने स्वार्थ में हत्या तक कर देते हैं मां बहनों व छोटी बच्चियों को भी नहीं छोड़ते ऐसे लोगों को महापुरुषों से सीख लेनी चाहिए कि इंसानियत का धर्म ही सबसे बड़ा धर्म है इंसान को इंसान से प्यार करना चाहिए क्योंकि मानव हत्या सबसे बड़ा पाप है भगत सिंह बटुकेश्वर दत्त ने अंग्रेज असेंबली में बम फेंका था तो भी सिर्फ आवाज का धमाका किया था अगर वह चाहते तो अपनी पूरी फैमिली को उड़ा देते लेकिन ऐसा न करके उन्होंने अपना शांति और इंसानियत का संदेश दिया इसलिए अपने महापुरुषों मनीषियों क्रांतिकारियों को सच्ची श्रद्धांजलि देते हुए उनसे शिक्षा लेने की जरूरत है कार्यक्रम मैं आए हुए  बुजुर्गों नौजवानों बच्चों व माता बहनों आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद






 


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