इस्कॉन मंदिर सेक्टर 45 कृष्ण जन्माष्टमी महा-महोत्सव-2023 का कर रहा है आयोजन



श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महा-महोत्सव-2023

 इस्कॉन सेक्टर 45 का श्री श्री राधा गोपीनाथ मंदिर 7 सितंबर 2023 को कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव के लिए तैयारी कर रहा है। जैसा कि त्योहारों का मौसम आ गया है,  इस साल श्री कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव में बहुत धूम होगी। इस अवसर पर  इस्कॉन सेक्टर 45 मंदिर दिन भर चलने वाला ‘उत्सव कार्यक्रम’ लेकर आ रहा है।



 “इस साल हम इस अवसर को एक दिवसीय कार्यक्रम में मनाएंगे। आधी रात को मंगल आरती, भोग आरती, कलश अभिषेक और महाभिषेक के साथ उत्सव शुरू होगा। आरती में भाग लेने लिए आप हमारी वेबसाइट www.iskcongurugram45.com पर लॉग इन कर सकतें है और आरती या किसी अन्य सेवा के लिए अपना स्लॉट बुक कर सकतें हैं,  इसकी अधिक जानकारी ”अच्युत हरि दास, अध्यक्ष इस्कॉन सेक्टर 45 मंदिर गुरुग्राम ने दी है।



उन्होने बताया कि “हमने भारी सुरक्षा व्यवस्था की है ताकि भक्त सुचारू रूप से भगवान के दर्शन कर सकें। आधी रात को महाअभिषेक समाप्त होने के बाद भगवान को छप्पन भोग लगाया जाएगा। उत्सव के लिए मुख्य मंदिर के साथ-साथ आसपास की सड़कों को भी कोलकाता लाइट से सजाया गया है। आधी रात को भगवान श्रीकृष्ण को अनेक द्रव्यों से स्नान कराया जाएगा। जन्माष्टमी के अगले दिन, दुनिया भर में इस्कॉन के संस्थापक प्रभुपाद का अवतरण दिवस भी मनाएंगे। 

 


"इसमें ढेर सारे सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद और गुड़गांव के दो प्रतिष्ठित स्कूलों के छात्र विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। हम आप सभी से इस दिव्य अवसर का हिस्सा बनने का अनुरोध करते हैं; आप सभी इस दिन श्री श्री राधा गोपीनाथ के दर्शन प्राप्त करें, राधा गोपीनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करें और इस शुभ दिन पर आनंद का अनुभव करें।

इस्कॉन सेक्टर 45 गुरुग्राम मण्डली का एक महान और समृद्ध इतिहास है। लगभग 22 साल पहले शुरू हुई लोगों की एक छोटी सी सभा से, इस्कॉन गुरुग्राम ने खुद को एक छोटे से उपदेश केंद्र से एक पूर्ण मंदिर में परिवर्तित करके एक लंबा सफर तय किया है। सामूहिक गतिविधियों में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा, मूल्य-शिक्षा कार्यक्रम, मंत्र ध्यान, शाकाहारी कर्म-मुक्त पाक कला, इस्कॉन के फूड फॉर लाइफ कार्यक्रम के तहत निराश्रितों और बेघरों को मुफ्त प्रसाद का वितरण, वैदिक पुस्तकों का वितरण, कीर्तन संगीत कार्यक्रम, हरिनाम संकीर्तन शामिल हैं। इसके अलावा  नियमित रविवार दावत कार्यक्रम भी शामिल हैं।




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