रात में हो सड़कों की सफाई, स्वच्छता अभियान को मिलेगा बल, वायु प्रदूषण पर भी होगा प्रहार : डा. एसपी अग्रवाल
- हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन श्री पी. राघवेंद्र की अध्यक्षता में हुई पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में हुई बैठक
- पीएफटीआई के वाइस चेयरमैन डा. एसपी अग्रवाल ने शहर में छोटी सिटी बसें चलाने का चेयरमैन को दिया सुझाव
गुरुग्राम : प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (पीएफटीआई) के वाइस चेयरमैन डा. एसपी अग्रवाल ने हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) के चेयरमैन श्री पी. राघवेंद्र की अध्यक्षता में सिविल लाइन स्थित पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में हुई एक अहम बैठक में वायु प्रदूषण नियंत्रण और स्वच्छता को बढ़ावा देने से संबंधित कई अहम सुझाव दिए। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी इसमें गुरुग्राम के निगमायुक्त श्री पीसी मीणा, मानेसर के निगमायुक्त अशोक कुमार गर्ग , डीएचबीवीएन के एसई एमएल रोहिल्ला, हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, गुरुग्राम के क्षेत्रीय अधिकारी कुलदीप सिंह उपस्थित रहे। डा. अग्रवाल ने कहा कि नगर निगम द्वारा सड़कों की सफाई दिन की बजाय रात में कराई जानी चाहिए। इससे वायु प्रदूषण पर भी करारा वार होगा। वहीं शहर में छोटी सिटी बसों को चलाने का भी उन्होंने सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि अभी शहर की सड़कों पर जो सिटी बसें चल रही हैं वह साइज में काफी बड़ी हैं। कई बसें तो आधी खाली चलती हुई दिखतीं हैं। इन बड़ी बसों के कारण शहर की संकरी सड़कों पर यातायात जाम भी लगता रहता है। ऐसे में छोटी बसों को चलाकर यातायात जाम की समस्या से काफी हद तक बचा जा सकता है।
इन उपायों से जहां आमजन को सुविधा मिलेगी वहीं वायु प्रदूषण में भी कमी आने की संभावना बनेगी। इस सुझाव को एचएसपीसीबी के चेयरमैन ने हाथों हाथ लिया और अधिकारियों को छोटी इलेक्ट्रिक बसों को चलाने के बारे में आवश्यक निर्देश दिए। इस बैठक में पीएफटीआई गुरुग्राम के महासचिव राकेश बत्रा भी मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाइयों में डीजल जेनरेटर चलाने से वायु प्रदूषण नहीं होता है। यदि उद्योगों को 24 घंटे बिजली मिले तो वह जेनरेटर क्यों चलाएंगे। यह तो मजबूरी में चलाना पड़ता है, जब बिजली उपलब्ध नहीं होती है। उन्होंने अघोषित पावर कट का भी मुद्दा उठाया।
पीएफटीआई के वाइस चेयरमैन डा. अग्रवाल ने पीएफटीआई की ओर से स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए रात में निगम कर्मचारियों द्वारा सड़कों की सफाई कराने के कई लाभ गिनाए। उन्होंने कहा कि इससे स्वच्छता के कार्य में लगे कर्मचारियों को बिना किसी रुकावट के अपना काम सुचारु रूप से करने का अवसर मिलेगा। यातायात में किसी प्रकार की कोई बांधा नहीं आएगी। दिन के समय सफाई कार्य में जितना समय लगता है रात्रि में वही कार्य आधे से भी कम समय में पूरा हो सकता है। इन उपायों से जहां आमजन को सुविधा मिलेगी वहीं वायु प्रदूषण में लगभग 20 से 30 प्रतिशत तक की कमी आने की भी संभावना बनेगी। यदि रात भर जब शहर में सफाई का काम चलेगा तो रात में होने वाली आपराधिक घटनाओं में काफी कमी आएगी। इससे शहर की सुरक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा।
वहीं जब सुबह लोग घर से बाहर नहा कर निकलेंगे तो पूरा शहर स्वच्छ और चमकता हुआ मिलेगा। वर्तमान में दिन में हो रहे मार्गों की सफाई के कार्य के कारण हमेशा वातावरण में धूल उड़ती रहती है। कचरे की गाड़ियां हमारे आगे-आगे चल रही होती हैं। इससे सबसे अधिक परेशानी साइकल और दोपहिया वाहन चालकों को होती है, क्योंकि रह-रह कर कचरा उनके ऊपर उड़ता या गिरता रहता है। अक्सर यह देखने को मिलता है कि कहीं.कहीं पर सड़क पर यातायात रोक कर कचरा समेटा जाता है। इससे यातायात जाम की समस्या पैदा होती है। वाइस चेयरमैन ने यह भी सुझाव दिया कि नगर निगम के दिन वाले स्टाफ को शहर में स्वच्छता के निरीक्षण का काम दिया जाए। जो शहर में गंदगी न फैलने दें। उन्होंने बैठक में जर्जर सड़कों, टूटे फुटपाथों और शहर में लगे मलवे के ढेर का भी मुद्दा उठाया, कहा कि इनके मरम्मत के लिए टाइम लाइन तय होना चाहिए। इस पर एचएसपीसीबी के चेयरमैन ने गुरुग्राम के निगमायुक्त से पूछा कि इन कार्यों में कितना समय लगेगा तो उन्होंने आवश्वासन दिया कि यह काम एक माह में पूरा करा लिया जाएगा।
पीएफटीआई गुरुग्राम के महासचिव राकेश बत्रा ने पावर ग्रिड योजना के अंतर्गत बिजली के तारों को अंडरग्राउंड करने के काम में हो रही देरी का मामला बैठक में उठाया। कहा कि जगह-जगह पर केबल को दबा कर मिट्टी को ऐसे ही छोड़ दिया गया है। इस कारण हमेशा धूल उड़ती है और वायु प्रदूषण को बढ़ावा मिलता है। बैठक में चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज ऑफ उद्योग विहार और जीआइए के अलावा विभिन्न आरडब्ल्यूए, एनजीओ और बिल्डर एसोसिएशन के प्रतिनिधि शामिल रहे।
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