जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने की प्राधिकरण की 65वीं कोर प्लानिंग सेल बैठक की अध्यक्षता
-सर्वोत्तम सड़क सुरक्षा और यातायात प्रबंधन प्रथाओं को शामिल करके सड़क बुनियादी ढांचे में सुधार के निर्देश जारी किए गए
- जीएमडीए द्वारा किए जाने वाले विभिन्न नाले और सीवर डीसिल्टिंग कार्यों को मंजूरी दी गई
- शहर में हरित आवरण में सुधार के लिए नई तकनीकों की खोज की जाएगी
04 अक्तूबर, गुरुग्रामः गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री पी.सी. मीणा ने प्राधिकरण की 65वीं कोर प्लानिंग बैठक (सीपीसी) की अध्यक्षता की और विभिन्न चल रहे और आगामी कार्यों पर चर्चा की।
इन्फ्रा 1 डिवीजन ने प्रस्तुत किया कि मास्टर रोड डिवाइडिंग सेक्टर 58/59, सेक्टर 59/60/61 को मजबूत करने के साथ मास्टर रोड डिवाइडिंग सेक्टर 60/61 के मुख्य कैरिजवे को सेक्टर 66/67 की डिवाइडिंग रोड तक अपग्रेड करने का काम प्रगति पर है और समापन की ओर है। जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने निर्देश दिए कि सभी आवश्यक सड़कों पर, सड़क सुरक्षा सुविधाएँ जैसे लेन मार्किंग, सोलर कैट आई की स्थापना, रिफ्लेक्टर, डेलीनेटर, जेबरा क्रॉसिंग आदि भी शामिल की जानी चाहिए। शहर में यातायात प्रबंधन में सुधार के लिए सर्वोत्तम प्रक्रिया और उपायों को जीएमडीए की सभी सड़क बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं में शामिल किया जाना है। उन्होंने यह भी कहा कि नागरिकों को बेहतर राइडरशिप की गुणवत्ता और आवागमन का अनुभव प्रदान करने के लिए शहर की सड़कों का नियमित रखरखाव किया जाना चाहिए।
जीएमडीए प्रमुख ने यह भी कहा कि गुरुग्राम में पैदल यात्रियों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए, जहां सड़क से संबंधित कार्य पूरा हो चुका है, वहां फुटपाथ का निर्माण भी किया जाना चाहिए। उन्होंने टीम को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि मौजूदा फुटपाथों को किसी भी अतिक्रमण से मुक्त किया जाए और किसी भी टूटे हुए फुटपाथ की मरम्मत का काम समय पर किया जाना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये पैदल मार्ग सार्वजनिक उपयोगिता के लिए हैं।
इन्फ्रा 2 डिवीजन ने हाई पावर सुपर सकर मशीनों का उपयोग करते हुए विभिन्न नालों की सफाई और डिसिल्टिंग के प्रस्ताव प्रस्तुत किए। इनमें लगभग 13 किमी लंबी मास्टर स्टॉर्म वॉटर लेग-2 ड्रेन के विभिन्न हिस्से शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, सेक्टर-9/9ए, 4/3ए, 5/3, 22/23ए, 13/14, 21/22, 22/23 और 23/23ए के बीच सेक्टर डिवाइडिंग सड़कों के सरफेस ड्रेन की डिसिल्टिंग का प्रस्ताव भी बैठक में प्रस्तुत किया गया। जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने सभी डीसिल्टिंग कार्यों को मंजूरी दी।
सीपीसी की बैठक में सेक्टर-65/66 और 66/67 गुरुग्राम की डिवाइडिंग रोड पर सीसीटीवी सर्वेक्षण के साथ हाई पावर सुपर सकर मशीन द्वारा 900 मिमी डायमीटर और 1200 मिमी डायमीटर की मास्टर सीवर लाइनों की डिसिल्टिंग के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।
इन्फ्रा 2 टीम ने बताया कि रेजांगला चौक से रेलवे कल्वर्ट नंबर 47 तक लगभग 1.5 किलोमीटर लंबी मास्टर स्टॉर्म वॉटर ड्रेन लेग-1 के नवीनीकरण और संवर्द्धन का कार्य प्रगति पर है। जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने निर्देश दिए कि अतिरिक्त उपयोगिता और सार्वजनिक लाभ के लिए जल निकासी का काम पूरा होने के बाद इन नालों पर अच्छी तरह से तैयार किए गए पैदल मार्ग का निर्माण किया जा सकता है।
बैठक में श्री पी.सी. मीणा ने इस बात पर भी जोर दिया कि बरसाती पानी के ड्रेन से किए गए किसी भी सीवर कनेक्शन को डिसकनेक्ट किया जाना चाहिए और सीवेज नेटवर्क की दिशा में सीवेज डिस्चार्ज को ठीक से संचालित किया जाना चाहिए।
उन्होंने शहरी पर्यावरण विभाग को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि शहर की सड़कों के सौंदर्य को बेहतर बनाने के लिए सेंट्रल वर्ज और केर्ब्स के उचित वृक्षारोपण और रखरखाव का काम किया जाए। उन्होंने कहा कि टीम को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पेड़ों की कटाई-छंटाई से बचे बागवानी कचरे को बिना किसी देरी के साफ किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि शहर में हरित क्षेत्रों और वृक्षारोपण पहल को बढ़ाने के लिए नवीन और दीर्घकालिक तकनीकों का पता लगाया जाना चाहिए।
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