नवरात्रि में इस बार 9 शुभ योग, 15 से 23 अक्टूबर तक खरीदारी और निवेश के लिए कई शुभ मुहूर्त राघवेंद्र रविशराय गौड़

 नवरात्रि में इस बार 9 शुभ योग, 15 से 23 अक्टूबर तक खरीदारी और निवेश के लिए कई शुभ मुहूर्त राघवेंद्र रविशराय गौड़ से  जानें- कलश स्थापना का मुहूर्त, और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी 



नारायण नारायण 


इस बार नवरात्रि कई शुभ संयोग लेकर आ रही है. नवरात्रि में 15 से 23 अक्टूबर 2023 तक के प्रत्येक दिन में शुभ योग और संयोग बन रहे हैं, जिसे खरीदारी और निवेश के लिए शुभ माना जा रहा है.


नवरात्रि पर खरीदारी-निवेश के लिए 9 शुभ मुहूर्त


ज्योतिर्विद राघवेंद्ररवीश राय गौड़ ने बताया कि 15 अक्टूबर के ग्रह-नक्षत्र हर्ष, शंख, भद्र, पर्वत, शुभकर्तरी, उभयचरी, सुमुख, गजकेसरी और पद्म नाम के योग बना रहे हैं. 

वहीं, 23 तारीख तक चलने वाले शक्ति पर्व में पद्म, बुधादित्य, प्रीति और आयुष्मान योग के साथ ही 3 सर्वार्थसिद्धि, 3 रवियोग और 1 त्रिपुष्कर योग रहेगा. वहीं, दशहरा अपने आप में अबूझ मुहूर्त होता है. इस तरह 23 अक्टूबर तक हर तरह की खरीदारी, रियल एस्टेट में निवेश और नए कामों की शुरुआत के लिए 9 दिन बहुत शुभ होंगे.

नवरात्रि में कब कौन से योग बन रहे हैं !!


15 अक्टूबर  - पद्म और बुधादित्य योग

16 अक्टूबर - छत्र योग, स्वाती नक्षत्र और भद्रा तिथि का संयोग

17 अक्टूबर - प्रीति, आयुष्मान और श्रीवत्स योग

18 अक्टूबर - सर्वार्थसिद्धि और अमृतसिद्धि योग

19 अक्टूबर - ज्येष्ठा नक्षत्र और पूर्णा तिथि संयोग

20 अक्टूबर – रवियोग, षष्ठी तिथि और मूल नक्षत्र का संयोग

21 अक्टूबर - त्रिपुष्कर योग

22 अक्टूबर - सर्वार्थसिद्धि और रवियोग

23 अक्टूबर -सर्वार्थसिद्धि और रवियोग


कलश स्थापना शुभ मुहूर्त


ज्योतिषाचार्य ने बताया कि, पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि को यानी पहले दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 15 अक्टूबर को 11:48 मिनट से दोपहर 12:36 तक है. ऐसे में कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त इस साल 48 मिनट ही रहेगा.



घटस्थापना तिथि:  रविवार 15 अक्टूबर 2023

घटस्थापना मुहूर्त:  प्रातः 06:30 मिनट से प्रातः 08: 47  मिनट तक

अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:48 मिनट से दोपहर 12:36 मिनट तक



शारदीय नवरात्रि की तिथियां 


15 अक्टूबर 2023 - मां शैलपुत्री (पहला दिन) प्रतिपदा तिथि

16 अक्टूबर 2023 - मां ब्रह्मचारिणी (दूसरा दिन) द्वितीया तिथि

17 अक्टूबर 2023 - मां चंद्रघंटा (तीसरा दिन) तृतीया तिथि

18 अक्टूबर 2023 - मां कुष्मांडा (चौथा दिन) चतुर्थी तिथि

19 अक्टूबर 2023 - मां स्कंदमाता (पांचवा दिन) पंचमी तिथि

20 अक्टूबर 2023 - मां कात्यायनी (छठा दिन) षष्ठी तिथि

21 अक्टूबर 2023 - मां कालरात्रि (सातवां दिन) सप्तमी तिथि 

22 अक्टूबर 2023 - मां महागौरी (आठवां दिन) दुर्गा अष्टमी

23 अक्टूबर 2023 - माँ सिद्धिदात्री  (महानवमी,नवादिन)

24 अक्टूबर 2023 - विजयदशमी, दशहरा


शारदीय नवरात्रि ,मां दुर्गा की सवारी हाथी,जानें नवरात्रि पर मां दुर्गा के वाहन का महत्व  


देवी भागवत  के अनुसार जब माता दुर्गा का आगमन पृथ्वी पर हाथी के साथ होता है यह शुभ संकेत माना जाता है। शास्त्रों में हाथी को बुद्धि,ज्ञान और समृद्धि का प्रतीक माना गया है। ऐसे में देश की जनता के लिए यह कई तरह के शुभ संकेत और समृद्धि लाने की तरफ प्रतीक  है।


नवरात्रि के पर्व पर पृथ्वीलोक में माता का आगमन होता है और घर-घर स्थापित होकर अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करती हैं। देवी भागवत पुराण में माता के आगमन पर उनकी सवारी के बारे में विस्तार से बताया गया है। 


शशि सूर्य गजरुढा शनिभौमै तुरंगमे। 

गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिता॥ 


अगर नवरात्रि पर्व का शुभारंभ सोमवार या रविवार के दिन होता है तो माता हाथी पर बैठकर पृथ्वी लोक पर आती हैं। वहीं अगर नवरात्रि शनिवार या मंगलवार के दिन शुरू होती है तो माता की सवारी घोड़ा होता है। अगर शुक्रवार या गुरुवार के दिन नवरात्रि आरंभ होती है मां दु्र्गा डोली में सवार होकर आती हैं। बुधवार के दिन अगर नवरात्रि पर्व की शुरुआत होती है तो माता का वाहन नौका पर होता है। इस वर्ष 15 अक्टूबर 2023 रविवार को शारदीय नवरात्रि शुरू हो रहे हैं ऐसे में माता हाथी पर सवार होकर आ रही हैं जो बहुत ही शुभ माना गया है।   इस वर्ष खूब अच्छी वर्षा होगी और खेती अच्छी होगी. देश में अन्न धन का भंडार बढ़ेगा. इस बार रविवार को नवरात्रि शुरू होने पर देवी हाथी पर सवार होकर आएंगीं, जो कि सुख-समृद्धि का संकेत है. 


नवरात्रि पर्व की प्रमुख तिथिया  


15 अक्टूबर 2023 - शारदीय नवरात्रि प्रारंभ- 07 अक्तूबर से शारदीय नवरात्रि शुरू होंगे. नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापना होती है. नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होती है. कई लोग इन नौ दिनों का व्रत रखते हुए देवी दुर्गा की पूजा आराधना करते हैं.


22 अक्टूबर 2023 - मां महागौरी (आठवां दिन) दुर्गा अष्टमी को दुर्गा अष्टमी मनाई जाएगी. इस दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप की पूजा की जाती है. दुर्गा अष्टमी पर नौ कन्याओं का पूजन करते हुए इन्हें भोजन करवाया जाता है.


23 अक्टूबर 2023 - महानवमी, (नौवां दिन) शरद नवरात्र व्रत पारण  महानवमी- महानवमी तिथि पर माता के आखिरी स्वरूप सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा होती है. इसी दिन माता की विदाई होती है. महानवमी पर भी कन्याओं का पूजन किया जाता है. 


24 अक्टूबर 2023 - विजयदशमी, दशहरा, - इस दिन विजयदशमी का त्योहार मनाया जाएगा. विजयदशमी पर भगवान राम में रावण का वध करके लंका पर विजय प्राप्ति की थी. इसके अलावा इस दिन पर मां दुर्गा ने दैस्य महिषासुर का वध भी किया था. विजयदशमी को दशहरा भी कहा जाता है.


शारदीय नवरात्रि पूजा विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। साफ वस्त्र पहनें। शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना की विधि को पूरा करें। कलश में गंगाजल भरें और कलश के मुख पर आम के पत्ते रखें। नाारियल को लाल चुनरी के साथ लपेटें। नारियल को आम के पत्ते के ऊपर रखें। कलश को मिट्टी के बर्तन के पास या फिर उसके ऊपर रखें। मिट्टी के बर्तन पर जौके बीज बोएं और नवमी तक हर रोज कुछ पानी छिड़कें। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करें।फूल, कपूर, अगरबत्ती, और व्यंजनों के साथ पूजा करनी चाहिए। साथ ही घर पर नौ कन्याओं को आमंत्रित करें। उन्हें एक साफ और आरामदायक जगह पर बैठाकर उनके पैर धोएं। उनकी पूजा करें और उनके माथे पर तिलक लगाएं। साथ ही उन्हें स्वादिष्ट भोजन परोसें। दूर्गा पूजा के बाद अंतिम दिन घट विसर्जन कर दें।



नवरात्रि में नो दिवस लगाए यह भोग और पाए माँ का आशीर्वाद

नवरात्रि के पहले दिन मां के चरणों में गाय का शुद्ध घी अर्पित करने से आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है।

नवरात्रि के दूसरे दिन मां को शक्कर का भोग लगाकर घर के सभी सदस्यों में बांटें। इससे आयु में वृद्धि होती है।

नवरात्रि के तीसरे दिन दूध या खीर का भोग लगाकर ब्राह्मणों को दान करने से दुखों से मुक्ति मिलती है। इससे परम आनंद की प्राप्ति होती है।

नवरात्रि के चौथे दिन मालपुए का भोग लगाकर मंदिर के ब्राह्मणों को दान दें। ऐसा करने से बुद्धि का विकास होने के साथ-साथ निर्णय शक्ति भी बढ़ती है।

नवरात्रि के पांचवे दिन मां को केले का नैवेद्य चढ़ाने से शरीर स्वस्थ रहता है।

नवरात्रि के छठे दिन शहद का भोग लगाएं। इससे आकर्षण शक्ति में वृद्धि होगी।

नवरात्रि के सातवें दिन मां को गुड़ का नैवेद्य चढ़ाने व उसे ब्राह्मण को दान करने से शोक से मुक्ति मिलती है।

नवरात्रि के आठवें दिन देवी मां को नारियल का भोग लगाएं व नारियल का दान भी करें। इससे संतान संबंधी परेशानियों से छुटकारा मिलता है।

नवरात्रि की नवमी पर तिल का भोग लगाकर ब्राह्मण को दान दें। इससे मृत्यु के भय से राहत मिलने के साथ अनहोनी घटनाओं से भी बचाव होता है।


ज्योतिर्विद राघवेंद्र रवीश राय गौड़ ने बताया कि इस वर्ष नौ शुभ योग में नवरात्रि शुरू हो रही है. एसी ग्रह गोचर पिछले 400 वर्षों में नहीं बनी. इस बार नवरात्रि का हर दिन शुभ रहेगा. इन दिनों में प्रॉपर्टी खरीदने से लेकर नया बिजनेस शुरू करने तक हर मुहूर्त रहेगा. इन दिनों में सिर्फ पूजा-पाठ ही नहीं होती, नई शुरुआत और खरीदारी के लिए भी ये दिन बहुत शुभ होते हैं. इस तरह पूरे नौ दिनों का शक्ति पर्व होना शुभ संयोग है.


कात्यायन्यै विद्महे, कन्याकुमार्ये च धीमहि, तन्नो दुर्गा प्रचोदयात् 


नारायण श्रीनारायण

राघवेंद्ररविश राय गौड़ 

ज्योतिर्विद

9926910965

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