दुकानों के सामने गड्ढे खोदकर भूल गया विभाग

 दुकानों के सामने गड्ढे खोदकर भूल गया विभाग  

--- इन गढ्ढों में रोजाना गायें गिकर होती हैं चोटिल,

-- बस अ‌ड्डे के सामने होने की वजह से आवा-गमन भी हो रहा बाधित

गुड़गांव, 20 अक्तूबर  

औद्योगिक नगरी कहे जाने वाला गुरुग्राम में पीडब्लूडी द्वारा खोदे गए गड्ढे गुरुग्राम बस स्टैंड रोड पर खुले पड़े हैं जो दुर्घटनाओं को भी न्योता दे रहे हैं। गुरुग्राम के मुख्य महावीर चौक और बस स्टैंड रोड पर करीब 15 दिन पहले से गढ्ढे खुदे पड़ें हैं। जिनमे गंदा पानी भरा हुआ है जिससे हमेशा दुर्गंध आती है। वहीं स्थानीय दुकानदारों ने कहा कि हमारी दुकानदारी एकदम खत्म हो गई है। दुकानों पर ग्राहक नहीं आ रहे हैं हमें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

15 दिन से अटका हुआ है बता दें कि, गुरुगरम के महावीर चौक पर स्काई वॉक बन रहा है। जो जीएमडी का प्रोजेक्ट था जो अब पीडब्ल्यूडी के अंडर में आ गया है। जिसको लेकर वहीं बीते 15 दिन से गढ्ढे खुदे हुए पड़े हादसे होने का ज़्यादा अंदेशा रहता है। दुर्घटनाओं का अंदेशा लगा रहता है। अभी कुछ दिन पहले रात के समय यहाँ दो कुत्ते मर गए थे जैसे ही अधिक दुर्गंद महसूस हुई तो उनको बा-मुश्किल से बहार निकाला गया। और यहाँ आए दिन आवारा पशु गाय बछड़े आदि भी गिरते रहते हैं लेकिन नगर का विभाग अभी तक सोया हुआ है। यही नहीं गढ्ढे में रोजाना गायों गिरती हैं

आइये जानते हैं लोगों ने इसपर क्या कहा?


-- ---15 दिन से यहाँ सड़क टूटी हुई है जिसपर स्काई वॉक का काम चल रहा है लेकिन, अभी तक ये काम पूरा नहीं किया गया है। हमें यहाँ बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं। और इन गड्डों में पानी भरा हुआ है जिससे बेहद बदबू आती रहती है जिसके चलते दुकान पर ग्राहक भी नही आ रहे है। इस समस्या से हमारी दुकानदारी ठप्प होती जा रही है। (मुकेश गोयल, दुकानदार)


हमारी दुकानदारी बहुत प्रभावित हो रही है कोई ग्राहक टूटी सड़क को देखकर दूकान पर आना पसंद नहीं कर रहे हैं। यहाँ दुर्गन्ध भी आती रहती है। जिससे ग्राहक और भी टूट रहे हैं और हमें भारी नुक्सान उठाना पड़ रहा है। (बंटी, दुकानदार)


------ इस निर्माण के चलते हमें दूकानदारी गिरती जा रही है जब ग्राहक ही नहीं आएंगे तो दुकानदारी का क्या फायदा। निर्माण करा रहे अधिकारियों से हमारी विनती है की जल्द से जल्द यह कार्य पूरा किया जाए जिससे आम जन और हमें परेशानी ना हो। (दिलशाद, दुकानदार)



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