श्री गुरु द्रोणाचार्य रामलीला क्लब्, गुरुग्राम गाँव की लीला में श्री राम माता सीता व् लक्ष्मण, सुमन्थ सहित निषाद राज से मिलते हैं |
उसके पश्चात गंगा नदी पार करने के लिए श्री राम जी खेवट से आग्रह करते हैं, बेहद सुंदर प्रस्तुति एवं संवाद होता है राम भक्त खेवट और श्री राम जी के बीच में |
उसके पश्चात श्रवण कुमार अपने दृष्टिहीन माता-पिता जी को लेकर जंगलों से जा रहा था उनको पानी पिलाने के लिए जैसे ही नदी से जल लेते है वहाँ पहले से उपस्थित राजा दशरथ शब्दभेदी बाण चला कर उनकी हत्या कर दी उसके पश्चात श्रवण कुमार के माता पिता ने राजा दशरथ को श्राप दिया कि “एक दिन तुम भी पुत्र वियोग में अपने प्राण त्याग दोगे” उसके पश्चात राजा दशरथ कौशल्या जी वृतांत सुनाते हुए अपने प्राण त्याग देते हैं |
कल की रामलीला में मुख्य रूप से से भरत मिलाप, शूर्पणखा की नाक काटे जाना व् खर-दूषण वध का संवाद होगा |
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