श्री गुरु द्रोणाचार्य रामलीला क्लब की लीला में रावण अपने पुत्र इंदरजीत को राम सेना से लड़ने के लिए भेजता है जिसमें कि उसकी मृत्यु हो जाती हैं उसके पश्चात अपने पुत्र अहिरावण को भेजता है उसकी भी मृत्यु हो जाती है अंत में रावण स्वयं श्री राम जी से युद्ध के लिए जाता है |
बहुत कोशिशों के बाद भी श्री राम जी रावण को नहीं मार पाते हैं तब विभीषण जी बताते हैं कि इनकी नाभि में अमृतकुंड है आप वहाँ तीर मारेंगे तो ये मरेगा |
श्री राम जी रावण की नाभि में तीर मारा और तीर लगते ही रावण निढाल हो पड़ा उसके पश्चात श्री राम जी लक्ष्मण जी को कहते हैं कि रावण एक प्रतिभावान राजनीतिज्ञ थे आप उसे राजनीति की शिक्षा लो तब लक्ष्मण जी रावण के पैरों की ओर खड़े होकर राजनीति की शिक्षा ग्रहण करते है उसके पश्चात विभीषण अपने भाई रावण दल की चिता को मुखाग्नि देते हैं उसके बाद पुतला दहन किया जाता है |
आज की रामलीला में विभीषण का लंका का राजा घोषित किया जाएगा और मर्यादा पुरोषोत्तम श्री राम अयोध्या में वापस लौटेंगे और उनका राजतिलक होगा |
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