गुरुग्राम हरियाणा
दिनांक: 17/11/2023
"मौलवियों के द्वारा मासूमों को जिहादी हथियार बनाकर दलित समाज की महिलाओं पर हिंदू रीति रिवाज़ कुआ पूजन के दौरान किया गया पथराव एक निंदनीय कुकृत्य है। मौलवियों पर हो सख्त से सख्त कार्रवाई! :_पूर्व न्यायाधीश पवन कुमार प्रान्त अध्यक्ष वि. हि .प. , हरियाणा_
जैसा कि आपको ज्ञात है कि कल दिनांक 16 नवंबर 2023 को शाम 7:30 बजे एक दुखद घटना हमारे संज्ञान में आई थी कि मुस्लिम समुदाय के द्वारा पंडु राम चौक / अग्रवाल चौक, मेन बाजार नूह, मेवात में दलित हिंदू समाज की महिलाओं और बच्चों पर थूक फेंका गया एवं उनपर पत्थरबाजी की गई। जैसा घाटनाक्रम सामने आया कि कल हिंदू पारंपरिक रीति रिवाज के अनुसार बड़े धूमधाम से बैंड बाजा के साथ गाते बजाते कुआं पूजन का एक व्यक्तिगत कार्यक्रम हो रहा था, जिसमें वहां की कुछ स्थानीय महिलाएं अपने परिवार और अपने के समाज लोगों के साथ शिव मंदिर कुआ पूजने जा रही थी, इस समय कुछ विधर्मियों के द्वारा मस्जिद मदरसे के ऊपर से कुछ नाबालिक युवकों/बच्चो के द्वारा उन पर पत्थरबाजी की गई एवं थूका गया। पुनः मन रोष, स्तब्ध और चिंता के भाव से भर जाता है कि ऐसे कुकृत्यो की पुनरावृत्ति बार-बार क्यों हो रही है? क्यों हिंदू समाज के धार्मिक आयोजनों पर इस प्रकार पत्थरबाजी की घटनाएं लगातार होती है। इसका क्या उद्देश्य है! क्या कहीं हिंदू समाज की धार्मिक परंपराएं यात्राएं और आयोजनों पर लगातार हो रहे हमले के पीछे का सुनियोजित षड्यंत्र धर्मांतरण और पलायन के लिए बनाया जा रहा है, कहीं डर का माहौल बनाना तो नही? यह सोची समझी सुनियोजित साजिश है जिसमें इन मासूम नाबालिग बच्चों का उपयोग करते हुए, इस घटना को अंजाम दिया जाता है।
विगत माह 31 जुलाई 2023 में जलाभिषेक करने आए यात्रियों के साथ खौफनाक हिंसा की घटना हुई थी, जिसके बाद देखा गया है कि अब तक 10 से 20 परिवार मेवात से पलायन कर चुके हैं। यह भी प्रशासन और सरकारों को सोचना चाहिए कि जिहादी मानसिकता किस प्रकार यहां पर षड्यंत्र का कुचक्र रच रही है और हिंदू समाज का जीवन नरकमय बन रहा है। वे लगातार डर और मानसिक प्रताड़ना झेल रहे हैं।
ऐसी भी कुछ स्थानीय स्तर पर जानकारी प्राप्त हुई कि इन उत्सवों के दौरान जो हिंदू दुकाने इस बिल्डिंग के बाहरी हिस्से की मार्किट में है, उनके हिंदु त्योहारों से जुड़े सामानों पर भी पहले थूका गया था।
इस बात का पता उन्हें तब चला जब हल्की बारिश होने के चलते उन्होंने अपने सामान पर प्लास्टिक बिछाई थी कुछ समय के बाद उसे प्लास्टिक पर बहुत सारा थूक बिखरा हुआ था, जो कि उन्हें लगता है कि वह जिहादी शरारती तत्वों का हाथ हो सकता है। इस पर स्थानीय स्तर पर दुकानदारों के द्वारा थोड़ा विरोध भी हुआ था।
और सफाई में मदरसे के मौलवी उनका बचाव कर यह कहते हैं कि बच्चों की नादानी है। ऐसी पुनरावृत्ति नहीं होगी परंतु भारत वर्ष में न जाने कितनी घटनाएं इसी प्रकार की की जाती है और प्रशासन के आगे मासूम बनने का नाटक किया जाता है। अब उनका यह नकाब उतर चुका है।
यहां कुछ स्वाभाविक एवम बड़े गम्भीर प्रश्न उठते हैं:
-क्या नूह मेवात में हिन्दू दलित समाज भी सुरक्षित नहीं है !
-मुस्लिम समुदाय को वहां रह रहे दलितों के द्वारा ढोल बाजे के साथ निकल रही महिलाओं और बच्चों के व्यक्तिगत कुआं पूजन आयोजन जो कि हिंदू परंपरा है।
उस पर भी जिहादी और आतंकी मानसिकता से ग्रसित लोग डर का माहौल बना रहें है।
-क्या हिंदू समाज की धार्मिक परंपराएं यात्राएं और आयोजनों पर लगातार हो रहे हमलों के पीछे का सुनियोजित षड्यंत्र धर्मांतरण और पलायन के लिए बनाया जा रहा है माहौल?
क्या मासूम बोध मुसलमान बच्चों को जिहादी हथियार बनाया जा रहा है।
विश्व हिंदू परिषद, हरियाणा यह मांग कर रहा है कि इस घटना का तुरंत संज्ञान लेते हुए इसमें सख्त से सख्त कड़ी धाराओं के साथ कार्रवाई की जाए। इस पर किसी प्रकार की लीपापोती ना की जाए।
-घटना की सघनता से जांच की जाए।
-मदरसे के मौलवियों और उन शरारती तत्वों के खिलाफ़ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
-जिन नाबालिक बच्चों के द्वारा यह कुकृत्या किया गया उन्हें तुरंत बाल सुधार गृह भेजा जाए और अगर बालिग युवा भी शामिल है तो उन पर उचित धाराओं में कार्रवाई हो।
और ऐसे मदरसों पर तुरन्त कार्रवाई हो और उन्हें वहां से हटा दिया जाए जिनका किसी प्रकार का सरकारी कोई पंजीकरण नहीं है, अवैध तरीके से वहां पर है या इस प्रकार की वैमनस्य द्वेष पूर्ण पत्थरबाजी, अभद्रता और आतंक का माहौल बना रहे हैं। किसी प्रकार की आतंकी गतिविधियों में शामिल हैं? तत्काल प्रभाव से मदरसों को बंद किया जाए और प्रशासनिक कार्रवाई की जाए।
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