बोधराज सीकरी की हनुमान चालीसा मुहिम से युवाओं का अध्यात्म की ओर बढ़ता झुकाव, पाठ का आंकड़ा हुआ 6 लाख 29 हजार पार

 बोधराज सीकरी की हनुमान चालीसा मुहिम से युवाओं का अध्यात्म की ओर बढ़ता झुकाव, पाठ का आंकड़ा हुआ 6 लाख 29 हजार पार



हमारे धार्मिक ग्रन्थों में छिपा है जीवन का रहस्य : बोधराज सीकरी


गुरुग्राम। कल दिनांक 14 मई को भारत विकास परिषद लाल बहादुर शास्त्री शाखा द्वारा नवआँध्रा स्कूल सुशांत लोक में बोधराज सीकरी द्वारा चलायी गई मुहिम के तहत हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन किया गया। यजमान श्री राजीव छाबड़ा, श्री अजय भटनागर, श्री रमेश नरूला, श्री सतीश चावला, श्री मोहित वत्स आदि ने विधिपूर्वक अपनी-अपनी जीवनसंगिनी के साथ पंडित भीम दत्त जी के माध्यम से पूजा अर्चना की। तदोपरांत पंडित भीम दत्त ने शंखनाद से वातावरण को पवित्र कर व्यास गद्दी पर श्री गजेंद्र गोसाई को आमंत्रित किया जिन्होंने पंचम स्वर में मंगलाचरण के साथ पाठ का श्री गणेश किया। जैसे-जैसे 21 वां पाठ नज़दीक आया गोसाई जी के मस्तिष्क पर तेज बढ़ता गया और उनकी गायकी में रस आने लगा और अंतिम चौपाई में तो सारा का सारा सभागार स्वरमय हो गया। इस भक्तिमय परिवेश में सभी नाच उठे। 21-21 बार पाठ 175 लोगों के करने के उपरांत बोध राज सीकरी ने अपना आधा घंटा वक्तव्य देकर ग्रंथों के नए-नए रहस्य उजागर किए। उन्होंने कल के आयोजन में छत्रपति शिवाजी द्वारा कराये गये राम कथा के प्रसंग को लिया कि कैसे वहाँ उन्होंने समर्थ गुरु राम दास को कथा के लिए आमंत्रित किया। कैसे उन्होंने राम कथा सुनाई। कैसे वहाँ हनुमान जी वेश बदलकर कथा में आये और कैसे स्वामी जी ने अपनी कथा में अशोक वाटिका का वर्णन किया और वहाँ अशोक वाटिका के रमणीक दृश्य का वर्णन किया। जैसे ही वहाँ स्वामी समर्थ गुरु रामदास जी ने फुलवारी की चर्चा शुरू की और कहा कि वहाँ मंद-मंद हवा चल रही थी, पेड फलों से लदे थे। जैसे ही कथावाचक ने कहा कि वहाँ श्वेत रंग के फूल थे, हनुमान जी उठ खड़े हुए कि नहीं वे फूल लाल रंग के थे। कैसे स्वामी जी और हनुमान जी का वार्तालाप हुआ और कैसे वहाँ राम और सीता ने आकर सिद्ध किया कि संत पुरुष के हिसाब से फूल श्वेत रंग के थे परंतु जब हनुमान जी ने अशोक वृक्ष के नीचे माँ सीता की अवस्था देखी तो उनकी आँखें ग़ुस्से में लाल हो गई और उन्हें सब लाल ही लाल दिखाई देने लगा। राम सीता ने दोनों को शांत किया। यह है भक्ति रस। 


ऐसे ही बोधराज सीकरी ने एक ग्रंथ का उदाहरण देकर राज जनक के पूर्वज निमि महाराज की कथा का भी रहस्य सुनाया। वह कथा सबको अचंभित करने वाली थी।


पिछले सप्ताह तक 280 स्थानों पर 45,140 साधकों द्वारा 624,871 हनुमान चालीसा पाठ हो चुके हैं। 


कल के पाठ में लगभग 175 भक्तों ने भाग लिया और सभी ने 21-21 बार पाठ किया। श्रीमती ज्योत्सना बजाज के ऑनलाइन हनुमान चालीसा के पाठ के आयोजन में 15 लोगों ने 11-11 बार पाठ किया। विजय टन्डन और श्री रणधीर टन्डन की फैक्ट्री के 59 कर्मचारियों ने 2-2 बार पाठ किया। जनता रिहैबिलिटेशन सेंटर में 40 विद्यार्थियों ने 21-21 बार पाठ किया। इसके अतिरिक्त जामपुर शिव मंदिर ईस्ट ऑफ कैलाश में 50 साधकों ने 5-5 बार  हनुमान चालीसा पाठ किया।


इस प्रकार अब तक 285 स्थानों पर 45,479 साधकों द्वारा 629,919 हनुमान चालीसा पाठ हो चुके हैं।


हनुमान चालीसा पाठ में भारत विकास परिषद के वरिष्ठ दायित्वधारी श्री अनिल बंसल, श्री अरुण अग्रवाल, महाराणा प्रताप शाखा के सचिव श्री गुप्ता, श्री विजय दीवान, श्री प्रमोद सलूजा, श्री ओ.पी धमीजा, विजय चावला, अजय अग्रवाल, डॉक्टर नवीन शर्मा उपस्थित रहे। संघ के श्री सुरेश अग्रवाल भी उपस्थित रहे। सुशांत लोक से श्री अविनाश चंद्र खेर, श्री विष्णु खन्ना, संजय टंडन, डॉक्टर ए.के नागपाल, मुंशी जी, श्री पी.एन सिंह, श्री सलिल मिश्रा, एस.के शर्मा, ललित मोंगा, तुषार छाबड़ा, उपस्थित रहे । पुराने शहर से श्री सतपाल नासा, श्री किशोरी लाल डुडेजा, श्री रमेश कामरा, श्री राकेश गोसाई, श्री राकेश खेत्रपाल मौजूद रहे।


महिला टीम में श्रीमती सुरेश सीकरी, मीनू छाबड़ा, सोनिया सचदेव, नीलम वत्स, चीना धमीजा, कपिला अग्रवाल, आशीमा भार्गव, सीमा चावला, सीमा दीवान, सुशील सीकरी , नीलम ओबरॉय, उर्मिल खेर, वीणा बंसल, अर्पणा टंडन, सीमा सचदेव, रश्मि नरूला, श्रीमती पुष्पा नासा और श्रीमंत रचना बजाज उपस्थित रही।

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