शहर प्रदूषित होने व स्वास्थ्य सुविधाओं के आभाव में बीमार हुए गुरुग्राम विधायक सुधीर सिंगला : माईकल सैनी (आप)



शहर प्रदूषित होने व स्वास्थ्य सुविधाओं के आभाव में बीमार हुए गुरुग्राम विधायक सुधीर सिंगला : माईकल सैनी (आप)

विधायक की तबियत बिगड़ना संकेत करता है कि जनता संक्रमणकाल से गुजर रही है : माईकल सैनी (आप)

साप्ताहिक अवकाश की सूचना तो ऐसे देकर गए  मानों कितनी लोक अदालतें लगाते थे विधायक ? माईकल सैनी (आप)


गुरुग्राम 20 अप्रैल 2024  पर्यावरण की ऐसी हालत पहले कभी इतनी खराब नहीं हुई जितनी भाजपा सरकार में देखने को मिल रही है, स्वच्छ भारत मिशन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रमुख योजनाओं में शुमार था  मगर स्वच्छता अभियानों पर सैंकड़ों करोड़ स्वाहा किए जाने उपरांत भी गुरुग्राम निवासी प्रदूषित वातावरण में जीने को मजबूर हैं  कहने को तो स्मार्टसिटी है  मगर सिर्फ नामकरण कर दिए जाने से स्मार्ट नहीं बन जाता है कोई शहर, उसके लिए दूरगामी सोच रखते हुए उन्नत योजनाएं बना ढांचागत विकास करना होता है  निष्ठापूर्वक सच्ची लगन, इच्छाशक्ति और सक्रियता महत्वपूर्ण होती है, लोगों को मिलने वाली मूलभूत सुविधाएं सुचारू रहें उसकी व्यवस्था की जाती है  परन्तु आधुनिक दौर में पाषाण युग समान स्तिथियां बना दी गई हैं !

आम आदमी पार्टी नेता माईकल सैनी ने कहा कि आज शहर की दशा नरक समान बना दी डबल इंजन सरकार ने, कचरा प्रबंधन में पूर्णत विफल हुआ शासन-प्रशासन, जिस कारण शहर में चहुँओर कचरे के पहाड़ नुमा ढेर लगे पड़े हैं, उनसे निकलने वाली गैस की दुर्गंध और लीचेड़ और धुएँ से हवा-पानी प्रदूषित ही नहीं जहरीला हो गया है  जिससे अनेकों प्रकार की बीमारियों ने लोगों को अपना शिकार बना लिया है और लगता नहीं कि मौजूदा सरकार इससे निजात दिलाने में कोई रुचि रखती हो ?

माईकल सैनी इस सबके लिए जिम्मेदार जनप्रतिनिधि, स्थानीय नेतृत्व तथा अयोग्य अधिकारियों को ही मानते हैं चूंकि इन्हीं की उदासीनता और लापरवाही के चलते ही लोग संक्रमित वातावरण में जीने को विवश हुए हैं ! 

उन्होंने कहा कि गुरुग्राम विधायक सुधीर सिंगला जो स्वम् अस्वस्थ चल रहे हैं  उनके स्वस्थ होने की कामना करते हैं  परन्तु उन्होंने भी जनता के स्वास्थ्य की चिंता की होती  अथवा स्वच्छता अभियानों को महज इवेंट नहीं बनाकर  जरूरत समझा होता तो शायद ही वह बीमार पड़ते  लेकिन जब सभी जन संक्रमणकाल के दौर से गुजर रहे हैं तो वह कैसे सुरक्षित रह सकते थे ! खैर...

वास्तविकता यह है कि जनसुविधाओं के नाम पर अधिकारियों से मिलीभगत कर परिचितों, भ्र्ष्ट ठेकेदारों, अयोग्य कम्पनियों, एजेंसियों को टेंडर ऑल्ट किए गए  जिन्होंने निगम खजाने को जमकर लूटा, निगम की एफडी तक तोड़कर हजम कर ली गई मगर विधायक रहते इन्होंने उसपर कोई सवाल तक नहीं किया !

माईकल सैनी कहते हैं कि विधायक के साप्ताहिक अवकाश पर जाने से शहरवासियों को मिलने वाली जरूरी सुविधाएँ प्रभावित होंगी, उनकी समस्याओं के समाधान वास्ते प्रतीक्षा बढ़ गई है, अब देखने वाली बात यह होगी कि वह अपने दावे अनुसार लोक अदालत लगाकर समाधान करने में कितनी ततपरता दिखाते हैं  हालाँकि पूर्व में भी वह सप्ताह में एक-दो दिन ही मिला करते थे लोगों से  और भविष्य में भी इसके आसार कम ही है कि वह चुनावों पर कम और लोगों को अधिक समय दे पाएंगे ?

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