गुरुग्राम, रेखा वैष्णव: आज “राकेश दौलताबाद की झोंपड़ी”, दौलताबाद में पीस एजुकेशन प्रोग्राम का समापन समारोह आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम 30 अप्रैल से प्रत्येक रविवार को साप्ताहिक आधार पर दिन में दो सत्रों के साथ चल रहा था। कुल मिलाकर 42 प्रतिभागियों ने इस प्रेरणादायक यात्रा को पूरा किया, जिनमें से 18 युवा पीढ़ी के सदस्य थे।इस कार्यक्रम को द प्रेम रावत फाउंडेशन (टी पी आर ऍफ़) के सहयोग से आयोजित किया गया जिसमे टी पी आर ऍफ़ की तरफ से प्रोफिसिएंट फैसिलिटेटर राजदीप त्यागी (बोर्ड़ सलाहकार ) थे।
समारोह में पूर्व विधायक स्वर्गीय श्री राकेश दौलताबाद के माता-पिता, श्री ज़िले सिंह एवं श्रीमती रोशनी देवी मुख्य अतिथि रहे। श्री ज़िले सिंह ने कहा कि “यह कार्यक्रम हमारे अंदर के आत्मिक संसाधनों—स्पष्टता और विकल्पों की शक्ति—को जाग्रत करता है, जिससे हम जीवन की चुनौतियों का सामना निडरता से कर पाते हैं। आज की बदलती दुनिया में ऐसी अंतर्दृष्टिपूर्ण पहल ही समाज को सशक्त बनाने की राह दिखाती है।
श्रीमती रोशनी देवी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, गुड़गांव में ‘राकेश दौलताबाद की झोंपड़ी’ से इस कार्यक्रम की शुरुआत ने हमें अत्यंत आनंदित किया। पीस एजुकेशन प्रोग्राम ने व्यक्तियों को सशक्त बनाने का अद्भुत संकल्प दिया है। यह पहल सिर्फ गुरुग्राम तक सीमित न रहकर पूरे हरियाणा और देशभर में फैलनी चाहिए।”
पीस एजुकेशन प्रोग्राम के प्रतिभागियों ने भी प्रेरक अनुभव साँझा किय। सीमा (28 वर्ष) ने साझा किया, “पीस एजुकेशन ने मुझे जीवन में सकारात्मक आशा जगाई। जब निराशा की लहरें मुझ पर भारी पड़ती थीं, तब आंतरिक संसाधन ‘आशा’ ने मुझे फिर से खड़ा होने का साहस दिया।” राहुल (22 वर्ष) ने बताया, इस कार्यक्रम ने सिखाया कि हर परिस्थिति में हमारे पास विकल्प होते हैं। जब तनाव ने घेर लिया था, मैंने चयन के अभ्यास से अपनी प्रतिक्रिया बदलकर परिवार और मित्रों के साथ संबंध मजबूत किए।
पीस एजुकेशन प्रोग्राम, द प्रेम रावत फाउंडेशन द्वारा संचालित एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य प्रतिभागियों को उनके भीतर मौजूद शांति, आंतरिक शक्ति, और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में मदद करना है।पीस एजुकेशन प्रोग्राम 84 से अधिक देशों में 46 भाषाओं में उपलब्ध है। इसे अब तक लाखों लोग अनुभव कर चुके हैं और यह व्यक्तिगत विकास, और आंतरिक शांति लाने के लिए अत्यधिक प्रभावशाली साबित हुआ है।
यह एक खोज-आधारित शैक्षिक पहल है, जो प्रतिभागियों में सामाजिक–भावनात्मक कौशल, तनाव प्रबंधन, आत्म-जागरूकता और विवेचनात्मक चिंतन जैसे गुणों का विकास करती है, जिन्हें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी प्रमुखता से उजागर किया गया है।
द प्रेम रावत फाउंडेशन विश्वभर में निशुल्क कार्यशालाएँ, शैक्षिक सामग्री और सहयोगी कार्यक्रम प्रदान करने के माध्यम से शांति, सौहार्द और व्यक्तिगत शांति को बढ़ावा देता है। कार्यक्रम में गुरुग्राम बार एसोसिएशन से अधिवक्ता बी एस चौधरी भी उपस्थित हुए
संपर्क: राजदीप त्यागी, मोबाइल -8447459558 वेबसाइट: www.tprf.org