नगर निगम गुरुग्राम ने बरसाती पानी निकासी प्रबंध कार्य को किया और अधिक तेज



- अतिक्रमण के कारण जल निकासी में बाधा आने वाले स्थलों की पहचान करके किया जाएगा अतिक्रमण मुक्त-निगमायुक्त प्रदीप दहिया ने दिए इंजीनियरों को निर्देश

- इंजीनियरिंग विंग तथा सफाई विंग द्वारा संयुक्त रूप से ड्रेनेज, सीवरेज व जीटी की सफाई और मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर जारी


गुरुग्राम, 27 मई। आगामी मानसून सीजन को ध्यान में रखते हुए नगर निगम गुरुग्राम ने बरसाती पानी की निकासी के लिए अपने प्रबंध कार्यों में तेजी कर दी है। निगमायुक्त प्रदीप दहिया द्वारा दिए गए निर्देशों की अनुपालना में निगम की टीमें ड्रेनेज, सीवरेज और जीटी की सफाई एवं मरम्मत कार्य में दिन-रात जुटी हुई हैं। यही नहीं, जहां पर नई जीटी बनाने की आवश्यकता है, वहां पर जीटी बनाने का कार्य भी किया जा रहा है। जनता से मिली प्रतिक्रिया के तहत निगम टीमों ने न्यू कॉलोनी मोड़ पर नई जीटी का निर्माण किया है, ताकि जल निकासी सही ढंग से हो। इसके अलावा, अन्य स्थानों पर भी कार्य जारी है।



निगमायुक्त प्रदीप दहिया ने ऐसे स्थलों की भी पहचान करने के निर्देश दिए हैं, जहां अतिक्रमण के चलते जल निकासी में बाधा उत्पन्न हो रही है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा है कि वे ऐसे स्थलों की सूची तैयार कर उचित कार्रवाई सुनिश्चित करें। इसके तहत अतिक्रमण को हटाकर जल निकासी व्यवस्था सुचारू कराएं। नगर निगम की इंजीनियरिंग विंग एवं सफाई विंग मिलकर विभिन्न क्षेत्रों में संयुक्त रूप से काम कर रही हैं ताकि किसी भी तरह की जलभराव की समस्या को समय रहते दूर किया जा सके। वहीं निगम की टीमें जीएमडीए टीमों के साथ भी समन्वय बनाए हुए हैं, ताकि जल निकासी व्यवस्था और भी अधिक बेहतर हो सके।



उल्लेखनीय है कि गुरुग्राम जैसे तेजी से विकसित हो रहे शहर में मानसून के समय जलभराव की समस्या एक पुरानी चुनौती रही है। ऐसे में नगर निगम द्वारा तेज गति से किया जा रहा जल निकासी प्रबंधों का कार्य महत्वपूर्ण है। निगमायुक्त प्रदीप दहिया की ओर से अतिक्रमण स्थलों की पहचान करवाना न केवल जल निकासी व्यवस्था को दुरुस्त करेगा, बल्कि यह एक सख्त संदेश भी है कि विकास में बाधा बनने वाले अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नगर निगम का यह प्रयास नागरिकों की भागीदारी भी सुनिश्चित कर रहा है। निगम द्वारा जल भराव संभावित स्थानों की पहले ही पहचान कर ली गई थी तथा इस पर नागरिकों द्वारा सुझाव व प्रतिक्रिया भी दी जा रही है, जिन पर कार्य करते हुए निगम टीमें जल निकासी प्रबंधों में जुटी हुई हैं। आमजन को भी चाहिए कि वे जल निकासी व्यवस्था में बाधा बनने वाले किसी भी प्रकार के अतिक्रमण या कचरा फेंकने जैसी गतिविधियां ना करें।
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