जम्मू के दिव्यांग विद्यार्थी बहादुर लाल ने हकेवि से प्राप्त की पीएच.डी. की डिग्री
-कुलपति ने की सराहना, बोले सफलता के मार्ग में दिव्यंगता बाधक नहीं
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के शिक्षक शिक्षा विभाग से दृष्टिबाधित दिव्यांग शोधार्थी बहादुर लाल ने विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए पीएच.डी. की डिग्री प्राप्त कर विश्वविद्यालय व जम्मू के मालपुर डिंगा गांव का नाम रोशन किया है। हकेवि में विशेष श्रेणी (दृष्टिबाधित) के अंतर्गत पीएच.डी. की डिग्री प्राप्त करने वाले पहले शोधार्थी हैं। विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेशवर कुमार ने बहादुर से मुलाकात कर उनकी सराहना की और कहा कि विश्वविद्यालय ऐसे हर विद्यार्थी के साथ खड़ा है जोकि विभिन्न चुनौतियों के साथ शिक्षा पाने का इच्छुक है। कुलपति ने कहा कि इच्छाशक्ति व परिश्रम ऐसे माध्यम है जिनके आगे किसी भी प्रकार की चुनौती बाधक नहीं बन सकती। उन्होंन कहा कि बहादुर की उपलब्धि अवश्य ही अन्य विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनेगी।
विश्वविद्यालय के शिक्षक शिक्षा विभाग से पीएच.डी. डिग्री प्राप्त करने वाले बहादुर लाल ने बताया कि उनके लिए जम्मू के मालपुर डिंगा गांव से निकलकर उच्च शिक्षा का यह सफर बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि को जीवन में दृष्टिबाधित होने के चलते प्राप्त करने में अनेक चुनौतियां सामने आईं लेकिन इच्छाशक्ति व शिक्षकों की प्रेरणा व मार्गदर्शन से यह मुश्किल राह आसान हो गई। शिक्षक शिक्षक विभाग की प्रोफेसर सारिका शर्मा के निर्देशन में बहादुर लाल ने ‘समावेशी परिवेश में शिक्षाः उच्च शिक्षण संस्थानों में दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए निवारण रणनीतियों का अन्वेषण‘ विषय पर शोध कार्य किया है। उन्होंने कहा कि अपने जीवन में जिन चुनौतियों का सामना किया, उन्हीं पर केंद्रित उनका शोध कार्य रहा है। बहादुर ने इस दिशा में आवश्यक सुधारों के तौर पर प्रमुख रूप से शिक्षकों के प्रशिक्षण, भावनात्मक सहयोग के साथ-साथ संसाधनों के विकास और दिव्यांग विद्यार्थियों को मुख्य धारा के साथ जोड़ने की दिशा में विशेष प्रयासों का उल्लेख किया।
शिक्षक शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. प्रमोद कुमार ने बताया कि दिव्यांग शोधार्थी बहादुर लाल के साहस और परिश्रम के परिणाम स्वरूप उन्हें प्राप्त सफलता अवश्य ही ऐसे अन्य विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत साबित होगी। उन्होंने कहा कि बहादुर ने हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय से पहले एम.ए. और फिर पीएच.डी. की डिग्री हासिल की है। यह इस बात का परिचायक है कि विश्वविद्यालय विशेष श्रेणी के अंतर्गत आने वाले विद्यार्थियों के लिए शिक्षण-प्रशिक्षण के भरपूर अवसर उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने बहादुर लाल के बेहतर भविष्य की कामना की और कहा कि उनकी शोध अवश्य ही इस दिशा में जारी प्रयासों को गति प्रदान करने में मददगार साबित होगी।