पी.सी. मीणा ने संभाला जीएमडीए प्रमुख का कार्यभार; सड़क रखरखाव, ट्रैफिक डी-कंजेशन परियोजनाओं और समग्र शहरी सुधार को दी प्राथमिकता
-डिफेक्ट लाइबिलिटी पीरियड (डीएलपी) के अंतर्गत आने वाली सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए 15 दिन की समय सीमा निर्धारित की गई है।
-शेष सड़कों के लिए, गुरुग्राम को चार क्षेत्रों में विभाजित करके तीन साल के रखरखाव के लिए तत्काल निविदाएँ जारी की जाएँ।
-शहर में ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए आवश्यक सड़क परियोजनाओं की पहचान की जाएगी
-सड़क दुर्घटनाओं में उच्च मृत्यु-दर वाले स्थानों एवं ब्लाइंड स्पॉट्स की पहचान की जाएगी
-अधिकारियों को नियमित रूप से साइट का दौरा करना चाहिए।
गुरुग्राम, 4 दिसंबर: बुधवार को आईएएस श्री पी.सी. मीणा ने गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। कार्यभार संभालने के तुरंत बाद, उन्होंने जीएमडीए के सभी प्रभागों के अधिकारियों के साथ एक विस्तृत समीक्षा बैठक की, जिसमें शहर में चल रहे विकास कार्यों की प्रगति का आकलन किया गया। उन्होंने जीएमडीए के अंतर्गत आने वाली सभी परियोजनाओं को समयबद्ध और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा करने के लिए दृढ़ निर्देश जारी किए।
बैठक में जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने इंजीनियरिंग विभाग को निर्देश दिए कि वे डिफेक्ट लाइबिलिटी पीरियड (डीएलपी) के अंतर्गत आने वाली सभी सड़कों को 15 दिनों के भीतर पूरी तरह गड्ढा मुक्त इस अवधि के बाद, नागरिकों से प्रतिक्रिया ली जाएगी और इन सड़कों पर पाई गई किसी भी कमी के लिए जिम्मेदार इंजीनियरों को जवाबदेह ठहराया जाएगा। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि शहर की शेष सड़कें, जो डीएलपी के अंतर्गत नहीं हैं, उन्हें चार रखरखाव क्षेत्रों में विभाजित किया जाए और वार्षिक निविदाओं के स्थान पर कम से कम तीन वर्षों के लिए एजेंसियों की नियुक्ति के लिए तत्काल निविदाएँ जारी की जाए ताकि इन सड़कों पर रखरखाव और मरम्मत कार्य बिना किसी रुकावट के किया जा सके। मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि सभी सड़कों पर लेन-मार्किंग का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए।
उन्होंने मोबिलिटी टीम को निर्देश दिए कि शहर में ब्लैक स्पॉट्स और उच्च मृत्यु-दर वाले स्थानों की पहचान करने के लिए ट्रैफिक पुलिस विभाग से पिछले तीन वर्षों के दुर्घटना और जाम से संबंधित डेटा प्राप्त किया जाए। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि इन निष्कर्षों के आधार पर, जीएमडीए गुरुग्राम में पैदल यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए अड़चनों को दूर करने और आधुनिक फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) के निर्माण के लिए यातायात पुलिस की सिफारिशों को लागू करेगा।
पर्यावरणीय मानकों के पालन को मजबूत बनाने के लिए, मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने निर्देश दिए कि सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की थर्ड-पार्टी जांच करवाई जाए ताकि डिस्चार्ज पॉइंट्स पर बीओडी और सीओडी स्तर का मूल्यांकन किया जा सके। इसके अतिरिक्त, ऑनलाइन एनालाइज़र लगाए जाने चाहिए और उनकी नियमित निगरानी की जानी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनका सही ढंग से संचालन हो और निर्धारित दिशा निर्देशों का पालन हो। इसके अतिरिक्त, शहरी पर्यावरण विभाग को गुरुग्राम में सेंट्रल वर्ज का सौंदर्यीकरण करने और यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिए गए कि सेंट्रल वर्ज या ग्रीन बेल्ट पर कोई मलबा या कचरा न छोड़ा जाए।
पी.सी. मीणा ने परियोजना की प्रगति को प्रभावित करने वाली किसी भी बाधा या रुकावट की तुरंत पहचान करने और उसका समाधान करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि जीएमडीए का मुख्य ध्यान सभी बुनियादी ढाँचागत कार्यों की सख्त जवाबदेही और समयबद्ध कार्यान्वयन पर रहेगा। उन्होंने टीम को गुरुग्राम शहर की ट्रैफिक डी-कंजेशन कम करने के लिए तत्काल आवश्यक और दीर्घकालिक परियोजनाओं की पहचान करने के भी निर्देश दिए।
