भारतीय जनता पार्टी ने बढ़ाया है सैनिकों का सम्मान: नवीन गोयल

 भारतीय जनता पार्टी ने बढ़ाया है सैनिकों का सम्मान: नवीन गोयल


-शहीद डिप्टी कमांडेंट सुखबीर सिंह के 25वें शहीदी दिवस पर किया नमन
-वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के पहले शहीद हैं डिप्टी कमांडेंट सुखबीर सिंह यादव
गुरुग्राम। वर्ष 1999 में हुए कारगिल युद्ध के पहले शहीद डिप्टी कमांडेंट सुखबीर सिंह के 25वें शहीदी दिवस पर उन्हें नमन करते हुए व्यापार प्रकोष्ठ भाजपा हरियाणा के संयोजक नवीन गोयल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने देश के सैनिकों का सम्मान बढ़ाया है। सैनिकों को उच्च स्तरीय सुविधाएं देकर उन्हें सहूलियत दी है। हमारे देश के सैनिकों ने भी सदा देश का गौरव बढ़ाते हुए शौर्य के साथ देश की रक्षा की है।  
शहीद डिप्टी कमांडेंट सुखबीर ङ्क्षसह यादव के पैतृक गांव रेवाड़ी जिला के धामलावास में नवीन गोयल ने उनके स्मारक स्थल पर पुष्प अर्पित किए। उनकी वीरांगना एवं पूर्व सांसद डा. सुधा यादव के व्यक्तित्व को भी नवीन गोयल ने नमन किया। उन्होंने बताया कि स्व. सुखबीर सिंह यादव जी 26 मई 1999 को कारगिल में दुश्मनों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए थे। जनहित और राष्ट्रसेवा के जो नेक कार्य वे अपने जीवनकाल में अधूरे छोड़ गए उन्हें उनकी धर्मपत्नी केंद्रीय संसदीय बोर्ड एवं चुनाव समिति की सदस्या डा. सुधा यादव ने धैर्य और गरिमा के साथ आगे बढ़ाने का काम किया है। निरन्तर राष्ट्र की सेवा में कर्तव्यनिष्ठा के साथ तत्पर हैं।
नवीन गोयल ने कहा कि अपनी मांग का सिंदूर जिन्होंने देश की कुर्बान किया, ऐसे व्यक्तित्व का हम सब पर कर्ज है। अपने बेटे को देश के लिए सौंप दिया, ऐसे माता-पिता भी धन्य हैं। एक सैनिक अपनी जीवन देश पर समर्पित करता है। हर पल उसके जीवन को खतरा रहता है। फिर भी अपने कर्तव्य पथ से पीछे नहीं हटता। सीना ताने दुश्मन से टक्कर लेने वाले हमारे जांबाज सैनिकों ने सदा देश का सीना चौड़ा किया है। साल 1999 में कारगिल का युद्ध लडऩा इतना आसान नहीं था। धरती और आसमान के जैसी स्थिति थी। हमारे सैनिक नीचे से जवाबी कार्रवाई कर रहे थे, जबकि पाकिस्तानी सैनिक ऊंची चोटी से हमला कर रहे थे। इतना बड़ा अंतर होने के बाद भी हमारे जांबाज सैनिकों ने पाकिस्तानी सैनिकों के दांत खट्टे किए। नवीन गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री अटल बिहारी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने सेना का खुली छूट दी थी। किसी भी तरह का ऑपरेशन करने के लिए सेना ने कड़े निर्णय लिए। नवीन गोयल ने कहा कि कारगिल युद्ध को ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत और पाकिस्तान के बीच मई और जुलाई 1999 में कश्मीर के करगिल जिले में हुए सशस्त्र संघर्ष का नाम है। पाकिस्तान की सेना और कश्मीरी उग्रवादियों ने भारत और पाकिस्तान के बीच की नियंत्रण रेखा पार करके भारत की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की। उनकी इस कोशिश को नाकाम करने के लिए हमारे सैनिकों ने बहादुरी से जंग लड़ी। कारगिल की लड़ाई में भारत ने जहां बहुत कुछ खोया, वहीं पाकिस्तान पूरी तरह बर्बाद होकर रह गया। इस जंग में जहां भारत के 527 सैनिक शहीद हुए थे। पाकिस्तान के करीब 4000 सैनिक मारे गए थे। भारत में इस जंग ने देश प्रेम को बढ़ाया।  
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