टिकट वितरण में भाजपा द्वारा पंजाबी समाज को मान्यता न देने पर प्रकट किया आक्रोश।
पंजाबी एकता के ज्वलंत उदाहरण को देख लगा बोधराज सीकरी के प्रयास का असर।
स्वामी धर्मदेव ने कार्यक्रम की अध्यक्षता कर किया कई जिज्ञासाओं का निवारण और जन आक्रोश को शान्त।
गुरुग्राम। दिनांक 6 सितंबर, शुक्रवार की शाम ब्लिस बैंक्वेट सेक्टर 17 गुरुग्राम के सभागार में एक विशाल सभा का आयोजन पंजाबी बिरादरी महासंगठन के प्रधान बोध राज सीकरी ने किया, जिसका नाम मंथन गोष्ठी रखा गया और बैनर पर लिखे 'जय पंजाबी जाग पंजाबी' के उद्घोष ने पंजाबी समाज की ताकत और एकता को बुलंद किया। इसके साथ लिखे नारे "पंजाबी समाज का सामूहिक ऐलान, नहीं सहेगा पंजाबी अपमान" ने भी इस समाज से जुड़े लोगों के आक्रोश को जाहिर किया। बता दें बोधराज सीकरी भाजपा संगठन में एक बहुत बड़ा क़द हैं। उनके पास सीएसआर ट्रस्ट के उत्तरदायित्व के अतिरिक्त प्रदेश संयोजक एनजीओ प्रकोष्ठ का दायित्व भी है। वे पिछले तीन वर्षों से विभाजन विभीषिका आयोजन समिति का भी भाजपा में एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं व प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य हैं। इसके अतिरिक्त सरकार में जीएमडीए की आरएसी कमेटी के सदस्य हैं। वें रोड सेफ्टी कमेटी के सदस्य व शिकायत निवारण समिति के सदस्य, बंधुआ मज़दूर कमेटी बादशाहपुर के सदस्य के साथ-साथ गुरुग्राम यूनिवर्सिटी कोर्ट के भी सदस्य हैं। इस गोष्ठी की अध्यक्षता स्वामी धर्म देव जी ने की। इस सभा का विशेष आकर्षण युवा और महिला वर्ग था। इसमें शहर के शिक्षाविद, उद्योगपति, आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी, व्यापारी, व हर श्रेणी के पंजाबी समाज के लोग उपास्थित रहे। इसके अतिरिक्त विश्व की सभी आर्य समाज की केंद्रीय सभा, जिसे परोपकारिणी सभा कहते हैं, उनके मंत्री श्री कन्हैया लाल आर्य, सभी मंदिर की केंद्रीय श्री सनातन धर्म सभा के प्रधान श्री सुरेंद्र खुल्लर और गुरुग्राम के सभी आर्य समाज की आर्य केंद्रीय सभा के प्रधान श्री अशोक आर्य भी उपस्थित रहे।
मंच पर स्वामी धर्मदेव जी, बोध राज सीकरी के अतिरिक्त वरिष्ठ उप प्रधान श्री ओम प्रकाश कथूरिया, बिरादरी के महामंत्री श्री राम लाल ग्रोवर, चीफ पैटर्न श्री कँवर भान वधवा, गुरुग्राम होम डेवलपर्स एसोसिएशन में मुख्य संरक्षक श्री दिनेश नगपाल, ज़ाने-माने उद्योगपति श्री गिरिराज धींगड़ा, श्री पी.के दत्ता, पंजाबी समाज के वयोवृद्ध श्री एच.एस. चावला उपस्थित रहे।
विशेष बात यह थी कि पूर्व में गुरुग्राम के विधायक और वर्तमान में आम आदमी पार्टी के नेता श्री उमेश अग्रवाल की पत्नी श्रीमती अनिता लूथरा अग्रवाल ने कल पंजाबी बिरादरी महा संगठन की सदस्यता ली और बोध राज सीकरी ने उनका विधिवत अभिनंदन किया और उन्हें मंच पर बिठाया और कार्यक्रम के उपरांत धन्यवाद प्रस्ताव उनसे पारित करवाया।
बता दें कि पंजाबी समाज की नाराज़गी विषय को लेकर इस कार्यक्रम में चर्चा हुई। क्योंकि कांग्रेस निरंतर आठ बार चालीस वर्ष तक पंजाबी को टिकट देती रही और भाजपा ने केवल एक बार पंजाबी समाज को टिकट देकर दरकिनार किया। इस आयोजन में उपस्थित लोगों में बहुत आक्रोश था, नाराज़गी थी, क्रोध था, उदासीनता थी, विषाद था और बग़ावत के सुर थे। परंतु कुछ वरिष्ठ नेता जैसे श्री कन्हैया लाल आर्य ने कहा कि टिकट देते समय इस बार राष्ट्रवाद हार गया और अवसर वाद जीत गया। यही शब्द श्री चावला के थे और यही शब्द बोध राज सीकरी के थे। सभा में बारह से अधिक वरिष्ठ लोगों ने अपने-अपने विचार रखे जिनमें श्री बाल कृष्ण खत्री, श्री ओ.पी बंधु, श्री बी.डी.पाहुजा, श्री सुरेंद्र खुल्लर, श्री अशोक आर्य, श्री धर्मेंद्र बजाज, श्री राम किशन गांधी, श्री कंवर भान वधवा, श्री रमेश कालरा, श्री गौरव पाहुजा, सी.बी मनचंदा, अंकित अल्घ, सरदार अमरजीत सिंह बाजवा, तरुण, यश चड्ढा और युवा प्रकोष्ठ के सौरभ सचदेव, दमन दीवान मुख्य रूप से शामिल रहे।
इस गोष्ठी में पंजाबी समाज की अलग-अलग 17 बिरादरियों के प्रधान भी उपस्थित रहे।
बोध राज सीकरी ने अपने आधे घंटे के धारावाहिक भाषण में सभागार को हिला दिया। पहले उन्होंने अपने द्वारा लिखी गई एक दर्द भरी कविता सुनाई और फिर उन्होंने बताया कि राष्ट्रवादी होने के नाते उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव में राव इंद्रजीत की जीत के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया और पार्टी ने उन्हें जो पद प्रमुख व्यावसायिक और सामाजिक विशेष संपर्क का दिया, उसे बखूबी निभाया। उनकी टीम ने 116 नुक्कड़ सभा की। उसकी एल्बम शीर्ष नेतृत्व को भेजी। नौ विधानसभा में जाकर पंजाबी समाज को मिले और गुरुग्राम में पंजाबी बिरादरी महा संगठन जिसके सीकरी जी प्रधान हैं और जिसके 16400 सदस्य हैं, यदि एक घर में 3-3 वोट भी हों तो लगभग पचास हज़ार वोट उनकी अपनी बिरादरी के बनते हैं, उन सबको भाजपा को वोट देने के लिए तैयार किया जिसके फलस्वरूप जब चुनाव के परिणाम का समय आया तो सब जगह राव इंद्रजीत हार रहे थे और गुरुग्राम की बारी आते ही उनके चेहरे पर मुस्कान आयी और गुरुग्राम, बादशाहपुर के कारण जीत गये। इन दोनों इलाकों में पंजाबी बाहुल्य वोट है और राव इंद्रजीत ने बोध राज को फ़ोन पर पंजाबी समाज का धन्यवाद किया और अलग-अलग मंच पर घोषणा की कि मेरी जीत में पंजाबी समाज का बहुत बड़ा हाथ है और मैं बोध राज सीकरी का शुक्रगुज़ार हूँ और वक्त आने पर कर्ज उतारूँगा। बोध राज सीकरी ने अपने भाषण में प्रश्न किया कि जब राव इंद्रजीत सिंह जी के लिए मौक़ा था और पैनल में उनका नाम और कुछ और पंजाबी लोगों का नाम था तो 20 प्रतिशत पंजाबी आबादी के किसी भी प्रतिनिधि का नाम उन्होंने क्यों प्रस्तावित नहीं किया। बोध राज सीकरी के भाषण में उनकी नाराज़गी राव साहब के प्रति झलक रही थी। उन्होंने अपने भाषण में बताया कि तीन दिन पूर्व भी उन्होंने तीन शीर्ष नेतृत्व के लोगों को व्हाट्सऐप भेज कर कहा कि किसी भी पंजाबी को टिकट दो परंतु पंजाबी को ही दो क्योंकि पंजाबी समाज ने उनके लिए चुनाव में रैली निकाली जैसे बोध राज सीकरी ने चुनाव में दो आयोजन किए, यशपाल बत्रा, कपिल दुआ और सीमा पाहुजा ने अलग-अलग रैली का बंदोबस्त किया। बोध राज सीकरी ने कहा कि बाक़ी ज़िलों के अंदर आप जाति समीकरण देखते हो तो भाजपा पंजाबी समाज को विचाराधीन गुरुग्राम में क्यों नहीं करती, जबकि कांग्रेस निरंतर करती है। उन्होंने बताया कि तीन साल में पूरा पंजाबी समाज एक आवाज़ में एकत्र होता है। उनमें राष्ट्र भावना जगायी गई है।
उन्होंने तीन वर्ष में विभाजन विभीषिका पर 22 जिलों का समन्वय कर विभाजन के दर्द को लोगों को विशेषकर युवा को बताया जिसके कारण भी पंजाबी समाज भाजपा की ओर झुका है। परंतु पार्टी ने गुरुग्राम में पंजाबी समाज को महत्वता क्यों नहीं दी। एक वक्त था जब पंजाबियों को बीस से अधिक विधायक की टिकट अलग-अलग पार्टी से मिलती थी। घटते-घटते अब हम नौ दस पर आ गये हैं।
बोध राज सीकरी ने स्पष्ट शब्दों में बताया कि गुरुग्राम को नेता की नहीं बल्कि कॉर्पोरेट बैकग्राउंड का व्यक्ति चाहिए। शिक्षित व्यक्ति चाहिए, जिसने गुड़गाँव को गुरुग्राम बनते देखा है, जिसको शहर की भौगोलिक स्थति मालूम हो, जिसकी जन्मभूमि गुरुग्राम हो। यह शहर 65% राजस्व देता है। यह मिलेनियम सिटी है, यह कॉर्पोरेट सिटी है। यहाँ पार्टी को प्लानर चाहिए। बोध राज सीकरी ने बताया कि उन्हें राज्य सरकार का, केंद्र सरकार का, पब्लिक सेक्टर का, प्राइवेट सेक्टर का और एक उद्योगपति का 54 वर्ष का अनुभव है। वो चाहे तो अपने व्यापार को आगे बड़ा सकते हैं परन्तु उन्होंने प्राथमिकता समाज सेवा और पार्टी सेवा को दी। अफ़सोस पार्टी ने अवसरवादिता को प्राथमिकता दी और राष्ट्रवाद को एक तरफ़ कर दिया। बोध राज सीकरी ने यह भी बताया कि उनके पास पंजाबी समाज के बहुत से लोगों ने जो पार्टी में किसी न किसी पद पर हैं, त्यागपत्र देने की पेशकश की है।
इसके उपरांत स्वामी जी का वक्तव्य काबिले तारीफ़ था। उन्होंने अपनी ओजस्वी वाणी से लोगों को शांत किया।
राष्ट्र धर्म पर भाषण दिया। पार्टी की मजबूरियों का वर्णन किया और माननीय प्रधान मंत्री और योगी आदित्य नाथ की श्री मनोहर लाल की और श्री नायब सिंह सैनी की कार्यशैली की प्रशंसा की और बोध राज सीकरी के जख्मों पर मरहम लगाने का काम किया और वायदा किया कि वे लोगों के दर्द को श्री मनोहर लाल जी से और नायब सिंह जी से साझा करेंगे। उन्होंने माना कि बोध राज सीकरी के लिए राव इंद्रजीत सिंह जी ने उनका नाम प्रस्तावित ना करके उचित नहीं किया। उन्होंने बोध राज सीकरी की पार्टी के आगे मेयर चुनाव के लिए दावेदारी की पुरज़ोर सिफ़ारिश करने का भी वायदा किया जो अति शीघ्र होंगे। इस घोषणा के उपरांत लोग शांत हुए।
जन सेवक क्रांति पार्टी के नेता और संस्थापक और अध्यक्ष श्री अंकित अल्घ ने अपने जोशीले भाषण में कहा कि वो पंजाबियत के लिये कुछ भी क़ुर्बान करने को तैयार हैं। उनकी पार्टी का चिन्ह कलम है। यदि बोध राज सीकरी जी चुनाव लड़ते हैं तो वे अपनी पार्टी का चिन्ह उन्हें दे सकते हैं और मैं स्वयं चुनाव नहीं लड़ूँगा। बोधराज सीकरी ने बताया कि आज दिन में तीन-तीन पार्टी के लोग उन्हें संपर्क कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त दो अति वरिष्ठ नेता जिन्होंने भाजपा हॉल ही में छोड़ी है, वे उनसे संपर्क में हैं और स्वतंत्र उम्मीदवार के नाते चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं और वो दोनों अपना बिना शर्त के समर्थन देने को तैयार हैं।
यद्यपि कुछ जोशीले युवाओं ने और बुजुर्ग लोगों ने सीकरी जी को पार्टी छोड़ने के लिए प्रेरित किया और आज़ाद उम्मीदवार के नाते चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया। बोध राज सीकरी ने स्पष्ट किया कि वे न तो पार्टी छोड़ेंगे और न ही आज़ाद उम्मीदवार के नाते चुनाव लड़ेंगे। वे पार्टी में रहते हुए अपना दर्द समय-समय पर रखेंगे और पार्टी के उम्मीदवार को जितायेंगे भी सही। उन्होंने यह भी दर्द साझा किया कि उन्हें शीर्ष नेतृत्व को मिलने के लिये बहुत मशक़्क़त करनी पड़ती है जबकि उनका कोई निजी एजेंडा नहीं होता। उनके साथ शहर के दो लाख से अधिक लोग चार साल में जुड़े हैं क्योंकि उन्होंने इतने अधिक सामाजिक काम किए हैं जो संभवत किसी ने नहीं किए होंगे। हनुमान चालीसा पाठ की मुहिम में उनके साथ 52000 लोग जुड़े, बैसाखी मिलन में 2500 लोग आये, जन्माष्टमी कार्यक्रम में 3000 लोग आये , योग दिवस पर 6500 लोग आये, राम लला की शोभा यात्रा निकाली उसमें दस हज़ार लोग आये। पौधारोपण कार्यक्रम में 2000 लोग आये। यह आँकड़ा बोध राज सीकरी की मेहनत का परिणाम दर्शाता है।
सभा का समापन श्रीमती अलका लूथरा अग्रवाल ने धन्यवाद प्रस्ताव के साथ किया और कहा कि मैं पंजाबी समाज की बेटी हूँ और दिल से इसकी सेवा करूँगी और बोध राज सीकरी के नेतृत्व में सदा खड़ी मिलूँगी।
गणमान्य व्यक्तियों में श्री के.के गांधी, दीपक मैनी, श्री अनिल मनचंदा, श्री धर्म सागर, श्री नरेश चावला, श्री पूर्ण चावला, श्री संदीप कुमार, श्री अश्विनी वर्मा, श्री अभिषेक खनेजा, महिला प्रकोष्ठ से ज्योत्सना बजाज और उनकी सौ से अधिक सदस्यों की टीम, डॉ.अलका शर्मा, सुषमा आर्य, शशि बजाज, रचना बजाज, पुष्पा नासा, गजेंद्र गोसाई, किशोरी लाल, रमेश कमरा, युधिष्ठिर अलमादी, रमेश चुटानी, चाँद आहूजा, के.के गोस्वामी, यशपाल ग्रोवर, गंगाधर खत्री, गौरी शंकर, अनिल कुमार, रमेश कुमार, वासदेव ग्रोवर, जय दयाल कुमार, डॉक्टर पाहवा, रमेश मुंजाल, सुभाष अरोड़ा, सुभाष गांधी, अशोक सीकरी, जगदीश मित्र, सुभाष नागपाल, ब्लिस बैंक्वेट के मालिक श्री संजीव कुमार जिनकी ओर से आयोजन किया गया था, श्री शेखर अनेजा, श्री नंद गाबा,श्री राजपाल आहूजा, डी.एन क्वात्रा, गौरव चुघ, संजय टंडन, सुभाष ग्रोवर, मुकेश नांगिया, दीपिका, राजकुमार कथूरिया, अशोक लूथरा, रवि मनोचा, राजीव छाबड़ा, सतीश चावला, अजय भार्गव, सतपाल नासा, दीपक वर्मा, सुदेश वर्मा, जगदीश रखेजा, भारत भूषण आर्य, रणधीर टन्डन, ओमप्रकाश चुटानी व अन्य जन उपस्थित रहे।