प्रकृति के साधनों का उतना ही उपयोग करें जितना आवश्यक है - दिनेश लुहाच



- प्रकृति के साधनों का उतना ही उपयोग करें जितना आवश्यक है - दिनेश लुहाच

- अत्यधिक सूचनाएं निर्णय शक्ति कम कर देती हैं - अदिति सिंघल

- स्कूली बच्चों के लिए हुआ डिजिटल वेलनेस कार्यक्रम

- ब्रह्माकुमारीज़ के ओम शांति रिट्रीट सेंटर में हुआ आयोजन

- 18 से भी अधिक स्कूल्स से लगभग 2300 बच्चों ने की शिरकत


22 मई 2025, गुरुग्राम

मोबाइल एवं डिजिटल दुनिया की लत ने आज बच्चों का बचपन छीन लिया है। उक्त विचार पटौदी, उप मंडल अधिकारी दिनेश लुहाच ने व्यक्त किए। बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने ब्रह्मा कुमारीज़ के ओम शांति रिट्रीट सेंटर में डिजिटल वेलनेस कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बुद्धिमान व्यक्ति वो है जो दूसरों के अनुभव से सीखता है। हमें डिजिटल चीजों का उतना ही उपयोग करना चाहिए, जितना आवश्यक है। प्रकृति ने हमें सब साधन दिए हैं। हमें उन्हें आवश्यकता के हिसाब से ही उपयोग करना है। प्रकृति के संसाधनों का दुरुपयोग प्रकृति को नुकसान पहुंचाना है।


वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका राजयोगिनी विजय दीदी ने कहा कि आज के बच्चे कल का भविष्य हैं। उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान की स्थापना में बच्चों का विशेष योगदान रहा। बच्चों का मन बहुत ही रचनात्मक होता है। बच्चों का अनुशासित जीवन ही समाज एवं राष्ट्र को श्रेष्ठ दिशा प्रदान कर सकता है।



कार्यक्रम में विशेष वक्ता के रूप से अंतरराष्ट्रीय मेमोरी ट्रेनर बीके अदिति सिंघल ने सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि किसी भी चीज की अधिकता नुकसान करती है। आज हम सुबह से शाम तक किसी न किसी तकनीकी से जुड़े हैं। जिसका असर आम जीवन पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि दुनिया के 70 प्रतिशत लोग मोबाइल का प्रयोग कर रहे हैं। 60 प्रतिशत लोग सोशल मीडिया से जुड़े हैं। आज व्यक्ति दिनभर इंफॉर्मेशन लेने में ही लगा रहता है। आवश्यकता से अधिक जानकारियां संशय पैदा करती हैं। जिस कारण निर्णय शक्ति कम हो जाती है। आज सोशल मीडिया हमें कई ऐसी चीजें परोस रहा है, जो हमारे समय और ऊर्जा को नष्ट कर  रहे  हैं। हमें ये समझना जरूरी है कि हम क्यों अपना समय इन चीजों के पीछे लगा रहे हैं। कहीं न कहीं पेरेंट्स भी इसके लिए जिम्मेवार हैं। जो बचपन में ही बच्चों को मोबाइल थमा देते हैं। मस्तिष्क की क्षमता अदभुत है। लेकिन अटेंशन न होने के कारण हम सीख नहीं पाते। सोशल मीडिया ने हमारा ध्यान डिस्ट्रैक्ट कर दिया है। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से  जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल, श्री राम पब्लिक स्कूल, मैत्री पब्लिक स्कूल, मदर्स प्राइड, डीपीएस, सीसीए, विराट इंटरनेशनल स्कूल, ऋषि वर्ल्ड स्कूल, जेजेवीएम स्कूल, आरपीएस स्कूल, रमन मुंजाल विद्या मंदिर, एसएससी एकेडमी, मोशन पीजीएस, पाथ फाइंडर एवं आरआरजेएस डीएवी पब्लिक स्कूल के बच्चे सम्मिलित हुए।


ओआरसी की राजयोग शिक्षिका बीके सुनैना ने सभी को राजयोग का अभ्यास कराया। कार्यक्रम में 18 स्कूल्स से 2300 से भी बच्चों ने शिरकत की। कार्यक्रम का संचालन बीके दिव्या ने किया।


कैप्शन:- चित्र परिचय:- 1. ओआरसी में स्कूली बच्चों के लिए डिजिटल वेलनेस कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन करते हुए पटौदी के उप मंडल अधिकारी दिनेश लुहाच, अंतरराष्ट्रीय मेमोरी ट्रेनर बीके अदिति, राजयोगिनी विजय दीदी, बीके भीम, बीके दिव्या, बीके रेखा, बीके निकिता एवं बीके सुनैना।


2. ओआरसी में स्कूली बच्चों के लिए डिजिटल वेलनेस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पटौदी के उप मंडल अधिकारी दिनेश लुहाच।


3. ओआरसी में स्कूली बच्चों के लिए डिजिटल वेलनेस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजयोगिनी विजय दीदी।


4 & 5. ओआरसी में स्कूली बच्चों के लिए डिजिटल वेलनेस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अंतरराष्ट्रीय मेमोरी ट्रेनर बीके अदिति।


6 & 7. ओआरसी में स्कूली बच्चों के लिए डिजिटल वेलनेस कार्यक्रम में उपस्थित बच्चे।


8. ओआरसी में स्कूली बच्चों के लिए डिजिटल वेलनेस कार्यक्रम में मंचासीन वक्ता।

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