उल-अधा का संदेश और मकसद - देश के लिए दुआ

-उल-अधा का संदेश और मकसद - देश के लिए दुआ 

दिनांक: 07 जून 2025

ईद-उल-अधा, जिसे बकरीद के रूप में भी जाना जाता है, त्याग, बलिदान, और भाईचारे का पवित्र पर्व है। यह पर्व हजरत इब्राहिम (अलैहिस्सलाम) के सर्वोच्च बलिदान की भावना को याद करता है, जिन्होंने अल्लाह के प्रति अपनी अटूट आस्था और समर्पण का परिचय दिया। इस अवसर पर, हम सभी को त्याग, करुणा, और एकता की भावना को अपनाने का संदेश मिलता है।

 ईद-उल-अधा का मकसद:

 त्याग और समर्पण: यह पर्व हमें सिखाता है कि सच्चा बलिदान निस्वार्थ भाव से दूसरों की भलाई के लिए किया जाता है।

भाईचारा और एकता: यह अवसर समाज में प्रेम, सौहार्द, और एकजुटता को बढ़ावा देता है, जहां लोग अपने सुख-दुख साझा करते हैं।

दान और उदारता: जरूरतमंदों के साथ संसाधनों को बांटना और उनकी मदद करना इस पर्व का मूल उद्देश्य है।आध्यात्मिक उत्थान: यह हमें आत्म-चिंतन और ईश्वर के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है।

देश के लिए दुआ: इस पवित्र अवसर पर, हम प्रार्थना करते हैं कि हमारा देश भारत समृद्धि, शांति, और एकता के पथ पर अग्रसर हो। हम दुआ करते हैं कि हमारे देशवासियों के बीच प्रेम, भाईचारा, और आपसी समझ मजबूत हो। अल्लाह से प्रार्थना है कि हमारा देश हर चुनौती से निपटने में सक्षम हो और सभी नागरिकों के लिए सुख, समृद्धि, और सुरक्षा सुनिश्चित हो।



आह्वान: हम सभी देशवासियों से अपील करते हैं कि इस ईद-उल-अधा पर हम एक-दूसरे के प्रति दया, सहानुभूति, और समर्थन की भावना को बढ़ावा दें। आइए, हम मिलकर एक ऐसे समाज का निर्माण करें जो समावेशी, शांतिपूर्ण, और प्रगतिशील हो।ईद-उल-अधा की हार्दिक शुभकामनाएं!संपर्क:


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