हरियाणा में बिजली के दाम चार गुणा बढ़ाकर सरकार ने दिखाया जनविरोधी चेहरा: पंकज डावर

 ंहरियाणा में बिजली के दाम चार गुणा बढ़ाकर सरकार ने दिखाया जनविरोधी चेहरा: पंकज डावर

-बोले, क्या हरियाणा की जनता से इसलिए दिया था भाजपा को वोट

-तीसरी बार सरकार बनाकर निरंकुश हो गई है भाजपा सरकार

गुरुग्राम। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पंकज डावर ने कहा कि हरियाणा में बिजली के दाम चार गुणा बढ़ाकर सरकार ने जनता को जोर का झटका दिया है। पहले से हर चीज में जनता महंगाई झेल रही है। ऐसे में बिजली के दाम बढ़ाकर सरकार ने जनविरोधी चेहरा उजागर किया है। उन्होंने भाजपा सरकार से जवाब मांगा है कि क्या जनता ने इस दिन के लिए वोट दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि तीसरी बार सरकार बनाकर भाजपा निरंकुश हो गई है।

पंकज डावर ने कहा कि जिनका बिजली बिल अब तक 900 रुपये आता था, वह अब सीधे 4000 आएगा।सरकार ने प्रति किलोवाट 75 रुपये चार्ज भी लगाने का काम किया है। जून महीने में जिन लोगों के बिल आए हैं, उन्हें नए स्लैब से बिल भेजे गए हैं। एक तो गर्मी में बिजली की सरकार आपूर्ति पूरी नहीं कर पा रही। लोग परेशान हैं। ऊपर से बिजली महंगी करके बिना बिजली ही करंट लगाने का काम सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि सरकार जनहितैषी होने का दावा तो करती है, लेकिन जनता की दुश्मन सरकार साबित हो रही है। जिन घरों का 4000 रुपये में एक महीने का राशन आता है, अब उन्हें यह 4000 रुपये बिजली के बिल के रूप में देने होंगे। जिनका 900 रुपये बिजली बिल आता था, अब वह नए स्लैब के अनुसार 4000 रुपये आएगा। उन्होंने कहा कि स्लैब के अनुसार पहले बिजली के दाम तय था। जिसकी 50 यूनिट या फिर इससे अधिक खपत होती थी तो उसे ढाई रुपये से 6 रुपये 30 पैसे प्रति यूनिट चार्ज लगाया जाता था। अब पांच किलोवाट से ज्यादा लोड होने पर साढे 6 रुपये से साढे 7 रुपये प्रति यूनिट सरकार ले रही है। यह जनता पर अत्याचार है। 

बिना पर्ची, बिना खर्ची नौकरियां देने की बात करने वाली भाजपा सरकार अब बिजली के बिलों के माध्यम से जनता से वसूली कर रही है। कांग्रेस पार्टी इसका खुलकर विरोध करती है। उन्होंने कहा कि सरकार बढ़ाए गए बिजली के दामों को वापस ले। उन्होंने यह भी कहा कि यूपी, राजस्थान और दिल्ली जैसे राज्यों में हरियाणा से कम फिक्स चार्ज हैं। ऐसे में सरकार फिक्स चार्ज को कम करे। उद्योग भी बिजली के बढ़े दामों से परेशान हैं। सरकार नेे गरीबों, आम आदमी, उद्योगपतियों को जोर का झटका दिया है। सरकार के अफसर घाटा कम करने के लिए बिजली की दरें बढाने की बात कर रहे हैंं। जनता पहले से हर चीज में महंगाई से परेशान है। बिजली आपूर्ति पूरी देने में सरकार नाकाम साबित हो रही है।

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