शिक्षकों में जागरूकता और आंतरिक शक्ति का संचार: गुरुग्राम व फरीदाबाद के, केंद्रीय विद्यालयों (के.वी.एस.) में, 10-दिवसीय पीस एजुकेशन प्रोग्राम पायलट का सफल समापन
गुरुग्राम, आज की शिक्षा व्यवस्था के सामने दृष्टिकोण, आत्मिक स्थायित्व और सामाजिक-भावनात्मक विकास जैसी गहरी चुनौतियाँ हैं। इनको संबोधित करने के लिए केन्द्रीय विद्यालय संगठन (के.वी.एस.) गुरुग्राम क्षेत्र में आयोजित 10 दिवसीय ‘पीस एजुकेशन प्रोग्राम’ पायलट एक प्रेरणात्मक पहल के रूप में सामने आया। यह कार्यक्रम 7 जुलाई से 18 जुलाई 2025 तक गुरुग्राम और फरीदाबाद स्थित सात केंद्रीय विद्यालयों में आयोजित किया गया, जिसमें गुरुग्राम के चार विद्यालय (सेक्टर 14, मानेसर, सोहना, कदरपुर) और फरीदाबाद के तीन विद्यालय (के.वी.एस. नं. 1, 2 और 3) शामिल थे। कार्यक्रम में लगभग 200 शिक्षकों (पीजीटी और टीजीटी) ने भाग लिया, और अपनी सक्रिय सहभागिता के साथ कार्यक्रम को सफल बनाया।
प्रोग्राम की शुरुआत के.वी.एस. गुरुग्राम क्षेत्र के डिप्टी कमिश्नर श्री वरुण मित्र द्वारा के.वी.एस. नं. 1, एएफएस सेक्टर-14 में दीप प्रज्वलन के साथ की गई। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य श्री विनोद कुमार यादव, उपप्राचार्य श्रीमती अनीता दहिया और श्रीमती गीता यादव सहित अनेक शिक्षकगण उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एन ई पी 2020) में वर्णित निरंतर व्यावसायिक विकास (सी पी डी) के लिए मान्यता प्राप्त है, जिसके अंतर्गत शिक्षकों को आवश्यक सी पी डी घंटों का सर्टिफिकेशन प्राप्त हुआ। एन ई पी 2020 की भावनाओं के अनुरूप, कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों को केवल विषयवस्तु प्रशिक्षित करना नहीं, बल्कि उन्हें आंतरिक जागरूकता और मूल्य-आधारित शिक्षण की ओर अग्रसर करना है।
समापन समारोह में प्रतिभागी शिक्षकों को प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए श्री वरुण मित्र ने कहा, “आज के समय में जब बच्चों और शिक्षकों का ध्यान ‘बाहरी दुनिया’ और डिजिटल माध्यमों में बँटा हुआ है, ऐसे में पीस एजुकेशन प्रोग्राम हमें हमारे भीतर की ओर लौटने की प्रेरणा देता है। मन की शांति और आत्म-समझ ही वह आधार है जिस पर प्रभावी शिक्षा टिक सकती है। इस कार्यक्रम ने यह सार्थक अनुभव प्रदान किया है।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि शांतिपूर्ण समाज के निर्माण के लिए पहले हमें शांत शिक्षक और जागरूक मनुष्य बनने की आवश्यकता है, और इस दिशा में यह पहल एक मजबूत नींव रखती है।
टी पी आर एफ (द प्रेम रावत फाउंडेशन) से जुड़े स्वयंसेवकों की भूमिका इस पहल में बेहद महत्वपूर्ण रही। इसमें श्रीमती रोशनी देवी, पूर्व विधायक स्व. श्री राकेश दौलताबाद की माता जी, श्री राजदीप त्यागी - बोर्ड सलाहकार एवं कंसलटेंटऔर डॉ. अविनाशा- पीजीटी, इंग्लिश, विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम में टी पी आर एफ की तकनीकी टीम से विशन डाबर, ललित कुमार, विनय कुमार, केशव शर्मा, रविंदर, दीपक और नेहा शामिल थे, जिन्होंने कार्यक्रम के सफल संचालन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
समारोह में श्रीमती रोशनी देवी ने डिप्टी कमिश्नर श्री वरुण मित्र को उनके दूरदर्शी नेतृत्व और सशक्त मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद दिया, जिनकी सोच और सहयोग से यह कार्यक्रम संभव हो पाया। इसके साथ ही उन्होंने कार्यक्रम के संचालन के लिए सभी प्रधानाचार्यों का भी आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस पहल को विद्यालयों में उतार कर एक मिसाल कायम की।
कई शिक्षकों ने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए इसे "जीवन बदलने वाला अनुभव" बताया। एक शिक्षक जो गुरुग्राम के एक विद्यालय से जुड़े हैं, ने कहा, “आशा और आत्मविश्वास जैसे विषयों पर चर्चा ने मेरी सोच को गहराई दी है ।” फरीदाबाद की एक प्रतिभागी शिक्षिका ने बताया कि “स्पष्टता और भीतर की शांति ने मुझे अपने शिक्षण में अधिक संतुलन और संवेदनशीलता दी है।” एक अन्य विद्यालय के शिक्षक ने कहा, “यह कार्यक्रम केवल पेशेवर विकास नहीं, बल्कि मेरे जीवन का एक आत्मिक पड़ाव बन गया है।”
पीस एजुकेशन प्रोग्राम, टी पी आर एफ द्वारा विकसित एक अनुभवात्मक और आत्म-अन्वेषण आधारित कार्यक्रम है, जो व्यक्तियों को अपनी आंतरिक क्षमताओं को जानने और उन्हें जागरूक रूप से अपनाने की प्रेरणा देता है। यह कार्यक्रम विश्वभर में 84 देशों और 46 भाषाओं में उपलब्ध है और समाज के विभिन्न वर्गों में लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला चुका है। यह कार्यक्रम स्पष्टता, सराहना, आंतरिक शक्ति, विकल्प, आशा और शांति जैसे मानवीय मूल्यों पर केंद्रित है और शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए समग्र विकास का एक सशक्त माध्यम बन चुका है।
टी पी आर एफ (द प्रेम रावत फाउंडेशन) एक अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संस्था है जिसकी स्थापना प्रेम रावत द्वारा की गई, जो विश्वप्रसिद्ध शांति वक्ता और न्यू यॉर्क टाइम्स बेस्टसेलर पुस्तक “हीयर योरसेल्फ” के लेखक हैं। हाल ही में उनकी नई पुस्तक “ब्रेथ” भी प्रकाशित हुई है, जो जीवन की सहजता और जागरूकता पर एक प्रेरक दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। प्रेम रावत 100 से अधिक देशों में करोड़ों लोगों को व्यक्तिगत शांति के संदेश से जोड़ चुके हैं।
यह 10 दिवसीय पायलट केवल एक कार्यक्रम नहीं रहा, बल्कि के.वी.एस. गुरुग्राम रीजन के लिए एक ऐसी परिवर्तनकारी शुरुआत का प्रतीक है जो शिक्षा को भावनात्मक बुद्धिमत्ता और आत्म-चेतना की ओर ले जाती है। भविष्य में इस पहल को और विस्तारित करने की योजना के साथ, यह प्रयास यकीनन शिक्षा को मानवीयता से जोड़ने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।