ऑटिज़्म को समझें: मिथक से यथार्थ और स्वीकृति तक
Understand Autism: From Myths to Reality and Acceptance
गुरुग्राम:
कॉग्निएबल (Cogniable), जो कि विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए तकनीक आधारित समाधान प्रदान करता है, ने अपने सेक्टर 46 गुरुग्राम केंद्र पर “ऑटिज़्म को समझें: मिथक और तथ्य” विषय पर एक जागरूकता सत्र आयोजित किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ऑटिज़्म से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना और समाज में स्वीकृति को बढ़ावा देना था।
सत्र के प्रमुख वक्ता डॉ. राकेश जैन, वरिष्ठ पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजिस्ट (Fortis Healthcare), ने अपने वर्षों के अनुभव से बताया कि autism कोई बीमारी नहीं, बल्कि एक न्यूरोडेवलपमेंटल कंडीशन है। उन्होंने कहा:
"ऑटिज़्म के बारे में फैली गलत धारणाएं माता-पिता को भ्रमित कर देती हैं। समय पर पहचान और सहयोग से बच्चों की क्षमताओं को बेहतर रूप से विकसित किया जा सकता है।"
डॉ. हिमांशु खुराना, कॉग्निएबल के सीईओ और ऑटिज़्म की पहचान व थैरेपी के लिए AI आधारित टूल्स विकसित करने में अग्रणी, ने बताया:
"हमारा लक्ष्य यह है कि हर परिवार तक सुलभ, सटीक और डेटा-आधारित समाधान पहुंचे। सही जानकारी ही पहले कदम की कुंजी है। उन्होंने यह भी कहा कि
मल्टीडिसिप्लिनरी और एविडेंस-बेस्ड थैरेपी ही बच्चों में सीखने की क्षमता को प्रोत्साहित करने और उनके संभावित विकास को पूर्ण रूप से साकार करने की कुंजी है।
कार्यक्रम के अंत में एक interactive प्रश्नोत्तर सत्र भी हुआ जिसमें उपस्थित अभिभावकों, शिक्षकों और पेशेवरों ने खुलकर अपने विचार साझा किए।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें: www.cogniable.tech या +91 9953037000।