जीएसटी परिषद की दर सरलीकरण से घर-परिवार, कृषि एवं एमएसएमई को बड़ी राहत
गुरुग्राम, 4 सितम्बर 2025 – प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (पीएफटीआई) ने जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में लिये गये ऐतिहासिक निर्णयों का स्वागत करते हुए कहा कि सरलीकृत कर संरचना उद्योग और उपभोक्ताओं दोनों के लिए “गेम-चेंजर” साबित होगी।
नई जीएसटी संरचना में आवश्यक वस्तुओं पर 5%, मानक दर 18% तथा अवगुणित वस्तुओं पर 40% कर निर्धारित किया गया है। पीएफटीआई के अनुसार यह कदम अनुपालन को सरल बनाएगा, कारोबार में स्थिरता लाएगा और आम आदमी को कम कर बोझ का लाभ देगा।
परिवारों एवं किसानों को सीधा लाभ
• दैनिक उपयोग की वस्तुएं: पनीर, पैकेज्ड फूड, टूथपेस्ट, शैम्पू एवं घरेलू सामान पर जीएसटी घटाकर 5% या शून्य किया गया, जिससे पारिवारिक खर्च कम होंगे।
• स्वास्थ्य सेवा: जीवन रक्षक दवाओं को शून्य दर पर रखा गया; मेडिकल उपकरणों व अस्पताल सामग्री पर 5% जीएसटी लगाया गया। व्यक्तिगत जीवन एवं स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम को जीएसटी मुक्त किया गया है।
• कृषि: उर्वरक, बायोपेस्टीसाइड एवं कृषि उपकरण पर 5% जीएसटी तय किया गया है, जिससे किसानों की लागत घटेगी और ग्रामीण आय व उत्पादकता बढ़ेगी।
एमएसएमई और उद्योग को बढ़ावा
• ऑटो पार्ट्स, औद्योगिक अम्ल एवं कच्चे माल जैसे इनपुट्स पर जीएसटी घटाकर 18% या 5% कर दिया गया है, जिससे लागत घटेगी और मेक इन इंडिया को बल मिलेगा।
• एक समान दरें लागू होने से वर्गीकरण विवाद और अनुपालन संबंधी दिक्कतें कम होंगी।
आर्थिक प्रभाव
पीएफटीआई ने कहा कि इन सुधारों से:
• घरेलू बचत बढ़ेगी, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य जरूरतों पर अधिक खर्च संभव होगा।
• उपभोग मांग को बढ़ावा मिलेगा, खासकर एफएमसीजी, ऑटोमोबाइल और सेवा क्षेत्र में।
• जीडीपी वृद्धि में लगभग 1% की बढ़ोतरी होगी तथा महंगाई पर दबाव कम होगा।
• फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट पर अंकुश लगेगा और कर अनुपालन व राजस्व प्रणाली मजबूत होगी।
पीएफटीआई के चेयरमैन श्री दीपक मैनी ने कहा:
“जीएसटी परिषद की नई दर संरचना स्वागत योग्य और ऐतिहासिक सुधार है। आवश्यक वस्तुओं, कृषि इनपुट्स, एमएसएमई कच्चे माल और स्वास्थ्य सेवाओं पर जीएसटी घटाने से घर-परिवार और किसानों पर बोझ कम होगा तथा कारोबार की लागत घटेगी। इससे बचत बढ़ेगी, उपभोग में वृद्धि होगी और मांग को बल मिलेगा। साथ ही, यह सरल संरचना फर्जी इनपुट क्रेडिट पर भी रोक लगाएगी, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और कर प्रणाली और मजबूत होगी।”
उद्योग की प्रतिबद्धता
प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री सरकार को आश्वस्त करता है कि वह नए जीएसटी ढांचे के सहज क्रियान्वयन में हरसंभव सहयोग देगा और भारत की औद्योगिक एवं व्यापारिक व्यवस्था को और सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।