150 से अधिक एमएसएमई और उद्योगपतियों की भागीदारी के साथ गुरुग्राम में सफल रहा PFTI डिफेन्स एंड साइबर सिक्योरिटी कॉन्क्लेव 2025, DSCI के साथ एमओयू साइन

 150 से अधिक एमएसएमई और उद्योगपतियों की भागीदारी के साथ गुरुग्राम में सफल रहा PFTI डिफेन्स एंड साइबर सिक्योरिटी कॉन्क्लेव 2025, DSCI के साथ एमओयू साइन



गुरुग्राम, 

प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (PFTI) ने गुरुग्राम में डिफेन्स एंड साइबर सिक्योरिटी कॉन्क्लेव 2025 का सफल आयोजन किया। इस कार्यक्रम में 150 से अधिक एमएसएमई, व्यापारियों और उद्योगपतियों ने हिस्सा लिया। कॉन्क्लेव में गहन चर्चाएँ, प्रभावी सत्र और एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ, जिसके अंतर्गत PFTI और डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (DSCI) ने मिलकर उद्योग क्षमता निर्माण, साइबर जागरूकता और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए।


कार्यक्रम की शुरुआत PFTI के चेयरमैन श्री दीपक मैनी ने डॉ. एस. पी. अग्रवाल (वाइस चेयरमैन) और एडवोकेट आर. एल. शर्मा (डायरेक्टर) के साथ अतिथियों का स्वागत कर की। इसके बाद PFTI के डायरेक्टर डॉ. अंशुल धींगरा ने कॉन्क्लेव का उद्देश्य बताते हुए कहा कि आज एमएसएमई और उद्योगों के लिए यह ज़रूरी है कि वे देश की डिफेन्स मैन्युफैक्चरिंग और साइबर सिक्योरिटी नीति के साथ खुद को जोड़ें। इसके बाद एयर वाइस मार्शल एल. एन. शर्मा, एवीएसएम ने मुख्य अतिथियों का परिचय कराया और उनके योगदान को रेखांकित किया।


ब्रिगेडियर आशीष भट्टाचार्य (सेवानिवृत्त), प्रिंसिपल एडवाइज़र – सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेन्स मैन्युफैक्चरर्स (SIDM) ने अपने संबोधन “फ्रॉम ऑपर्च्युनिटी टू एक्शन: हाउ एमएसएमईज़ कैन कॉन्ट्रिब्यूट टू डिफेन्स मैन्युफैक्चरिंग” में बताया कि किस तरह एमएसएमई रक्षा आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बन सकते हैं, निर्यात में योगदान दे सकते हैं और शोध एवं नवाचार के ज़रिए अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं।


डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (DSCI) के सीईओ श्री विनायक गोडसे ने “साइबर सिक्योरिटी लैंडस्केप – अवसर और चुनौतियाँ” विषय पर बोलते हुए उद्योगों और एमएसएमई से मज़बूत साइबर हाइजीन अपनाने और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों के अनुरूप काम करने का आह्वान किया।


एयर वाइस मार्शल (डॉ.) देवेश वत्सा, वीएसएम, एडवाइज़र – साइबर सिक्योरिटी एंड क्रिटिकल टेक्नॉलजीज, DSCI ने “क्रिटिकल टेक्नॉलजीज़ एंड इंडस्ट्री के लिए साइबर रेडीनेस” पर व्याख्यान देते हुए एमएसएमई के लिए 3 चरणों की योजना प्रस्तुत की – बुनियादी सुरक्षा को मज़बूत करना, घटना प्रतिक्रिया क्षमता विकसित करना और राष्ट्रीय साइबर प्रोग्राम्स से जुड़ना।


एयर वाइस मार्शल एल. एन. शर्मा, एवीएसएम ने अपने समापन संबोधन में कहा कि PFTI ने नीति, रक्षा, साइबर सिक्योरिटी और उद्योग के बीच एक सार्थक सेतु का निर्माण किया है। उन्होंने उद्योगों और एमएसएमई को नवाचार और क्षमता निर्माण के माध्यम से वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार होने का आह्वान किया।


इस अवसर पर PFTI नेतृत्व ने भी अपने विचार साझा किए। चेयरमैन श्री दीपक मैनी ने कहा कि यह कॉन्क्लेव एमएसएमई और उद्योगों को रक्षा और साइबर सिक्योरिटी के विकास में मज़बूत भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करता है। वाइस चेयरमैन डॉ. एस. पी. अग्रवाल ने कहा कि ऐसे मंच नीति, उद्योग और नवाचार को जोड़ने में महत्वपूर्ण हैं और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ठोस योगदान देंगे। डायरेक्टर एडवोकेट आर. एल. शर्मा ने कहा कि बड़ी संख्या में हुई भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि एमएसएमई और व्यापारी नए अवसरों को अपनाने के लिए तैयार हैं। वहीं डायरेक्टर डॉ. अंशुल धींगरा ने आश्वासन दिया कि PFTI आगे भी एमएसएमई का मार्गदर्शन करता रहेगा और ऐसे सहयोग बनाएगा जो वास्तविक उद्योग विकास और राष्ट्रीय प्रभाव में बदलें।


कॉन्क्लेव में कई गणमान्य सदस्य और अतिथि उपस्थित रहे जिनमें गुरुग्राम प्रधान पी.के. गुप्ता, डी.पी. गॉड, राजेंद्र सैनी, एन.पी. सिंह, आर.एस. यादव, मोहित मलिक, प्रदीप मोदी, अनिल जैन, डॉ. के.के. अग्रवाल, विनोद अग्रवाल, हरि किशन गोयल, वीरेंद्र कुमार, संजय जैन, कल्याणी सचान, कंवर सिंह जून, एल.एस. यादव, सुशील मैनी, संजीव मैनी, अशोक बंसल, नरेश कंटूर, एडवोकेट हरकेश शर्मा, चांदराम शर्मा, देव ऋषि सचान, प्रदीप अदलखा, रेवांश अदलखा, राजेश गुप्ता (प्रेसिडेंट MEWA), नरेश मालिक, संजय खुराना, जितेंद्र यादव, रजनीश निर्झर, प्रवीण सलूजा, पुनीत, लवेश भल्ला, पुलकित शर्मा, चंचल तिवारी, मान्या नरूला, सौरभ हसीजा, रमेश बत्रा, योगेश शर्मा, प्रदीप चौधरी, विनय गुप्ता, अमरजीत सिंह, विनोद गुप्ता, रजत गुप्ता, दीपक मेहता और कई अन्य शामिल थे।


कार्यक्रम का औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन पी.के. गुप्ता, एडवोकेट आर. एल. शर्मा और डॉ. एस. पी. अग्रवाल ने प्रस्तुत किया। अंत में राष्ट्रीय गान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ, जिससे सभी प्रतिभागी प्रेरित और उत्साहित होकर एक सुरक्षित, प्रगतिशील और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के संकल्प के साथ लौटे।

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