स्वास्थ्य के लिए योग: संतुलित जीवन का मार्ग” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

स्वास्थ्य के लिए योग: संतुलित जीवन का मार्ग” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

गुरुग्राम। रेखा वैष्णव, ऑल स्किल एंड रिसर्च (एएसआर) फाउंडेशन तथा भारतीय योगिनी एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में “स्वास्थ्य के लिए योग: संतुलित जीवन का मार्ग” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन अंबेडकर भवन, सेक्टर-4, गुरुग्राम में किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. डी. पी. गोयल, संस्थापक, कैनविन फाउंडेशन ने संयुक्त आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि योग को हमें अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि तनावमुक्त, स्वस्थ और संतुलित जीवन के लिए योग साधना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि योग धारण करने के लिए यम और नियम का पालन आवश्यक है, जो हमें बाहरी एवं आंतरिक रूप से शुद्ध बनाते हैं।

श्री सतीश तायल, संचालक, माधव गौ सेवा धाम ने कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए प्रतिदिन सुबह योग, प्राणायाम एवं सैर करना बेहद लाभकारी है। उन्होंने कहा कि केवल स्वस्थ शरीर ही सुखी जीवन का आधार है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में योग ही वह साधन है जो व्यक्ति को पुनः आत्मकेंद्रित करता है और तनाव को संतुलन में बदलकर सरल जीवन जीने की प्रेरणा देता है।

डॉ. आर. एच. लता, संस्थापक अध्यक्ष, इंडियन योगिनी एसोसिएशन ने कहा कि योग केवल आसनों का अभ्यास न होकर, जीवन जीने की एक समग्र पद्धति है। यह शरीर, मन और आत्मा के मध्य समरसता स्थापित करता है। उन्होंने कहा कि योग करने से व्यक्ति के भीतर शांति, स्थिरता और सजगता का भाव उत्पन्न होता है। उन्होंने कहा—

“योगः कर्मसु कौशलम्” अर्थात जीवन जीने की कला योग के माध्यम से ही आती है। अतः योग करें और निरोग रहें।

भारतीय योगिनी एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती मौली कर्माकर ने “आज के तीव्र जीवन में योग का महत्व एवं सर्दियों में लाभ” तथा “आयुर्वेदिक प्रकृति एवं आहार” विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि आयुर्वेद के अनुसार हर व्यक्ति की प्रकृति भिन्न होती है, जो वात, पित्त और कफ दोषों से निर्धारित होती है। इन दोषों के अनुरूप जीवनशैली और आहार अपनाने से व्यक्ति स्वस्थ रह सकता है।

उपाध्यक्ष, इंडियन योगिनी एसोसिएशन (गुरुग्राम) सुश्री गोपा घोषाल ने “दैनिक एवं कार्यस्थल जीवन में योग की भूमिका” विषय पर अपने विचार रखते हुए सही बैठने की मुद्रा पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कार्यस्थल पर कार्यरत महिलाओं एवं गृहिणियों को सही मुद्रा में कार्य करने के तरीके भी सिखाए।

श्रीमती नेहा तनेजा ने प्राणायाम की उपयोगिता बताते हुए श्वास नियंत्रण से संबंधित मुद्राएँ प्रदर्शित कीं।

भारतीय योगिनी एसोसिएशन (गुरुग्राम) की अध्यक्ष  श्रीमती शालिनी भल्ला झाम्ब ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य योग एवं प्राणायाम के माध्यम से समाज को स्वस्थ, तनावमुक्त एवं संतुलित जीवनशैली की ओर प्रेरित करना है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य जागरूकता और सकारात्मक जीवनशैली अपनाने से समाज में रचनात्मक परिवर्तन संभव है।

कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित प्रश्नोत्तर सत्र में प्रतिभागियों ने स्वास्थ्य, आहार एवं योगाभ्यास से संबंधित विषयों पर विशेषज्ञों से विस्तृत मार्गदर्शन प्राप्त किया।

कार्यक्रम में लगभग 125 से अधिक बुजुर्गों, युवाओं एवं महिलाओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया।

अंत में, एएसआर फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री एम. पी. शर्मा ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों, विशेषज्ञों एवं टीम सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला में योग एवं प्राणायाम के विविध आसनों, स्वास्थ्यप्रद आहार, शारीरिक-मानसिक संतुलन तथा आध्यात्मिक उन्नति से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तृत चर्चा हुई। कार्यक्रम का मंच संचालन रवि कंबोज के द्वारा किया गया।

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