समावेशन से प्रगति तक: दिव्यांगजन सशक्तिकरण का नया दृष्टिकोण
हर साल, World Disability Day हमें हमारी मिली-जुली ज़िम्मेदारी की याद दिलाता है कि हम ऐसे समाज बनाएं जहां हर इंसान - चाहे उसकी काबिलियत कुछ भी हो - हिस्सा ले सके, योगदान दे सके और आगे बढ़ सके। 2025 की थीम, "सोशल प्रोग्रेस को आगे बढ़ाने के लिए Disability- Inclusion समाज को बढ़ावा देना," हमारे माहौल को ऐसी जगहों में बदलने की तुरंत ज़रूरत पर ज़ोर देती है जहां चुनौतियां रुकावटें नहीं बल्कि ग्रोथ, इनोवेशन और एकता के मौके हों।
डिसेबिलिटी वाले लोगों की ताकत और योगदान:
डिसेबिलिटी वाले लोग कई तरह से कम्युनिटी को बेहतर बनाते हैं। उनकी हिम्मत, क्रिएटिविटी, प्रॉब्लम सॉल्व करने की काबिलियत और खास नज़रिया वर्कप्लेस, क्लासरूम और सोशल इंस्टीट्यूशन को मज़बूत बनाते हैं। पूरे इतिहास में और आज भी, डिसेबिलिटी वाले लोगों ने टेक्नोलॉजी, आर्ट्स, एजुकेशन, एंटरप्रेन्योरशिप, साइंस और पब्लिक सर्विस जैसे फील्ड में बहुत बड़ा योगदान दिया है।
इन काबिलियत को पहचानना एक सही और आगे बढ़ने वाला समाज बनाने की दिशा में पहला कदम है।
इनक्लूसिव माहौल बनाने के तरीके
डिसेबिलिटी वाले लोगों का सही तरह से हिस्सा लेना पक्का करने के लिए, ये कदम ज़रूरी हैं:
एक्सेसिबल इंफ्रास्ट्रक्चर: रैंप, टैक्टाइल पाथ, लिफ्ट, एक्सेसिबल टॉयलेट, विज़ुअल और ऑडिटरी साइनेज, और बैरियर-फ्री पब्लिक जगहें।
इन्क्लूसिव एजुकेशन: ट्रेंड स्पेशल एजुकेटर, अर्ली स्क्रीनिंग, असिस्टिव टेक्नोलॉजी, और इंडिविजुअल लर्निंग प्लान।
सपोर्टिव वर्कप्लेस: नौकरी के समान मौके, फ्लेक्सिबल वर्क एनवायरनमेंट, वर्कप्लेस सेंसिटाइज़ेशन, और एक्सेसिबल डिजिटल प्लेटफॉर्म।
पॉलिसी इम्प्लीमेंटेशन: डिसेबिलिटी राइट्स, रिज़र्वेशन, और एंटी-डिस्क्रिमिनेशन कानूनों को सख्ती से लागू करना।
अवेयरनेस और सेंसिटाइज़ेशन : स्टिग्मा को दूर करने और डिग्निटी को बढ़ावा देने के लिए स्कूल प्रोग्राम, कम्युनिटी ड्राइव, और मीडिया कैंपेन।
असिस्टिव टेक्नोलॉजी:हियरिंग एड, AAC डिवाइस, स्पीच थेरेपी टूल, कॉग्निटिव असेसमेंट प्लेटफॉर्म, और डिजिटल लर्निंग सपोर्ट।
इन्क्लूजन एक शेयर्ड रिस्पॉन्सिबिलिटी है -परिवारों, स्कूलों, कॉर्पोरेट्स, सरकारों, और बड़े पैमाने पर समाज की।
सबको शामिल करने के लिए कॉग्निएबल का कमिटमेंट।
Early Intervention , Special Education Support और AI-बेस्ड Behaviour Solution में काम करने वाली एक लीडिंग ऑर्गनाइज़ेशन के तौर पर, Cogniable हर लेवल पर डिसेबिलिटी को शामिल करने को बढ़ावा देने के लिए कमिटेड है।
CogniAble इन चीज़ों के लिए काम करता है:
जिन बच्चों में डेवलपमेंट में देरी होती है, उनकी जल्दी पहचान और मदद करना, ट्रेनिंग के ज़रिए माता-पिता को मज़बूत बनाना, सबको साथ लेकर चलने वाले तरीकों में स्कूलों को सपोर्ट करना, थेरेपी और सीखने के लिए मददगार डिजिटल टूल देना, और यह पक्का करना कि हर बच्चे को बराबर मौके मिलें।
हमारा मिशन आसान लेकिन दमदार है: एक ऐसी दुनिया बनाना जहाँ हर बच्चा अपनी पूरी काबिलियत तक बढ़ सके।
CEO Cogniable, डॉ. हिमांशु खुराना ने World Disability Day 2025 पर बोलते हुए कहा:
"वास्तविक समावेशन तभी होगा जब टेक्नोलॉजी, समझ और संवेदनशीलता एक साथ आएँ। हर दिव्यांग युवा में अद्भुत क्षमता छिपी होती है—उन्हें सही दिशा और मौके देना हमारा सामूहिक दायित्व है। CogniAble इसी विश्वास के साथ कार्य कर रहा है कि कोई भी बच्चा या युवा अपनी पहचान से नहीं, बल्कि अपनी क्षमता से आगे बढ़े।”

