प्रभु राम की कृपा से बोधराज सीकरी की हनुमान चालीसा पाठ मुहिम ने स्पर्श किया 6 लाख 1 हजार पाठ का आंकड़ा

 प्रभु राम की कृपा से बोधराज सीकरी की हनुमान चालीसा पाठ मुहिम ने स्पर्श किया 6 लाख 1 हजार पाठ का आंकड़ा 



राम नाम के प्रताप से भवसागर पार हो जाता है : बोधराज सीकरी

गुरुग्राम। अजय वैष्णव। कल दिनांक 2 अप्रैल को बोधराज सीकरी द्वारा चलाई जा रही हनुमान चालीसा पाठ की मुहिम के तहत आयोजन श्री राज कुमार कथूरिया, जाने-माने टैक्स कंसलटेंट और टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने अपने कार्यालय, ज्योति पार्क में किया जिसमें तीन सौ से अधिक श्रद्धालुओं ने अपनी भागीदारी की।


पंडित भीम दत्त ने पूजा करवायी, मंत्रों का उच्चारण किया और ज्योत प्रचंड करवायी। श्री गजेन्द्र गोसाई ने मंगलाचरण उपरांत शंख ध्वनि करवायी और ओम् के उच्चारण से हनुमान चालीसा के पाठ का शुभारंभ किया। उन्होंने बीच-बीच में अलग-अलग संपुट लगाकर लोगों का मन मोह लिया। 21 बार पाठ होने के उपरांत 108 राम नाम का माला जाप किया गया और बोधराज सीकरी को अपना वक्तव्य देने के लिए आमंत्रित किया गया।


बोधराज सीकरी ने अपने वक्तव्य का शुभारंभ इन पंक्तियों से किया “किस रावण की काटूं बाहें, किस लंका को आग लगाऊँ। घर-घर रावण पग-पग लंका, इतने राम कहाँ से लाऊँ। बोधराज सीकरी ने कहा कि मेरा उद्देश्य आज के युवा को संस्कारवान बनाना है जो ग्रंथों से संभव होगा और मैं चाहता हूँ कि हर घर से राम और सीता निकले ताकि हम विश्व गुरु की राह पर चलना शुरू करें। बोधराज सीकरी ने युवा को बल दिया कि अगर आपको रामायण समझ नहीं आती है तो किसी बुद्धिजीवी को संपर्क करें और फिर भी अगर नहीं समझ आती तो भी बार-बार पढ़ें क्योंकि इसी बहाने आपके मुख से 1443 बार राम का नाम उच्चारित होगा और इसी प्रकार 147 बार माँ सीता का नाम उच्चारित होगा। राम का नाम दस गुना अधिक रामायण में आया है क्योंकि राम ब्रह्म रूप है जबकि सीता माया रूप है।


तदोपरान्त सीकरी जी ने अरण्य कांड के दृष्टांत का बड़े ही मार्मिक ढंग से प्रस्तुतीकरण किया कि कैसे भगवान राम ने अपने हाथों से फूल की माला, फूल के कंगन, फूल के कुंडल बनाकर माँ सीता का श्रृंगार किया, कैसे जयंत ने कौवे का रूप धारण कर भगवान राम के बल की परीक्षा लेने का प्रयास किया, कैसे उसे दंड दिया, कैसे उसे दयाल बनकर माफ़ किया। कैसे सुतीक्ष्ण मुनि से, अगस्त मुनि से और सरभंग ऋषि से मुलाक़ात हुई। शूर्पणखा का मिलना और उसे कहना कि “हे देवी! हम क्षत्री हैं, अपमान नहीं सह सकते हैं, अपनी को छोड़ बाकियों को, माता और बहन समझते हैं“, कैसे खर दूषण का संहार करते हैं और इन चौपाई में छिपे रहस्यों को उजागर कर नई-नई आध्यात्मिक प्रासंगिक बात बतायी। अंत में अरण्य कांड के उस दृश्य का वर्णन किया जिसमें ऋषियों की हड्डियों के ढेर को देखकर राम ने शपथ ली की मैं पृथ्वी को निश्चर हीन कर दूँगा।


बोधराज सीकरी ने बताया कि अगले मंगलवार 9 अप्रैल को हनुमान चालीसा का पाठ गीता आश्रम, ज्योति पार्क, जो परम श्रद्धेय स्वामी दिव्यानन्द जी द्वारा संचालित है, शाम पाँच बजे होगा। 19 तारीख़ राम नवमी के दिन यह पाठ दोपहर तीन बजे माँ वैष्णोदेवी के दरबार, जो पूनम माता जी द्वारा संचालित है और गढ़ी हरसरू में है, जिसकी सह संयोजिका डॉक्टर अलका शर्मा है, में होगा और 30 अप्रैल को यह पाठ माता चिंतपूर्णी मंदिर रेलवे रोड पर होगा और 7 मई को पाठ पंचमुखी हनुमान मंदिर, सेक्टर सात में आयोजित होगा।


पिछले सप्ताह तक 248 स्थानों पर 42,922 साधकों द्वारा 593,803 हनुमान चालीसा पाठ हो चुके हैं। 


कल के पाठ में लगभग 300 भक्तों ने भाग लिया और सभी ने 21-21 बार पाठ किया। श्रीमती ज्योत्सना बजाज के ऑनलाइन हनुमान चालीसा के पाठ के आयोजन में 23 लोगों ने 11-11 बार पाठ किया। विजय टन्डन और श्री रणधीर टन्डन की फैक्ट्री के 58 कर्मचारियों ने 2-2 बार पाठ किया। जनता रिहैबिलिटेशन सेंटर में 40 विद्यार्थियों ने 21-21 बार पाठ किया। इसके अतिरिक्त जामपुर शिव मंदिर ईस्ट ऑफ कैलाश में 50 साधकों ने 5-5 बार पाठ किया।


इस प्रकार अब तक 253 स्थानों पर 43,393 साधकों द्वारा 601,562 हनुमान चालीसा पाठ हो चुके हैं।


इस आयोजन में डॉक्टर अलका शर्मा पूरा समय उपस्थित रही। इसके अतिरिक्त श्री सुरेंद्र खुल्लर, प्रधान केंद्रीय श्री सनातन धर्म सभा, श्री अशोक आर्य, प्रधान केंद्रीय आर्य सभा गुरुग्राम, श्री धर्मेंद्र बजाज, अध्यक्ष अर्जुन मंडल, बीजेपी, श्री राजेश सूटा जाने-माने अधिवक्ता, श्री ओमप्रकाश कथूरिया, वरिष्ठ उप प्रधान, पंजाबी बिरादरी महासंगठन, श्री राम लाल ग्रोवर महामंत्री, पंजाबी बिरादरी महा संगठन, श्री रमेश चुटानी प्रधान डेरावाल बिरादरी, श्री सुभाष गांधी, श्री सुभाष नागपाल, श्री रवि मनोचा, श्री यदुवंश चुग, श्री दलीप लूथरा, प्रधान, दशहरा ग्राउंड आरडब्ल्यूए प्रधान, श्री सुभाष ग्रोवर अधिवक्ता, श्री सौरभ सचदेव और उमेश ग्रोवर बिरादरी के युवा संयोजक के नाते उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त श्री विजय वर्मा, राजेश गाबा, राजेंद्र बजाज, सुभाष डुडेजा, अधिवक्ता अक्षय वत्स, किशोरी डुडेजा, सुरेंद्र बरेजा, रमेश कामरा, बाबू लाल गुप्ता, योगाचार्य श्री राजपाल आहूजा, रामायणी यशपाल ग्रोवर, रमेश कालरा, ओ.पी. कालरा, द्वारिका नाथ मक्कड़, नरेंद्र कथूरिया, भीम जी चोटी पंचायत वाले, अर्जुन नासा, सुखदेव आदि उपस्थित रहे।


महिला टीम की ओर से श्रीमती ज्योत्सना बजाज, रचना बजाज, शशि बजाज, सिमरन बजाज, पुष्पा नासा, डॉक्टर वीणा अरोड़ा, गीता, ऊष्मा सचदेव के अतिरिक्त श्रीमति अंजलि राही उपस्थित रही।

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