बरसात जलभराव की समस्या के समाधान के लिए नगर निगम कर रहा पुख्ता प्रबंध - निगमायुक्त प्रदीप दहिया

- शुक्रवार को मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत के दौरान निगमायुक्त ने दी जानकारी

- जल भराव संभावित स्थानों को चिन्हित करके कनिष्ठ अभियंताओं की जिम्मेदारी तय, मानसून से पूर्व जल निकासी की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश

- मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत के दौरान निगमायुक्त ने बताई अपनी प्राथमिकताएं जलभराव की समस्या का समाधान, सफाई व्यवस्था को बेहतर करना, लिगेसी वेस्ट का निस्तारण तथा नागरिक सेवाएं समयबद्ध उपलब्ध कराने पर रहेगा फोकस

गुरुग्राम, 16 मई। बरसात के मौसम में शहरवासियों को जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए नगर निगम गुरुग्राम ने कमर कस ली है। शुक्रवार को मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत के दौरान निगमायुक्त प्रदीप दहिया ने कहा कि इस बार मानसून से पूर्व ही ऐसे सभी संभावित स्थानों की पहचान कर ली गई है जहां जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इन स्थानों पर कनिष्ठ अभियंताओं की जिम्मेदारी तय कर दी गई है और उन्हें जल निकासी की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

निगमायुक्त ने कहा कि गत वर्षों में जिन स्थानों पर जलभराव हुआ था, उन सभी का डाटा विभिन्न माध्यमों से प्राप्त किया गया है। इसके तहत मीडिया, पुलिस, जीएमडीए, जन प्रतिनिधियों तथा आमजन से प्राप्त फीडबैक के आधार पर डाटा तैयार करके उसका विश्लेषण किया गया है। उन्होंने बताया कि जलभराव संभावित स्थानों पर कनिष्ठ अभियंताओं के साथ सफाई व सीवर से संबंधित कर्मचारियों की टीम बनाई गई है, जो बरसात आने से पूर्व जल निकासी के सभी पुख्ता प्रबंध करने में जुट गए हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे 153 स्थान चिन्हित हुए हैं, जहां पर समाधान संबंधी कार्य शुरू कर दिए गए हैं। इन सभी स्थानों को मैप पर भी मार्क किया गया है। उन्होंने बताया कि कॉल सेंटर में 20 अतिरिक्त स्टाफ की नियुक्ति की गई है, जो अभी से ही कनिष्ठ अभियंताओं से फीडबैक ले रहे हैं।  कॉल सेंटर पर कोई भी नागरिक भी अपनी प्रतिक्रिया या सुझाव दे सकता है। यही नहीं, संयुक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी भी अपने-अपने जोन में मौके पर जाकर निगरानी कर रहे हैं तथा अतिरिक्त निगमायुक्त यश जालुका भी 21 मई से सभी संभावित स्थानों का व्यक्तिगत दौरा करेंगे। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे बरसात के दौरान पर्याप्त संख्या में मैनपावर व संसाधनों के साथ धरातल पर मौजूद रहेंगे, ताकि नागरिकों को किसी भी प्रकार की असुविधा ना होने पाए।

निगमायुक्त ने कहा कि गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण तथा नगर निगम के बीच समन्वय बनाया गया है, ताकि सही प्रबंधन, कोर्डिनेशन व प्रयास से जलभराव की समस्या से प्रभावी रूप से निपटा जा सके। उन्होंने बताया कि नगर निगम गुरुग्राम द्वारा सीवरेज व ड्रेनेज की सफाई तथा मरम्मत संबंधी कार्य काफी स्थानों पर शुरू कर दिए गए हैं। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे मानसून से पूर्व कार्य पूरा कर लें। इंटरनल ड्रेनेज सिस्टम को मुख्य ड्रेनेज सिस्टम से लिंक किया जा रहा है, ताकि पानी की निकासी निर्बाध रूप से हो सके। राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित नरसिंहपुर प्वाइंट के बारे में निगमायुक्त ने कहा कि यहां पर पानी की कम समय में निकासी के प्रबंध किए गए हैं। इसके तहत राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों साइड पंप एवं लाइन की व्यवस्था की गई है, ताकि कम समय में अधिक से अधिक पानी की निकासी हो सके।

निगमायुक्त ने बताया कि शहर में जलभराव की समस्या का समाधान, सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना, लिगेसी वेस्ट का प्रभावी निस्तारण करना और नागरिकों को समयबद्ध सेवाएं उपलब्ध कराना उनकी उच्च प्राथमिकताएं हैं। उन्होंने कहा कि शहर की भौगोलिक स्थिति और शहरीकरण की तीव्र गति को देखते हुए जलभराव एक बड़ी चुनौती रही है, लेकिन इस बार हम पूरी तैयारी के साथ उतरेंगे।

सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने तथा बंधवाड़ी में लिगेसी वेस्ट निस्तारण संबंधी सवाल का जवाब देते हुए निगमायुक्त ने स्पष्ट किया कि इस दिशा में प्रयास तेज कर दिए गए हैं। लिगेसी वेस्ट का निस्तारण करने वाली एजेंसियों को अपनी क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। अवैध कॉलोनाइजेशन संबंधी सवाल के बारे में उन्होंने स्पष्ट किया कि इस बारे में उनके द्वारा पहले ही संयुक्त आयुक्तों को निर्देश जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने नागरिकों से भी आह्वान किया कि वे अवैध कॉलोनियों में खरीद-फरोख्त करने से बचें।

निगमायुक्त ने आगे बताया कि तकनीक आधारित निगरानी व्यवस्था को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य शुरू कर दिया गया है तथा अधिकारियों की जवाबदेही भी बढ़ाई गई है। अधिकारियों को यह स्पष्ट किया गया है कि वे जन शिकायतों को उच्च प्राथमिकता दें क्योंकि वे अब अपनी जवाबदेही से बच नहीं पाएंगे। सडक़ों संबंधी सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी द्वारा जारी निर्देशों की पालना में 15 जून से पूर्व निगम के अधीन सडक़ों को गड्ढामुक्त करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही सीवर के टूटे ढक्कनों व ड्रेनेज की स्लैब को दुरूस्त बनाए रखने की हिदायत भी अधिकारियों को जारी की जा चुकी है।

इस मौके पर अतिरिक्त निगमायुक्त यश जालुका व महाबीर प्रसाद, संयुक्त आयुक्त (एसबीएम) अखिलेश यादव तथा चीफ इंजीनियर विजय ढाका भी निगमायुक्त के साथ उपस्थित रहे।
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