मनुष्य भी उस परमसुख को इस मायारूपी संसार में खोज रहा है

 गुरुग्राम के दौलताबाद गांव में विभिन्न स्थानों पर सामाजिक कार्यकर्ता श्री मति रोशनी देवी जी ने कथा बाचकों और हवन-पाठ करने वाले महानुभावों को विश्व विख्यात शान्ति वक्ता श्री प्रेम रावत जी की पुस्तकें *स्वयं की आबाज और श्वांस* भेंट स्वरुप प्रदान की।‌

यह पुस्तकें मानवमात्र को अपने अन्दर स्थित परमशान्ति और आनन्द के सागर तक पहुँचने का सरल मार्ग दिखाती हैं। 

आज का मनुष्य इस संसार की चकाचौंध में इतना उलझ गया है कि परमात्मा ने उसे जो  अनमोल उपहार दिया हुआ है उसकी तरफ उसका ध्यान ही नहीं जा रहा। प्रेम रावत जी संतो की वाणी का उदाहरण देते हुये कहते है कि जिस प्रकार कस्तूरी मृग कस्तूरी की खुशबू को सारे जंगल में ढूंढता फिरता है लेकिन उसे पता नहीं है कि वह उसके ही अन्दर है इसी प्रकार मनुष्य भी उस परमसुख को इस मायारूपी संसार में खोज रहा है जबकि वह सच्चिदानंद उसके ही अन्दर है। श्री प्रेम रावत जी मात्र चार वर्ष की आयु से संसारभर में यही सन्देश देते आ रहे हैं कि जिस चीज को आप बाहर खोज रहे हैं वह आपके ही अन्दर है अगर आप चाहो तो उस तक पहुँचाने में मैं आपकी मदद कर सकता हूँ ।

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