भाजपा की तानाशाही नीतियों के सामने आपातकाल की बहस बेमानी: पंकज डावर

 भाजपा की तानाशाही नीतियों के सामने आपातकाल की बहस बेमानी: पंकज डावर

-कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पंकज डावर ने जारी बयान में कही यह बात 

गुरुग्राम। भाजपा सरकार आज जिस तरह से 1975 में लगे आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर हमलावर हो रही है, वह पूरी तरह से जनता का ध्यान भटकाने का मात्र असफल प्रयास है। क्योंकि पूरे देश भाजपा की कुरीतियों को जानता है। आपातकाल की आड़ में भाजपा अपने बुरे कर्मों को छिपाने का काम कर रही है। यह बात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पंकज डावर ने बुधवार को यहां जारी बयान में कही।

पंकज डावर ने कहा कि भाजपा को जवाब देना चाहिए कि क्या वह आज खुद लोकतंत्र की कसौटी पर खरी उतर रही है। भाजपा की तानाशाही नीतियों के सामने आपातकाल की बहस बेमानी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पर आरोप लगाने वाली भाजपा ने पिछले 10 साल से ज्यादा के शासनकाल में लोकतंत्र का गला घोंटने का काम किया है। चुनाव आयोग से लेकर जांच एजेंसियों तक को अपने राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है। इसे लोकतंत्र नहीं कहा जा सकता। 

पंकज डावर ने कहा कि भाजपा शासन में विपक्ष के नेताओं को झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है। मीडिया पर दबाव बनाया जा रहा है। स्वतंत्र पत्रकारों को डराया जा रहा है। ईडी, सीबीआई, आईटी जैसी संस्थाएं भाजपा की कठपुतली बन चुकी हैं। शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने पर भी धारा 144 और बल प्रयोग किया जाता है। भाजपा आज आपातकाल की बातें कर रही है, जबकि उसने खुद संवैधानिक संस्थाओं को पंगु, न्यायपालिका को दबाव में और मीडिया को भय में डाल दिया है। यह भाजपा ने अघोषित आपातकाल देश में लगा रखा है।चाहे नोटबंदी हो, कृषि कानून, मणिपुर की त्रासदी, पेपर लीक घोटाले या अडानी मामला। भाजपा हर असफलता को राष्ट्रवाद की चादर से ढकने की कोशिश करती है। भाजपा आज तक अपनी किसी गलती को स्वीकार नहीं करती। भाजपा सरकार जनता की आंखों में धूल झोंक कर, आपातकाल की आड़ में अपने वर्तमान के पापों को छिपाने का काम कर रही है। जनता अब जाग चुकी है और झूठे राष्ट्रवाद और प्रचार की राजनीति को पहचान चुकी है।



पंकज डावर ने यह भी कहा कि आज जो लोग संविधान, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और संस्थागत गरिमा की दुहाई दे रहे हैं, उन्होंने खुद हरियाणा में लोकतंत्र का गला घोंट दिया है। चाहे वह गुप चुप तरीके से बिजली दरों में बढ़ोतरी हो, पेपर लीक का सिलसिला हो या न्याय की मांग करने वाले किसानों, युवाओं, कर्मचारियों की आवाज को कुचलना हो। भाजपा द्वारा लोकतंत्र को दबाने की हर कोशिश हो रही है, जो खतरनाक है।

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