के.के गांधी अब न आईडीए के सदस्य हैं, न ही अध्यक्ष : जगत पाल सिंह

 


- राज्य रजिस्ट्रार के आदेश के बावजूद कर रहे हैं भ्रम फैलाने की कोशिश

- अभी भी गांधी स्वयं को बता रहे हैं अध्यक्ष

गुरुग्राम : इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एसोसिएशन (आईडीए) के वरिष्ठ सदस्य श्री जगत पाल सिंह का कहना है कि यह अत्यंत खेदजनक है कि श्री के.के गांधी अब भी स्वयं को आईडीए, सेक्टर 37, गुरुग्राम का अध्यक्ष बताकर आम जनता एवं संस्था के सदस्यों को गुमराह कर रहे हैं।


राज्य रजिस्ट्रार, सोसाइटीज हरियाणा, चंडीगढ़ द्वारा दिनांक 12 मई 2025 को जारी आदेश में स्पष्ट रूप से यह घोषित किया गया है कि श्री के.के गांधी की न तो IDA में वैध सदस्यता है और न ही वह संस्था के किसी पद पर अधिकृत हैं। यह आदेश संस्था से संबंधित सभी वैधानिक दस्तावेजों, रिकॉर्ड और प्रस्तुत पक्षों की सुनवाई के पश्चात पारित किया गया है।


यह आदेश केवल एक व्यक्तिगत शिकायत का नतीजा नहीं, बल्कि संस्था की मर्यादा, पारदर्शिता और नियमों की रक्षा हेतु की गई व्यापक प्रक्रिया का परिणाम है।

इसके बावजूद श्री गांधी द्वारा विभिन्न समाचार माध्यमों में स्वयं को आईडीए अध्यक्ष दर्शाकर बयान प्रकाशित करवाना न केवल भ्रामक है, बल्कि राज्य रजिस्ट्रार के वैधानिक आदेश की अवहेलना भी है। इससे न केवल संस्था की प्रतिष्ठा को आघात पहुंचा है, बल्कि सदस्यों के बीच भ्रम भी फैला है, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।



श्री जगतपाल सिंह ने कहा कि उन्होंने इस पूरे प्रकरण की सूचना गुरुग्राम के उपायुक्त महोदय को लिखित रूप से भेज दी है तथा उनसे अनुरोध किया है कि वे इस अवैध गतिविधि पर शीघ्र संज्ञान लें। संस्था के सभी सक्रिय एवं सम्मानित सदस्यों को भी सचेत किया जाता है कि वे श्री गांधी के किसी भी संदेश, आमंत्रण या दस्तावेज़ को आईडीए की वैध गतिविधि के रूप में न स्वीकारें।


आईडीए के नाम, पदों और खातों का कोई भी दुरुपयोग विधिक अपराध की श्रेणी में आता है। संस्था अपने अधिकारों और गरिमा की रक्षा के लिए सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है। आईडीए एक लोकतांत्रिक, पारदर्शी और नियमबद्ध संस्था है, और हम सभी सदस्य इसकी मर्यादा को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हम संस्था को किसी भी अवैध कब्जे, झूठे दावों और भ्रमित प्रचार से मुक्त रखेंगे।

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