जनता नारकीय जीवन जीने को मजबूर, भ्रष्टाचार और लापरवाही चरम पर
गुरुग्राम, 15 जुलाई:
गुरुग्राम के समाजसेवी इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह ने एक प्रेस वक्तव्य जारी कर हरियाणा सरकार, जनप्रतिनिधियों और प्रशासन पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के आदेशों की खुलेआम अवहेलना हो रही है और स्मार्ट सिटी कहलाने वाला गुरुग्राम आज गंदगी, सीवर जाम, भ्रष्टाचार और अव्यवस्थाओं के चलते 'नरक सिटी' बन गया है।
उन्होंने हरियाणा सरकार मंत्री नरबीर सिंह, गुरुग्राम विधायक मुकेश शर्मा गुरुग्राम एमजी मेयर राजरानी मल्होत्रा एमजी पार्षदों व गुरुग्राम प्रशासनिक अधिकारी उपयुक्त एमसीजी कमिश्नर व जीएमडीए, शासन प्रशासन के कार्यो पर मुख्य आरोप और सवाल खड़े किए।
बरसात में सड़कों का निर्माण - जान जोखिम में!
इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 15 जून तक सभी सड़क निर्माण कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए थे, परंतु कुछ पार्षदों ने अपनी 'छवि चमकाने' के लिए मानसून के बीच में ही सड़क खुदाई और निर्माण कार्य शुरू करवा दिए। इससे न केवल कार्य की गुणवत्ता पर असर पड़ा है, बल्कि जलभराव और दुर्घटनाओं की आशंका भी बढ़ गई है। शहर की सड़कें खुदी हुई हैं और आम जनता भारी परेशानी झेल रही है।
गऊ वंश सड़कों पर – टास्क फोर्स फेल
गुरिंदरजीत सिंह ने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री द्वारा बनाई गई गऊ वंश टास्क फोर्स के बावजूद आज भी गोवंश सड़कों और कूड़े के ढेरों पर घूमता नजर आता है, जिससे सड़क हादसों और संक्रामक बीमारियों का खतरा बना हुआ है।
सीवर ओवरफ्लो, स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल
उन्होंने आरोप लगाया कि मानसून पूर्व सीवर सफाई केवल कागजों तक सीमित रही। राजेन्द्रा पार्क, धनवापुर, सूरत नगर सहित कई कॉलोनियों में सीवर ओवरफ्लो हो रहा है। जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं। विधायक का '100 दिन सफाई अभियान' महज एक जुमला साबित हुआ है।
स्वास्थ्य सेवाओं पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल सेक्टर 10ए में महीनों से एक्स-रे मशीन खराब पड़ी है। दंत विभाग में RCT और एक्स-रे जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। CMOs से मिलने की कोशिश करने पर भी मुलाकात नहीं होती। “स्वस्थ हरियाणा” का सपना गुरुग्राम में कोरी कल्पना बन गया है।
शिक्षा और रोजगार पर भी उठाए सवाल
गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर गरीबों की रेहड़ियां तोड़ी जा रही हैं, जबकि अमीरों द्वारा किए गए अतिक्रमण पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही – चाहे वह निजी अस्पतालों की सड़क पर पार्किंग हो या स्कूलों द्वारा ग्रीन बेल्ट पर कब्जा।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि शिक्षा विभाग गुरुग्राम और बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्रों में गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों पर कार्रवाई करने में विफल रहा है।
भ्रष्टाचार पर चुप क्यों है सरकार?
गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि SPR रोड, द्वारका एक्सप्रेसवे और बसई रोड जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स में भ्रष्टाचार की बू साफ आती है। बार-बार सड़कें धंस रही हैं, ट्रक गिर रहे हैं – यह लापरवाही नहीं, भ्रष्टाचार का प्रमाण है। अगर मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं, तो अब तक दोषियों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
तीखे सवाल मुख्यमंत्री से:
गुरिंदरजीत सिंह ने मुख्यमंत्री से सीधे सवाल पूछे:
क्या आप गुरुग्राम को वास्तव में स्वच्छ शहर बना पाएंगे?
सीवर सफाई में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और पार्षदों पर कब होगी कार्रवाई?
क्या सेक्टर 10ए के अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं बहाल होंगी?
क्या गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों पर कार्रवाई होगी?
क्या गऊ वंश को गौशालाओं तक पहुंचाया जाएगा?
क्या सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर किया जाएगा?
क्या निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार पर जिम्मेदार अधिकारियों, पार्षदों व ठेकेदारों पर कार्रवाई होगी?
निष्कर्ष:
गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि अब समय भाषणों का नहीं, कार्रवाई का है। अगर मुख्यमंत्री वाकई ईमानदार हैं तो उन्हें गुरुग्राम में आदेशों की अनदेखी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए – वरना जनता अब ‘विकास’ और ‘सुशासन’ जैसे शब्दों पर विश्वास नहीं करेगी।