गुरुग्राम: इस्काॅन बिजवासन सेंटर दिल्ली में जन्माष्टमी पर्व के अवसर पर एक भव्य आयोजन किया जा रहा है। इस्काॅन सेंटर के इस समारोह में सामाझिक कार्यकर्ता श्री मति रोशनी देवी जी को इस्काॅन ट्रस्ट के मुख्य प्रतिनिधियों द्वारा उनके निवास स्थान पालम विहार में विशेष आमन्त्रण दिया गया। इन प्रतिनिधियों को रोशनी देवी जी ने अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति वक्ता श्री प्रेम रावत जी की विश्व प्रसिद्ध पुस्तकें स्वय की आवाज और स्वांस देकर सम्मानित किया और उनके द्वारा किये जाने वाले धार्मिक कार्यों तथा गीता जैसे महान ग्रन्थ को विश्व पटल पर पहुँचाने की सराहना भी की।
इस अवसर पर रोशनी जी ने गीता के मुख्य श्लोक का उदाहरण देते हुये कहा है कि तद्विद्विप्रणिपातेनपरिप्रश्नेन सेवया ।
उपदेक्ष्यन्ति ते ज्ञानं ज्ञानिनस्तत्त्वदर्शिन: ।।
हमें समय रहते तत्त्वदर्शी महापुरुषों की खोज करनी चाहिये, उनके समक्ष विनय भाव से बालक का हृ्दय लेकर सच्चे ज्ञान को प्राप्त करने की याचना करनी चाहिये जिसके अभ्यास द्वारा हम स्वंय को जान सकते हैं क्योंकि भगवान श्री कृष्ण ने स्पष्ट किया है कि हे अर्जुन स्वयं को जान लेने के बाद तुझे कुछ भी जानना बाकि नहीं रह जायेगा