सेक्टर-37 औद्योगिक क्षेत्र की समस्याओं को लेकर पीएफटीआई पदाधिकारियों ने निगमायुक्त प्रदीप दहिया से की मुलाकात
गुरुग्राम, 1 सितंबर। सेक्टर-37 औद्योगिक क्षेत्र की गंभीर समस्याओं को लेकर प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज (पीएफटीआई) के पदाधिकारियों ने सोमवार को नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त श्री प्रदीप दहिया से मुलाकात की। इस दौरान पदाधिकारियों ने औद्योगिक क्षेत्र की विभिन्न मूलभूत समस्याओं को विस्तार से रखा और उनके त्वरित समाधान की मांग की।
बैठक के दौरान सबसे बड़ी चिंता सीवर ओवरफ्लो को लेकर जताई गई। पीएफटीआई चेयरमैन दीपक मैनी की अगुवाई में आए प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि इस क्षेत्र में सीवरेज नेटवर्क लगभग 40 वर्ष पुराना हो चुका है, जिसके कारण आए दिन सीवर जाम व ओवरफ्लो की समस्या बनी रहती है। उन्होंने निगम आयुक्त से आग्रह किया कि जल्द से जल्द इस जर्जर सीवरेज नेटवर्क को बदलकर नई व्यवस्था स्थापित की जाए।
पदाधिकारियों ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में ड्रेनेज सिस्टम का भी भारी अभाव है, जिसके कारण बरसात के मौसम में पूरे इलाके में जलभराव की गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती है। विशेष रूप से बजार्ज मोटर्स के सामने हर बारिश में पानी भरने से यातायात और उद्योग दोनों प्रभावित होते हैं। इस समस्या के स्थायी समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
इसके अलावा, प्रतिनिधिमंडल ने औद्योगिक क्षेत्र में रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को दुरुस्त करने, साफ-सफाई व कचरा प्रबंधन व्यवस्था को सुदृढ़ करने की भी मांग की। साथ ही, सेक्टर-37 में औद्योगिक क्लब की स्थापना की भी मांग की, ताकि उद्योगपतियों और कर्मचारियों के लिए सामुदायिक गतिविधियों का बेहतर वातावरण बन सके।
बैठक में अंडरग्राउंड वाटर उपयोग हेतु एनओसी जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाने और शीघ्र अनुमोदन उपलब्ध कराने का मुद्दा भी उठाया गया। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि लंबी प्रक्रिया व देरी से उद्योगों को नुकसान होता है, इसलिए इस व्यवस्था को सुगम बनाना समय की मांग है।
निगमायुक्त श्री प्रदीप दहिया ने पीएफटीआई पदाधिकारियों की सभी बातों को गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि नगर निगम प्राथमिकता के आधार पर समस्याओं के समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाएगा। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र शहर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, और वहां बेहतर बुनियादी ढांचे की उपलब्धता निगम की जिम्मेदारी है।
पीएफटीआई चेयरमैन दीपक मैनी ने बताया कि सेक्टर-37 औद्योगिक क्षेत्र लंबे समय से मूलभूत सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा है। सीवर और ड्रेनेज की समस्या उद्योगों के सुचारू संचालन में सबसे बड़ी बाधा है। हमने निगमायुक्त से आग्रह किया है कि सीवरेज नेटवर्क को तुरंत बदला जाए और जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान किया जाए। साथ ही एनओसी प्रक्रिया को सरल बनाने से उद्योगों को राहत मिलेगी और विकास की गति तेज होगी।
पीएफटीआई निदेशक एडवोकेट आर.एल. शर्मा ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र की समस्याएँ केवल उद्योगपतियों ही नहीं, बल्कि यहाँ काम करने वाले हजारों श्रमिकों और कर्मचारियों को भी प्रभावित करती हैं। ड्रेनेज व सीवर की दिक्कतें हर बारिश में कामकाज को बाधित कर देती हैं। यदि रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को दुरुस्त किया जाए और सफाई व कचरा प्रबंधन को मजबूत किया जाए तो पूरे क्षेत्र की स्थिति में बड़ा सुधार होगा।
प्रतिनिधिमंडल में पीएफटीआई चेयरमैन दीपक मैनी, निदेशक एडवोकेट आरएल शर्मा, गुरुग्राम जिलाध्यक्ष पीके गुप्ता, कोर कमेटी सदस्य डीपी गौड़, सदस्य व बजाज मोटर्स लिमिटेड के निदेशक जे के बता शामिल थे।