गुरूग्राम
पाकिस्तान मूल के हैं गुरूग्राम की मेयर पिता। इनके पिता पाकिस्तान से विस्थापित होकर भारत आए और बाद में उन्हें सरकार द्वारा जमीन देकर यहां बसाया गया। यह ब्यान हाईकोर्ट के आदेश के बाद बुधवार को गुरूग्राम की मेयर के फर्जी कागजात मामले में जिला उपायुक्त गुरूग्राम ने सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता ने दर्ज कराए। सुनवाई के दौरान भाजपा की मेयर राजरानी मलहोत्रा और सीमा पाहूजा की ओर से भी जिला उपायुक्त अपने ब्यान दर्ज कराए। माना जा रहा है कि जल्द ही इस बाबत जिला उपायुक्त गुरूग्राम अजय कुमार अपना फैसला सुनाएंगे।
क्या है मामला
महाराजा दक्ष प्रजापति महासभा के प्रदेशाध्यक्ष यशपाल प्रजापति द्वारा हाईकोर्ट में शिकायत दी गई थी कि गुरूग्राम की भाजपा मेयर राजरानी मलहोत्रा ने फर्जी बीसी ए जाति का प्रमाण पत्र बनवाया और बाद में इसी फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़कर भाजपा की सीट से मेयर पद पर बैठ गई। यह बीसीए के लोगों के हितों पर सीधा डाका डाला गया। इस संबंध में कोर्ट ने जिला कमेटी को प्रमाण पत्र की जांच के जिला उपायुक्त को 30 दिनों में करने के आदेश जारी किए गए थे। इसी संबंध में जिला उपायुक्त द्वारा शिकातयकर्ता यशपाल प्रजापति, शांता कुमार आर्य व बनवारी लाल के आलवा आरोपी गुरूग्रमा मेयर राजरानी मलहोत्रा व सीमा पाहूजा को नोटिस देकर बुलाया गया था।
क्या है ब्यान
शिकायतकर्ता के ब्यानों के अनुसार राजरानी मलहोत्रा के पिता विशन दास का जन्म हरियाणा का नहीं है वह मूलरूप से पश्चिम पाकिस्तान से माईग्रेट होकर आए है और बंटवारे के समय जमीन अलाट की गई है। हरियाणा सरकार की हिदायत एंव उच्चतम न्यायालय के अनुसार राज्य कोटे की आरक्षण का फायदा सिर्फ उस राज्य के मूल निवासी को ही मिल सकता है। मेयर राजरानी मलहौत्रा एवं सीमा पाहुजा हरियाणा की मूल निवासी नहीं हैं। उन्हें हरियाणा में आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकता। ब्यान के अनुसार सरकारी जनगणना के रिकार्ड व आम जनता में उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार राजरानी मलहौत्रा के पिता बूटटा उप जाति से हैं जो कि जाट जाति होती है। इसी प्रकार सीमा पाहुजा के पिता का उपनाम कपूर है जो कि खत्री जाति होती है और सामान्य वर्ग में आती है। दोनो के माता पिता जाति पिछड़ा वर्ग में नहीं आती है और ना ही इनकी जाति को कभी भी पिछड़ा वर्ग के पहचान के सर्वे के समय किसी भी आयोग सरकार ने शामिल नही किया है।
इस संबंध में शिकायतकर्ता यशपाल प्रजापति का कहना है कि जिला उपायुक्त से उन्हें सही फैसले की पूरी उम्मीद है लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह चंढीगढ़ कमेटी के सामने अपना पक्ष रखेंगे और सरकार ने उन्हें फिर भी न्याय दिया तो वो उच्च न्यायालय तक इस बात को लेकर जाएंगे। बीसीए में गरीब लोगों को सरकार ने रखा है। यह सीधे सीधे उनके हक और अधिकारों पर डाका डाला जा रहा है। पूरे हरियाणा की नजरे सरकार और जिला उपायुक्त फैसले पर टिक रही हैं।
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जिला उपायुक्त कार्यायल में यशपाल प्रजापति व अन्य अपना पक्ष रखने जाते हुए।