*त्योहार के साथ शुद्ध वातावरण भी जरूरी समाजसेवी श्रीपाल शर्मा*

 कादीपुर इंडस्ट्रियल एसोसिएशन व शहीद यादगार मंच हरियाणा अध्यक्ष समाजसेवी श्रीपाल शर्मा ने बताया कि दीपावली हमारा बहुत ही पवित्र त्यौहार है इस दिन सभी लोग अपने-अपने ढंग से पूजा पाठ करते हैं घी के दीए जलाते हैं घरों को भी सजाते है पशुओं को भी मोटर गाड़ी हर तरह से सजावट व पूजा पाठ होती है दूसरा भगवान श्री राम वनवास काटकर अयोध्या लौटे तो खुशियां मनाई गई घी के दीए जलाए गए लेकिन भारी-भरकम बम और पटाखे नहीं छोड़े गए कुछ लोग तो अपने पैसे के घमंड में कुछ एक दूसरे को दिखाने के चक्कर में और कुछ ऐसे लोग हैं जिनका किसी से कोई लेना-देना नहीं अपनी मर्जी से चलना है कुछ भाई तर्क देते हैं की दिवाली पर पटाखे तो जरूरी है नहीं तो दिवाली किस बात की



 इसलिए उन सभी भाइयों से मेरा इतना निवेदन है कि समय और जरूरत के हिसाब से हमें अपने आप को बदल लेना चाहिए क्योंकि ज्यादा शोर और प्रदूषण से छोटे बच्चों बुजुर्गों और बीमार लोगों को बहुत ज्यादा परेशानी होती है जो दिल के मरीज है जो सांस टी बी व दमा के मरीज है उनमें बहुत सारे मरीजों को दिल्ली गुरुग्राम जैसे शहरों को छोड़कर बाहर जाना पड़ता है कुछ को अस्पताल में दाखिल होना पड़ता है ऐसे लोगों पर हमें दया करनी चाहिए अपने बच्चों को समझना चाहिए और देखिए दिवाली के तुरंत बाद ग्रेप टू लग गया क्योंकि जीवन जरूरी है सरकार को समय के हिसाब से कदम उठाना पड़ता है लेकिन  सरकार द्वारा जो पाबंदियां लगाई जाती है उससे नुकसान भी बहुत होता है जैसे प्रदूषण की मात्रा बढ़ेगी ग्रेप बढ़ेगा बहुत सारी चीज रुक जायेगी उदाहरण के तौर पर इंडस्ट्री में प्रोडक्शन रुक जाएगी काम रूकेगा कामगार छुट्टी पर होंगे उत्पादन बंद होने से कंपनी और देश का नुकसान होगा बात छोटी सी थी लेकिन नुकसान दूर तक होता है जैसे दूसरे कार्यों में हम बदल गए ऐसे बम पटाखों के बारे में भी हमें अपनी सोच बदलनी चाहिए समय की जरूरत है ऑक्सीजन की कमी है क्योंकि पेड़ पौधे कम है जंगल कम होते जा रहे हैं जनसंख्या लगातार बढ़ रही है अगर अभी से हम ध्यान नहीं देंगे तो आगे और भी भयंकर दुष्परिणाम होंगे

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