द्रोणाचार्य गवर्नमेंट कॉलेज, गुरुग्राम में महिला प्रकोष्ठ द्वारा पाँच-दिवसीय योग कार्यशाला का शुभारंभ

 द्रोणाचार्य गवर्नमेंट कॉलेज, गुरुग्राम में महिला प्रकोष्ठ द्वारा पाँच-दिवसीय योग कार्यशाला का शुभारंभ बड़े उत्साह और गरिमामय वातावरण में किया गया। यह कार्यशाला छात्राओं की विशेष मांग पर आयोजित की गई, जिसका मुख्य उद्देश्य परीक्षा के दौरान होने वाले तनाव को कम करना, मानसिक एकाग्रता बढ़ाना और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना था। कार्यशाला में 100 से अधिक छात्राओं ने भाग लिया, साथ ही महिला प्रकोष्ठ की सभी सदस्याएँ भी उपस्थित रहीं।


कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्या श्रीमती पुष्पा अंतिल ने की, जबकि महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ. रेनू के मार्गदर्शन में पूरे सत्र का संचालन किया गया। कार्यशाला के प्रशिक्षक के रूप में प्रसिद्ध योगाचार्य श्री अक्षय आनंद उपस्थित रहे, जिन्होंने अपने ज्ञान और अनुभव से छात्राओं को योग के महत्व से अवगत कराया। कार्यशाला के पहले दिन की शुरुआत में योगाचार्य अक्षय आनंद ने योग के मूल सिद्धांतों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन को संतुलित और समृद्ध बनाने वाला अनुशासन है। यह मनुष्य को शारीरिक रूप से तो सुदृढ़ बनाता ही है, साथ ही मानसिक रूप से भी स्थिरता और आत्मविश्वास प्रदान करता है। उन्होंने छात्रों को बताया कि नियमित योगाभ्यास से व्यक्तित्व विकास, आंतरिक शक्ति, सकारात्मक सोच और मन-शरीर का संतुलन बेहतर होता है।


योगाचार्य ने गर्दन व पीठ दर्द जैसी सामान्य समस्याओं के समाधान हेतु सरल और प्रभावी आसनों का प्रदर्शन किया। उन्होंने यह भी बताया कि योग गर्भावस्था के दौरान होने वाली असुविधाओं को कम करने में सहायक सिद्ध होता है। इसके साथ ही उन्होंने संतुलित आहार, सही दिनचर्या, प्रकृति से जुड़ाव और सकारात्मक सोच को स्वस्थ जीवनशैली की आधारशिला बताया। छात्राओं ने विभिन्न योगासन, श्वास-प्रश्वास तकनीकें और ध्यानाभ्यास को उत्साहपूर्वक सीखा तथा व्यावहारिक रूप से अपनाया। योगाचार्य ने कहा कि आधुनिक जीवन की तेज रफ्तार में योग ही ऐसा साधन है, जो मनुष्य को ऊर्जा, एकाग्रता और मानसिक शांति प्रदान कर सकता है।


प्राचार्या श्रीमती पुष्पा अंतिल ने अपने संबोधन में इस योग कार्यशाला की सराहना करते हुए कहा कि ऐसा कार्यक्रम विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने छात्राओं से योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने का आग्रह किया। वहीं, बताया कि कार्यशाला का उद्देश्य छात्राओं में स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाना तथा योग के माध्यम से उन्हें तनावमुक्त और स्वस्थ बनाना है।


कार्यशाला  ऊर्जा, उत्साह और उपयोगी जानकारियों से भरपूर रही। आगामी दिनों में प्रतिभागियों को विभिन्न योगाभ्यास, प्राणायाम, ध्यान और स्वास्थ्य संबंधी विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। यह पाँचदिवसीय योग कार्यशाला छात्राओं के लिए न केवल ज्ञानवर्धक होगी, बल्कि उन्हें जीवनभर स्वस्थ और संतुलित रहने की प्रेरणा भी देगी।छात्राओं में इस कार्यशाला को लेकर विशेष उमंग और रुचि दिखाई दी। उन्होंने योग कार्यशाला के महत्व पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों को योग के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभों से अवगत कराया। उनके उद्बोधन ने छात्राओं में आत्मविश्वास और स्वास्थ्य जागरूकता के प्रति नई प्रेरणा उत्पन्न की। उन्होंने बताया कि मनुष्य के जीवन में विश्वास, आत्मबल और सकारात्मक सोच अत्यंत आवश्यक हैं, क्योंकि यही गुण व्यक्ति के व्यक्तित्व को सशक्त बनाते हैं और उसे कठिन परिस्थितियों में भी संतुलित बनाए रखते हैं।


योगाचार्य अक्षय आनंद  प्रशिक्षण सत्र संचालित किया गया, जिसमें उन्होंने ‘स्वास्थ्य स्तंभ अभ्यास’ पर विशेष चर्चा की। उन्होंने कहा कि शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए नियमित अभ्यास अत्यंत लाभकारी है, क्योंकि यह शरीर को विषैले तत्वों से मुक्त करता है और पाचन तंत्र को सुदृढ़ बनाता है। साथ ही उन्होंने जंक फूड से दूरी बनाकर प्राकृतिक और संतुलित भोजन अपनाने के महत्व पर भी बल दिया। ध्यान साधना के बारे में उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मानसिक शांति, एकाग्रता और भावनात्मक स्थिरता प्राप्त करने का साधन है। नियमित ध्यान मनुष्य को तनावमुक्त बनाता है और आंतरिक शांति प्रदान करता है।


प्रशिक्षण सत्र के दौरान योगाचार्य ने छात्राओं को कपालभाति, त्रिकोणासन और ऊर्ध्व भुजंगासन का व्यावहारिक अभ्यास भी कराया। छात्राओं ने इन आसनों को अत्यंत लगन और अनुशासन के साथ सीखा। प्रशिक्षण का यह भाग विशेष रूप से प्रभावी रहा, क्योंकि इससे छात्राओं को योग के वास्तविक शारीरिक लाभों का प्रत्यक्ष अनुभव हुआ। उल्लेखनीय बात यह रही कि परीक्षा अवधि चलने के बावजूद छात्राओं ने उत्साहपूर्वक कार्यशाला में भाग लिया, जिससे उनके योग के प्रति समर्पण और जागरूकता का परिचय मिला।

प्रोफेसर ऋतू तोमर ने कार्यशाला का समापन करते हुए योगाचार्य की प्रशंशा की. छात्राओं को न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति प्रेरित किया, बल्कि मानसिक संतुलन, सकारात्मक सोच और अनुशासनात्मक जीवन शैली अपनाने की दिशा में भी आगे बढ़ाया।

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