गुरुग्राम नगर निगम ने डॉ. बलप्रीत सिंह के स्थानांतरण पर किया विदाई समारोह का आयोजन
- अब संभालेंगे अंबाला नगर निगम में आयुक्त की जिम्मेदारीगुरुग्राम, 8 मई। अतिरिक्त निगमायुक्त डॉ. बलप्रीत सिंह के नगर निगम अंबाला में स्थानांतरण के उपलक्ष्य में वीरवार को नगर निगम गुरुग्राम की ओर से एक भावभीनी विदाई समारोह का आयोजन किया गया। हरियाणा सरकार द्वारा उन्हें नगर निगम अंबाला में आयुक्त की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इस अवसर पर नगर निगम गुरुग्राम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने डॉ. सिंह को सम्मानित करते हुए उनके कार्यकाल के दौरान किए गए उल्लेखनीय कार्यों को याद किया। इस विदाई समारोह में संयुक्त आयुक्त सुमित कुमार, बीडल्यूजी मॉनिटरिंग सेल, सेनिटेशन सिक्योरिटी फोर्स के सदस्य, सीडी इंटरनेशनल स्कूल से यशपाल यादव, इंक एडवरटाइजिंग से प्रदीप यादव और अन्य निगम कर्मचारी उपस्थित रहे। सभी ने डॉ. सिंह के भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं और उनके नेतृत्व में किए गए कार्यों की सराहना की।
उल्लेखनीय है कि निगम प्रशासन का कार्य किसी भी शहर की रीढ़ होता है—जहां योजनाओं का केवल निर्माण ही नहीं, उनका प्रभावी क्रियान्वयन ही एक बेहतर शहर की नींव रखता है। गुरुग्राम नगर निगम में अतिरिक्त आयुक्त के रूप में डॉ. बलप्रीत सिंह का कार्यकाल इसी बात का प्रमाण रहा है कि समर्पण, दूर दर्शिता और प्रशासनिक कुशलता मिलकर किस तरह ठोस बदलाव ला सकती है। डॉ. सिंह ने अपने एक वर्ष से अधिक के कार्यकाल में न केवल ठोस कचरा प्रबंधन को एक नई दिशा दी, बल्कि इसे डिजिटल युग से जोड़ते हुए बल्क वेस्ट जनरेटरों की ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली को लागू कर एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। स्वच्छता अभियान की बात हो या सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त गुरुग्राम का लक्ष्य, हर मोर्चे पर उन्होंने सक्रियता और संवेदनशीलता के साथ नेतृत्व किया।
बंधवाड़ी लिगेसी वेस्ट निस्तारण प्रक्रिया की निगरानी से लेकर स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत हुई राष्ट्रीय स्तर की गतिविधियों में भागीदारी तक, उन्होंने दिखाया कि एक प्रतिबद्ध अधिकारी किस प्रकार व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है। विशेष रूप से पत्र लेखन प्रतियोगिता का इंडिया बुक ऑफ अमेजिंग रिकॉर्ड में दर्ज होना इस बात का संकेत है कि स्वच्छता जैसे गंभीर विषयों को भी जनभागीदारी से जीवंत बनाया जा सकता है। उनका स्थानांतरण निस्संदेह गुरुग्राम के लिए एक भावनात्मक क्षण है, किंतु यह उम्मीद की जा सकती है कि अंबाला नगर निगम को अब उनके अनुभव और दूरदर्शिता का लाभ मिलेगा। शहर को बेहतर बनाने की यह दौड़ कभी खत्म नहीं होती, लेकिन डॉ. बलप्रीत सिंह जैसे अधिकारियों की भूमिका इस दौड़ की दिशा तय करती है। गुरुग्राम उन्हें सादर विदाई देता है, लेकिन उनके योगदान की छाप यहां लंबे समय तक बनी रहेगी।
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