हिंदी भाषा आत्मा की भाषा, हिंदी प्रवक्ता नवीन भारद्वाज
हिन्दी दिवस के अवसर पर आज दिनाँक 14 सितम्बर 2025 को हिन्दी प्रवक्ता श्री नवीन भारद्वाज, रा क व मा विद्यालय जैकबपुरा, गुरुग्राम से चर्चा हुई तो उन्होंने विनम्रता से खुद को हिन्दी का विधार्थी बताया। हिन्दी दिवस पर चर्चा करते हुए उन्होंने मुस्कुराते हुए आलोचनात्मक स्वर में कहा कि,
कुछ निर्बुद्धि हिन्दी भाषा का विरोध हिन्दी भाषा में ही करते हैं, शायद उनकी बौद्धिकता व्यधिग्रस्त है !
हिन्दी भाषा का महत्व समझाते हुए कहा कि हमें स्वयं का मूल्यांकन कर यह देखना चाहिए कि आप किस भषा में अपने कर्तव्यों और अधिकारों का सहजता से नियमित पालन कर रहे हैं. फिर जो आपकी आत्मा से भाषा निकलेगी वही आपकी मातृभाषा हैं , जो हमें माँ के अंचल से प्राप्त हुई हैं। भारद्वाज ने कहा कि मेरी आत्मीय भाषा हिन्दी हैं जो मेरे मन के भावों का रोज पौषण करती है।
इसके पश्चात प्रवक्ता नवीन भारद्वाज ने अपने मन के भावों से हिन्दी के गौरव का गुणगान कुछ यूँ किया.....
यूँ तो मेरी कोई हस्ती नहीं,
जो कुछ हूँ माँ तुझी से हूँ।
प्राणो में समाई हे माँ!
तुम एक विषय नहीं हो....
अपितु सभी रसों व भावों कि कि जननी हो, इसीलुए तुम माँ हो....
मूल संवाहिका तुम मन की,
हर्षित और विकल्प जन की,
हैं चरण वंदन बारम्बार तुमको माँ,
हो शाख तुम भारत वतन की...
हो शाख तुम भारत वतन की......
इसके पश्चात प्रवक्ता नवीन भारद्वाज ने समस्त देशवासियों को हिंदी भाषा दिवस की सभी को शुभकामनाएं दी व हिंदी भाषा के विकास और उत्थान में देशवासियों से आगे आने की विनम्र प्रार्थना की।
जय हिंद
प्रवक्ता नवीन भारद्वाज
9811232709