शिक्षक दिवस पर शिक्षकों का विशेष सम्मान: पीस एजुकेशन प्रोग्राम के माध्यम से शिक्षकों के सशक्तीकरण की अनूठी पहल
गुरुग्राम : शिक्षक दिवस के महत्त्वपूर्ण अवसर पर, राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, जैकबपुरा पुरा, गुरुग्राम में चल रहे पीस एजुकेशन प्रोग्राम के अंतर्गत एक विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। द प्रेम रावत फाउंडेशन (टीपीआरएफ) के स्वयंसेवकों ने 5 सितंबर को विद्यालय के 40 शिक्षकों को सम्मानित किया और उन्हें "हियर योरसेल्फ", "स्वयं की आवाज़" और "स्वांस" नामक प्रेरणादायक पुस्तकें भेंट कीं।
पीस एजुकेशन प्रोग्राम 29 अगस्त से 12 सितंबर तक विद्यालय में आयोजित किया जा रहा है। सम्मान समारोह में टीपीआरएफ के स्वयंसेवकों में प्रसिद्ध समाजसेविका एवं पूर्व विधायक स्वर्गीय श्री राकेश दौलताबाद की माताजी श्रीमती रोशनी देवी, राजदीप त्यागी (बोर्ड सलाहकार), धर्मेंद्र गुप्ता, केशव शर्मा और सविता गुप्ता शामिल रहे।
विद्यालय के प्रधानाचार्य, श्री सुशील कुमार कनव ने इस पहल के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा, "यह सम्मान समारोह और शांति शिक्षा कार्यक्रम अत्यंत सार्थक है। यह शिक्षक दिवस हमारे लिए तब आया है जब विद्यालय में पीस एजुकेशन प्रोग्राम चल रहा है, जो शिक्षकों को भीतर से सशक्त और मजबूत बनाएगा। एक सशक्त शिक्षक का प्रभाव केवल विद्यालय के बच्चों तक ही सीमित नहीं रहता, बल्कि यह उनके परिवार और पूरे समाज को सकारात्मक रूप से बदलता है।" उन्होंने आगे कहा, "नई शिक्षा नीति 2020 में भी शिक्षकों को केंद्र में रखा गया है और उन्हें सर्वोच्च सम्मान देने पर जोर दिया गया है। विश्व स्तर पर जीवन को बदलने वाले इस पीस एजुकेशन प्रोग्राम के माध्यम से हम उसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।"
इस अवसर पर श्रीमती रोशनी देवी ने कहा, "शिक्षक हमारे राष्ट्र के भविष्य के निर्माता हैं । जब शिक्षक स्पष्टता, आशा और चयन जैसी अपनी आंतरिक क्षमताओं को पहचानते हैं, तो उनकी नींव मजबूत होती है। यह आत्म-सशक्तिकरण न केवल उन्हें, बल्कि उनके आसपास के पूरे वातावरण को बदलने की शक्ति देता है।" उन्होंने शिक्षक के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कबीर का प्रसिद्ध दोहा उद्धृत किया - "गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पायें, बलिहारी गुरु आपने जिने गोविंद दियो लखाये।" और समझाया कि गुरु का स्थान सर्वोपरि है क्योंकि वही हमें सच्चे मार्ग की ओर ले जाते हैं।
पीस एजुकेशन प्रोग्राम, टी पी आर एफ द्वारा विकसित एक अनुभवात्मक और आत्म-अन्वेषण आधारित कार्यक्रम है, जो व्यक्तियों को अपनी आंतरिक क्षमताओं को जानने और उन्हें जागरूक रूप से अपनाने की प्रेरणा देता है। यह कार्यक्रम विश्वभर में 84 देशों और 46 भाषाओं में उपलब्ध है और समाज के विभिन्न वर्गों में लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला चुका है। यह कार्यक्रम स्पष्टता, सराहना, व्यक्तिगत शक्ति, विकल्प, आशा और शांति जैसे मानवीय मूल्यों पर केंद्रित है और शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए समग्र विकास का एक सशक्त माध्यम बन चुका है।
यह कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति, (एन ई पी- 2020) की भावना के अनुरूप है। इसका उद्देश्य शिक्षकों और विद्यार्थियों में सामाजिक-भावनात्मक दक्षताओं का विकास करना है। साथ ही, यह धारा 5.15 के अंतर्गत उल्लिखित सतत व्यावसायिक विकास (कंटीन्यूअस प्रोफेशनल डेवलपमेंट– सी पी डी ) को सशक्त बनाता है। इस प्रकार, यह शिक्षकों के पेशेवर दक्षता-विकास तथा समग्र व्यक्तित्व-निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाता है।
टी पी आर एफ (द प्रेम रावत फाउंडेशन) एक अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संस्था है जिसकी स्थापना प्रेम रावत द्वारा की गई, जो विश्वप्रसिद्ध शांति वक्ता और न्यू यॉर्क टाइम्स बेस्टसेलर पुस्तक “हीयर योरसेल्फ” के लेखक हैं। हाल ही में उनकी नई पुस्तक “ब्रेथ” भी प्रकाशित हुई है, जो जीवन की सहजता और जागरूकता पर एक प्रेरक दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। प्रेम रावत 100 से अधिक देशों में करोड़ों लोगों को व्यक्तिगत शांति के संदेश से जोड़ चुके हैं।