भगवान शिव कथा में हर्षोल्लास से मनाया गया देव दीपावली महोत्सव

भगवान शिव कथा में हर्षोल्लास से मनाया गया देव दीपावली महोत्सव

भगवान शिव कथा में देव दीपावली की छटा से जगमगा उठा पण्डाल


पूर्ण सद्गुरु के बिना त्रिगुणातीत अवस्था पाना असंभव:  डॉ. सर्वेश्वर

दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से हुडा ग्राउंड, यूरो इंटरनेशनल स्कूल के पास, सेक्टर 10, गुरुग्राम, हरियाणा में आयोजित भगवान शिव कथा के अंतिम दिवस कथा पंडाल में देव दीपावली पर्व अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। गुरुदेव सर्व श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्य कथा व्यास डॉ. सर्वेश्वर जी ने बताया कि कार्तिक मास की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला यह पर्व दीपावली की तरह ही विशेष महत्त्व रखता है। जिस प्रकार हम सब कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाते हैं, उसी प्रकार कार्तिक मास की पूर्णिमा को देवता स्वर्ग में दीपावली का पर्व मनाते हैं। इस दिन देवाधिदेव महादेव ने त्रिपुरारी रूप धारण कर त्रिपुर दहन किया था और देवताओं को त्रिपुरासुर के आतंक से मुक्त किया था। इसी प्रसन्नता में देवों ने स्वर्ग में दीपमाला कर दीपावली का पर्व मनाया, जिसे देव दीपावली अथवा कार्तिक दीपार्चना पर्व के नाम से जाना जाता है। 


कथा व्यास जी ने बताया कि ये त्रिपुर प्रतीक हैं सत्व, रज, और तम के त्रिगुणों के, जिन्होंने हमारी देहराज्य पर आधिपत्य स्थापित कर सद्गुणों को निष्कासित कर दिया है। पूर्ण सद्गुरु वो क्रोधाजित महायोगी होते हैं जो साक्षात् शिव रूप धारण कर साधक के भीतर आदिनाम के सुमिरन बाण से इन तीनों गुणों का अंत कर देते हैं और अपने शिष्य को त्रिगुणातीत अवस्था प्रदान करते हैं। उसके बाद साधक के भीतर भी सद्गुणों के दीप जगमगाते हैं और वह पूर्ण ब्रह्म में स्थित हो जाता है। अतः देव दीपावली का पर्व यहीं सन्देश देता है कि हम भी अपने जीवन में एक ऐसे सद्गुरु का आश्रय ग्रहण करें जो हमारी श्वासों के भीतर उस आदिनाम का सुमिरन प्रकट कर हमें ब्रह्म में स्थित कर दें। दिव्य गुरुदेव सर्व श्री आशुतोष महाराज जी ब्रह्मज्ञान के माध्यम से आज समाज में प्रत्येक व्यक्ति को यहीं आदिनाम का बाण प्रदान कर उन्हें देवत्व की ओर अग्रसर कर रहें हैं। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान इसी ब्रह्मज्ञान के लिए समाज के हर वर्ग का आह्वान करता है जिससे जन-जन में  दैवीय गुणों यथा ऐक्य, शांति, प्रेम व सद्भावना का संचार कर इस धरा को ही स्वर्ग बनाया जा सके। संस्थान की अधिक जानकारी हेतु आप ऑफिसियल वेबसाइट पर भी विज़िट कर सकते हैं:- https://www.djjs.org/

कार्यक्रम में अनेक विशिष्ट अतिथिगणों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति प्रदान की, जिनमें प्रमुख रूप से श्री श्री पवन कुमार जिंदल (प्रेज़िडेंट – रोड इंडस्ट्रियल एसोसिएशन, गुरुग्राम), श्री दीपक मैनी (चेयरमैन – प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री), डॉ./श्री एवं श्रीमती मनीष शर्मा (मैनेजिंग डायरेक्टर – धरम शक्ति अस्पताल, बहादुरगढ़), श्री रमेश मिश्र, अधिवक्ता राजीव (टैक्स बार एसोसिएशन), डॉ. सुनील (रोटरी ब्लड बैंक), श्री एवं श्रीमती अतिन गुप्ता, श्री एवं श्रीमती वजीन्दर सोलंकी शामिल रहे। सप्तम दिवस के यजमान श्री श्री अमित लखोटिया जी एवं श्रीमती आरती जी, श्री गोतम बुधिराजा जी एवं श्रीमती निवेदिता बुधिराजा जी, श्री विशाल शर्मा जी एवं श्रीमती आँजा शर्मा जी, श्री कपिल सिंह जी एवं श्रीमती संध्या देवी जी, श्री रमेश गुप्ता जी एवं श्रीमती अंजू गुप्ता जी, श्री विनोद शर्मा जी एवं श्रीमती दीपि शर्मा जी, श्री रामबाबू यादव जी एवं श्रीमती निर्मला यादव जी रहे, जिन्होंने भक्ति एवं श्रद्धा के साथ यज्ञ का अनुष्ठान संपन्न किया।

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