महालक्ष्मी मन्दिर में दिव्य अनुष्ठान 26 को”

 महालक्ष्मी मन्दिर में दिव्य अनुष्ठान 26 को”


“”शुक्रवार, 26 दिसंबर को महालक्ष्मी जी के दिव्य अनुष्ठान में इस बार 500 से भी अधिक श्रद्धालुओं के भाग लेने की संभावना””- दिनेश अग्रवाल

 



गुरुग्राम, सौभाग्य, समृद्धि और शांति की अधिष्ठात्री माँ महालक्ष्मी की कृपा-प्राप्ति के लिए श्री महालक्ष्मी मंदिर, सेक्टर–5 के प्रांगण में प्रत्येक माह शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को अत्यंत श्रद्धा एवं उत्साह के साथ दिव्य महाअनुष्ठान का आयोजन बड़ी ही भव्यता से संपन्न कराया जाता है।
श्री महालक्ष्मी मंदिर के महासचिव दिनेश अग्रवाल ने बताया कि गुरुग्राम में संपन्न होने वाला यह एकमात्र सामूहिक अनुष्ठान है, जिसमें उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को माँ महालक्ष्मी को कमल पुष्प तथा महाप्रसाद की सामग्रियाँ स्वयं अपने हाथों से अर्पित करने का सौभाग्य प्राप्त होता है। यह दिव्य अनुभव मन को भाव-विभोर और तन को सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण कर देता है, जिससे यह क्षण सभी भक्तों के लिए अविस्मरणीय बन जाता है।
आर सी गुप्ता, विजय अग्रवाल, गोपाल जिंदल, राजेश अग्रवाल ने कहा कि यह अद्भुत, भव्य एवं अलौकिक अनुष्ठान अपनी किस्म का अनूठा आयोजन है, जिसमें मनोकामना पूर्ति हेतु विधिवत मंत्रोच्चार, पंचपूजा, सहस्त्रनाम पाठ, कमल पुष्प, फल एवं मेवे अर्पण कर माँ महालक्ष्मी का पूजन किया जाता है। पूरे परिसर में अध्यात्मिक वातावरण और पवित्र मंत्रध्वनि से दिव्य तेज व सकारात्मक ऊर्जा का अनुपम संचार होता है। पूर्व अध्यक्ष दिनेश अग्रवाल ने आगे जानकारी दी कि इस अनुष्ठान में सैकड़ों की संख्या में भक्तगण भाग लेते हैं तथा सभी ट्रस्टी एवं सदस्य पूरे उत्साह और निष्ठा के साथ अपनी सेवाएँ प्रदान करते हैं।
विवेक गुप्ता, देवेंद्र गुप्ता, नितिन, रमेश सिंघल, मीनाक्षी गुप्ता ने बोला कि मन्दिर परिसर को भव्य सजावट, पुष्प मालाओं और दीपों से भी अलंकृत किया जाएगा, वहीं सभी भक्त बड़े उत्साह से अद्भुत अनुभूति के साथ माँ के दर्शन एवं आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। अनुष्ठान में शामिल सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण सहित रात्रि भोज भी कराया जाएगा।
मंदिर प्रबंधन समिति, वरिष्ठ उपाध्यक्ष वी के जैन, मैनेजर अनुराधा शर्मा, मनीषा बंसल, आशु अग्रवाल, मीना गर्ग, पूजा गोयल द्वारा इस पावन आयोजन में अधिक से अधिक संख्या में सम्मिलित होने हेतु सभी समाज के भक्तों को आमंत्रित किया गया है। अनुष्ठानकर्ता यज्ञाचार्य डी. पी. शास्त्री ने बताया कि ऐसे दिव्य अनुष्ठान न केवल आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करते हैं बल्कि समाज में सकारात्मक ऊर्जा और सामूहिक सद्भाव का भी विस्तार करते हैं।

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